आतंक का दूसरा नाम आस्था कहूं तो क्या कहोगे ?
धर्मविरोधी
आपके भावनाएं भी आहत होगी
आपकी गुस्सा जायज है
आंखों पर पट्टी जो बंधी पड़ी है
पर क्षमा कीजियेगा
मन मे बैर न रखियेगा
कितने मरते हैं देश मे आतंकवादी हमलों में
कभी सोचा है आपने
आस्था के नाम पर मरने वालों से ज्यादा या कम
बहुत कम ,इसमें तो दोषी भी पकड़ा जाता है
उनका क्या
जिनका गाड़ी पलट जाती है
डुबकी लगाते ही जल में समा जाते है
भीड़ में लातों तले कुचले जाते है
किसी की भूख से तो किसी की प्यास से जान चले जाते है
आस्था के नाम पर एक दूसरे का खून बहाते है
कौन है दोषी ,कभी पकड़ा जाता क्या ?
कभी नही,पकड़ा भी नही जाएगा
आंखों पर पट्टी जो बंधी पड़ी है
खैर मन चंगा तो कठौती में गंगा
पत्थर पूजे भगवान मीले तो मैं पुजू पहाड़-कबीर
©Arun kr.