(•उम्मीद•)
उम्मीद पे दुनिया जीती है
मत सोचो क्या क्या बीती है
संतान उड़ाये गुलछरें
और माँ अश्कों को पीती है
अच्छे दिन सब तेरे साथी
ये ही दुनिया की रीति है
प्यार से दुनिया जीती जाये
तलवार से किस ने जीती है
चाहत की चादर फट जाये
तब क़िस्मत कपड़े सीती है
तुम को ये लगे कोई अफ़साना
हम सब की आप-बीती है
💯💯✍️✍️✍️👍🌹
©Kushal
#Hope #ummid
उम्मीद
उम्मीद पे दुनिया जीती है मत सोचो क्या क्या बीती है
संतान उड़ाये गुलछरें और माँ अश्कों को पीती है
अच्छे दिन सब तेरे साथी ये ही दुनिया की रीति है
प्यार से दुनिया जीती जाये तलवार से किस ने जीती है
चाहत की चादर फट जाये तब क़िस्मत कपड़े सीती है
तुम को ये लगे कोई अफ़साना हम सब की आप-बीती है