Krishna Shrivastav

Krishna Shrivastav

ना मैं हिन्दू ना मैं मुस्लिम ना मैं सिख ईसाई हूँ मेरे देश की मिट्टी कहे बस मैं हिन्दुस्तानी हूँ Teacher, Prose and poetry writer. Close to nature.

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सितम खाकर वफ़ा करता रहा है दिल मुहब्बत में जफा सहता रहा है दिल वफा उसको कभी आया नहीं करना टुटा पिंजरा पंक्षी उड़ता रहा है दिल ©Krishna Shrivastav

#कविता #WinterEve  सितम खाकर वफ़ा करता रहा है दिल
मुहब्बत  में  जफा  सहता रहा है दिल
वफा उसको कभी  आया नहीं करना 
टुटा  पिंजरा  पंक्षी  उड़ता रहा है दिल

©Krishna Shrivastav

#WinterEve

15 Love

बहुत तुम याद आते हो जिया को तुम दुखाते हो भिगोकर अश्क से आंखें मुहब्बत में रुलाते हो कृष्णा श्रीवास्तव राज ©Krishna Shrivastav

#कविता #Sawera  बहुत तुम याद आते हो

जिया को तुम दुखाते हो

भिगोकर अश्क से आंखें

मुहब्बत   में   रुलाते   हो



कृष्णा श्रीवास्तव राज

©Krishna Shrivastav

#Sawera

17 Love

छब्बीस जनवरी आया हैं दिल में उमंग बन छाया हैं सब जन झूमे नाचें गाए गणतंत्र की खुशियाँ मनाए अधिकार मिला अपना-अपना पूर्ण हुआ लोकतंत्र सपना संविधान करता रखवाली अनुसंधान मर्यादा वाली गणतंत्र सभी को प्यारा भारत मेरा सब से न्यारा है इतिहास सभी बलिदानी अमर शहीदों की कुर्बानी देश प्रेम की ज्योति जलाई भारत फिर आज़ादी पाई भेदभाव तुम पिछे छोड़ो हिन्दुस्तानी मूंह न मोड़ों कृष्णा श्रीवास्तव, राज ©Krishna Shrivastav

#कविता #IndianRepublic  छब्बीस जनवरी आया हैं
दिल में उमंग बन छाया हैं
सब जन झूमे नाचें गाए
गणतंत्र की खुशियाँ मनाए
अधिकार मिला अपना-अपना
पूर्ण हुआ लोकतंत्र सपना
संविधान करता रखवाली
अनुसंधान मर्यादा वाली
गणतंत्र सभी को प्यारा
भारत मेरा सब से न्यारा
है इतिहास सभी बलिदानी
अमर शहीदों की कुर्बानी
देश प्रेम की ज्योति जलाई
भारत फिर आज़ादी पाई
भेदभाव तुम पिछे छोड़ो
हिन्दुस्तानी मूंह न मोड़ों
कृष्णा श्रीवास्तव, राज

©Krishna Shrivastav

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं #IndianRepublic

16 Love

छब्बीस जनवरी आया हैं दिल में उमंग बन छाया हैं सब जन झूमे नाचें गाए गणतंत्र की खुशियाँ मनाए अधिकार मिला अपना-अपना पूर्ण हुआ लोकतंत्र सपना संविधान करता रखवाली अनुसंधान मर्यादा वाली गणतंत्र सभी को प्यारा भारत मेरा सब से न्यारा है इतिहास सभी बलिदानी अमर शहीदों की कुर्बानी देश प्रेम की ज्योति जलाई भारत फिर आज़ादी पाई भेदभाव तुम पिछे छोड़ो हिन्दुस्तानी मूंह न मोड़ों कृष्णा श्रीवास्तव, राज ©Krishna Shrivastav

#कविता #IndianRepublic  छब्बीस जनवरी आया हैं
दिल में उमंग बन छाया हैं
सब जन झूमे नाचें गाए
गणतंत्र की खुशियाँ मनाए
अधिकार मिला अपना-अपना
पूर्ण हुआ लोकतंत्र सपना
संविधान करता रखवाली
अनुसंधान मर्यादा वाली
गणतंत्र सभी को प्यारा
भारत मेरा सब से न्यारा
है इतिहास सभी बलिदानी
अमर शहीदों की कुर्बानी
देश प्रेम की ज्योति जलाई
भारत फिर आज़ादी पाई
भेदभाव तुम पिछे छोड़ो
हिन्दुस्तानी मूंह न मोड़ों
कृष्णा श्रीवास्तव, राज

©Krishna Shrivastav

मुक्त सोचती हूँ कि तुम्हें याद ना करूँ। कि अब ए दिल बेकरार ना करूँ। तू है किसी और का यह जानती हूँ। अब सोचती हूँ कि फरियाद ना करूँ ©Krishna Shrivastav

#कविता #intezar  मुक्त
 
सोचती हूँ कि तुम्हें याद ना करूँ। 
कि अब ए दिल बेकरार ना करूँ। 
तू है किसी और का यह जानती हूँ। 
अब सोचती हूँ कि फरियाद ना करूँ

©Krishna Shrivastav

#intezar

8 Love

माया जाल बहुत दुखत, पीड़ा हो असहाय । मानुष जीव बहुत कठिन, भवसागर में हाय। नयन विछोह बहे नीर, प्राण हुए बेचैन। सुत बिछड़न बरछी लगे, माँ का छीनत चैन। कृष्णा श्रीवास्तव, राज ©Krishna Shrivastav

#कविता #NojotoRamleela  माया जाल बहुत दुखत, पीड़ा हो असहाय ।

मानुष जीव बहुत कठिन, भवसागर में हाय।

नयन  विछोह  बहे  नीर,  प्राण  हुए  बेचैन।

सुत बिछड़न बरछी लगे, माँ का छीनत चैन।

कृष्णा श्रीवास्तव, राज

©Krishna Shrivastav
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