शहरों की तो सुबह भी काली गाँव की वो हरियाली थकते न | हिंदी Shayari

"शहरों की तो सुबह भी काली गाँव की वो हरियाली थकते नहीं थे दौड़ - दौड़ कर और नहीं थी फूलती साँसे पर यहाँ तो सड़को पर ही चलते - चलते रूकती साँसे। ©Kk_upadhyay"

 शहरों की तो सुबह भी काली
गाँव की वो हरियाली
थकते नहीं थे दौड़ - दौड़ कर
और नहीं थी फूलती साँसे
पर यहाँ तो सड़को पर ही
चलते - चलते रूकती साँसे।

©Kk_upadhyay

शहरों की तो सुबह भी काली गाँव की वो हरियाली थकते नहीं थे दौड़ - दौड़ कर और नहीं थी फूलती साँसे पर यहाँ तो सड़को पर ही चलते - चलते रूकती साँसे। ©Kk_upadhyay

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