#Hope#ummid
उम्मीद
उम्मीद पे दुनिया जीती है मत सोचो क्या क्या बीती है
संतान उड़ाये गुलछरें और माँ अश्कों को पीती है
अच्छे दिन सब तेरे साथी ये ही दुनिया की रीति है
प्यार से दुनिया जीती जाये तलवार से किस ने जीती है
चाहत की चादर फट जाये तब क़िस्मत कपड़े सीती है
तुम को ये लगे कोई अफ़साना हम सब की आप-बीती है
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here