Arun kr.

Arun kr. Lives in Samastipur, Bihar, India

कुछ नहीं बस शब्दों से खेल लेता हूँ।

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video

White जब बढ़ने लगती है दूरियां गुजरे यादों की घड़ियां हिलोरे सा मचलती है हम जिन्हें अक्सर नकारते थे अब वो सुनहरे पल और सुकूँ की घड़ियां नजर आते हैं मुस्कुरा लेते अगर कमियों के बावजूद यादें और यादगार हो जाते थमते तो कुछ भी नही महज़ यादों के बची रह जाती हैं महज आपसी लगाव जो बिछड़ने के बाद भी जोड़े रहते है एक दूसरे वरना मिलते तो है हजारों बाजार में हम खोते है सुनहरे पलों को कमियां निकलने में कमियां सुधरती है वंहा ,हमे निकल जाने पर। ©Arun kr.

#विचार #sad_quotes  White जब बढ़ने लगती है दूरियां
गुजरे यादों की घड़ियां
हिलोरे सा मचलती है
हम जिन्हें  अक्सर नकारते थे
अब वो सुनहरे पल और सुकूँ की घड़ियां नजर आते हैं
मुस्कुरा लेते अगर  कमियों के बावजूद यादें और यादगार हो जाते
थमते तो कुछ भी नही महज़ यादों के
बची रह जाती हैं महज आपसी लगाव
जो बिछड़ने के बाद भी जोड़े रहते है एक दूसरे
वरना मिलते तो है हजारों बाजार में 
हम खोते है सुनहरे पलों को कमियां निकलने में
कमियां सुधरती है वंहा ,हमे निकल जाने पर।

©Arun kr.

#sad_quotes

15 Love

आतंक का दूसरा नाम आस्था कहूं तो क्या कहोगे ? धर्मविरोधी आपके भावनाएं भी आहत होगी आपकी गुस्सा जायज है आंखों पर पट्टी जो बंधी पड़ी है पर क्षमा कीजियेगा मन मे बैर न रखियेगा कितने मरते हैं देश मे आतंकवादी हमलों में कभी सोचा है आपने आस्था के नाम पर मरने वालों से ज्यादा या कम बहुत कम ,इसमें तो दोषी भी पकड़ा जाता है उनका क्या जिनका गाड़ी पलट जाती है डुबकी लगाते ही जल में समा जाते है भीड़ में लातों तले कुचले जाते है किसी की भूख से तो किसी की प्यास से जान चले जाते है आस्था के नाम पर एक दूसरे का खून बहाते है कौन है दोषी ,कभी पकड़ा जाता क्या ? कभी नही,पकड़ा भी नही जाएगा आंखों पर पट्टी जो बंधी पड़ी है खैर मन चंगा तो कठौती में गंगा पत्थर पूजे भगवान मीले तो मैं पुजू पहाड़-कबीर ©Arun kr.

#भक्ति  आतंक का दूसरा नाम आस्था कहूं तो क्या  कहोगे ?
धर्मविरोधी
आपके भावनाएं भी आहत होगी
आपकी गुस्सा जायज है
आंखों पर पट्टी जो बंधी पड़ी है
पर क्षमा कीजियेगा
मन मे बैर न रखियेगा
कितने मरते हैं देश मे आतंकवादी हमलों में
कभी सोचा है आपने
आस्था के नाम पर मरने वालों से ज्यादा या कम
बहुत कम ,इसमें तो दोषी भी पकड़ा जाता है
उनका क्या
जिनका गाड़ी पलट जाती है
डुबकी लगाते ही जल में समा जाते है
भीड़ में लातों तले कुचले जाते है
किसी की भूख से तो किसी की प्यास से जान चले जाते है
आस्था के नाम पर एक दूसरे का खून बहाते है
कौन है दोषी ,कभी पकड़ा जाता क्या ?
कभी नही,पकड़ा भी नही जाएगा
आंखों पर पट्टी जो बंधी पड़ी है
खैर मन चंगा तो कठौती में गंगा
पत्थर पूजे भगवान मीले तो मैं पुजू पहाड़-कबीर

©Arun kr.

आतंक का दूसरा नाम आस्था कहूं तो क्या कहोगे ? धर्मविरोधी आपके भावनाएं भी आहत होगी आपकी गुस्सा जायज है आंखों पर पट्टी जो बंधी पड़ी है पर क्षमा कीजियेगा मन मे बैर न रखियेगा कितने मरते हैं देश मे आतंकवादी हमलों में कभी सोचा है आपने आस्था के नाम पर मरने वालों से ज्यादा या कम बहुत कम ,इसमें तो दोषी भी पकड़ा जाता है उनका क्या जिनका गाड़ी पलट जाती है डुबकी लगाते ही जल में समा जाते है भीड़ में लातों तले कुचले जाते है किसी की भूख से तो किसी की प्यास से जान चले जाते है आस्था के नाम पर एक दूसरे का खून बहाते है कौन है दोषी ,कभी पकड़ा जाता क्या ? कभी नही,पकड़ा भी नही जाएगा आंखों पर पट्टी जो बंधी पड़ी है खैर मन चंगा तो कठौती में गंगा पत्थर पूजे भगवान मीले तो मैं पुजू पहाड़-कबीर ©Arun kr.

