मेरी माँ मुझ से आज ना जाने क्यूँ कर ख़फ़ा हो गयी श
"मेरी माँ मुझ से आज ना जाने क्यूँ कर ख़फ़ा हो गयी
शायद मेरी तक़दीर ही मेरे हक़ में बेवफ़ा हो गयी
जो कभी अपनी आँखों से ना एकपल के लिये ना होने देती थी ओझल
वही आज मुझसे जुदा हो गयी
मो. इक्साद अंसारी"
मेरी माँ मुझ से आज ना जाने क्यूँ कर ख़फ़ा हो गयी
शायद मेरी तक़दीर ही मेरे हक़ में बेवफ़ा हो गयी
जो कभी अपनी आँखों से ना एकपल के लिये ना होने देती थी ओझल
वही आज मुझसे जुदा हो गयी
मो. इक्साद अंसारी