मुक्त सोचती हूँ कि तुम्हें याद ना करूँ। कि अब ए | हिंदी कविता

"मुक्त सोचती हूँ कि तुम्हें याद ना करूँ। कि अब ए दिल बेकरार ना करूँ। तू है किसी और का यह जानती हूँ। अब सोचती हूँ कि फरियाद ना करूँ ©Krishna Shrivastav"

 मुक्त
 
सोचती हूँ कि तुम्हें याद ना करूँ। 
कि अब ए दिल बेकरार ना करूँ। 
तू है किसी और का यह जानती हूँ। 
अब सोचती हूँ कि फरियाद ना करूँ

©Krishna Shrivastav

मुक्त सोचती हूँ कि तुम्हें याद ना करूँ। कि अब ए दिल बेकरार ना करूँ। तू है किसी और का यह जानती हूँ। अब सोचती हूँ कि फरियाद ना करूँ ©Krishna Shrivastav

#intezar

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