18 Love

White मिलेगी ढेरों खामियां ज्यादा जानोगे तो पर बेहतर है एक दूसरे को समझ पाना पल भर का आकर्षण या प्रभाव जीवन का अंत नही क्या होगा आगे ये भी सुनिश्चित नही झेल सको अच्छा-बुरा तो साथ आना बेहतर की तलाश सबको है आज बेहतर है आगे रहेगा या नही पता नही पल भर का आकर्षण या प्रभाव जीवन का अंत नही। ©Arun kr.

#love4life #लव  White मिलेगी ढेरों खामियां ज्यादा जानोगे तो 
पर बेहतर है एक दूसरे को समझ पाना
पल भर का आकर्षण या प्रभाव जीवन का अंत नही
क्या होगा आगे ये भी सुनिश्चित नही
झेल सको अच्छा-बुरा तो साथ आना
बेहतर की तलाश सबको है
आज बेहतर है
आगे रहेगा या नही पता नही
पल भर का आकर्षण या प्रभाव जीवन का अंत नही।

©Arun kr.

#love4life

18 Love

White कोई ढूंढे प्रशंसक मैं ढूंढू आलोचक द्वंद हो विचारों का तर्कों का बाण चले मेरी अज्ञानता उजागर हो हो गर उसका तर्क प्रबुद्ध वो मुझ में भी धारण हो द्वंद हो विचारों का वाद-प्रतिवाद फिर संवाद का दर्शन हो विचारों का विकास पथ में एक-दूजे का समर्पण हो द्वंद का अर्थ सीख हो ,बैर नही मिल जाये कोई एक सा फिर क्या साझा कर पाओगें ? ©Arun kr.

#विचार  White कोई ढूंढे प्रशंसक
मैं ढूंढू आलोचक
द्वंद हो विचारों का
तर्कों का बाण चले
मेरी अज्ञानता उजागर हो
हो गर उसका तर्क प्रबुद्ध
वो मुझ में भी धारण हो
द्वंद हो विचारों का
वाद-प्रतिवाद फिर संवाद का दर्शन हो
विचारों का विकास पथ में एक-दूजे का समर्पण हो
द्वंद का अर्थ सीख हो ,बैर नही
मिल जाये कोई एक सा फिर क्या साझा कर पाओगें ?

©Arun kr.

White कोई ढूंढे प्रशंसक मैं ढूंढू आलोचक द्वंद हो विचारों का तर्कों का बाण चले मेरी अज्ञानता उजागर हो हो गर उसका तर्क प्रबुद्ध वो मुझ में भी धारण हो द्वंद हो विचारों का वाद-प्रतिवाद फिर संवाद का दर्शन हो विचारों का विकास पथ में एक-दूजे का समर्पण हो द्वंद का अर्थ सीख हो ,बैर नही मिल जाये कोई एक सा फिर क्या साझा कर पाओगें ? ©Arun kr.

17 Love

White जो समझते नही व्यक्तिगत और राजनीतिक संबंध को चार दिवारी और भीड़ में नेताओं की बहस को वो मान लेते हैं कि दो नेता एक दूसरे का विरोधी है पर मैंने कभी नही सुना किसी नेता के मुख से की उसके व्यक्तिगत संबंध किसी और नेता या विपक्ष के साथ बुरे है भला ये कहते जरूर सुना की राजनीतिक संबंध बनते और बिगड़ते रहते है नेता सत्ता की सुख भोगते जनता अपनो में ही क्लेश करते गया राम आया राम पलटू राम का उदाहरण चलते रहते जनता अपनों में व्यक्तिगत संबंध बिगाड़ कर रखते नेताओ का पल भर का विचार दुश्मनी ,दंगा, नफरत, जनता के जहन में भरते काश!की जनता भी व्यक्तिगत और राजनीतिक संबंध आपस मे रखते । ©Arun kr.

#मोटिवेशनल #Sad_Status  White जो समझते नही व्यक्तिगत और राजनीतिक संबंध को
चार दिवारी और भीड़ में नेताओं की बहस को
वो मान लेते हैं कि दो नेता एक दूसरे का विरोधी है
पर मैंने कभी नही सुना
किसी नेता के मुख से की उसके व्यक्तिगत संबंध 
किसी और नेता या विपक्ष के साथ बुरे है
भला ये कहते जरूर सुना  की राजनीतिक संबंध बनते और बिगड़ते रहते है
नेता सत्ता की सुख भोगते
जनता अपनो में ही क्लेश करते
गया राम आया राम
पलटू राम का उदाहरण चलते रहते
जनता अपनों में व्यक्तिगत संबंध बिगाड़ कर रखते
 नेताओ का पल भर का विचार 
दुश्मनी ,दंगा, नफरत,
जनता के जहन में भरते 
काश!की जनता भी व्यक्तिगत और राजनीतिक संबंध आपस मे रखते ।

©Arun kr.

#Sad_Status

13 Love

जानो तो मानो है वास्तविकता क्या अपना अतीत अच्छा उदाहरण होगा कंहा था ईश्वर जब बहुसंख्यक समाज जानवर से बदत्तर जीवन जीने को मोहताज था जिनके छाया भर से देवी -देवता और ब्राह्मण अपवित्र हो जाता था शुद्र और वैश्य ब्राह्मणों के कोरे खाता था क्या देवी देवता और ईश्वर को ये सब नजर नही आता था नाइ का काम काम ब्राह्मण का काम धर्म कैसे जो जबरन थोपे हो अज्ञानता पर लोगो मे भय और अंधविश्वास का जयकारा लगाकर है अगर ईश्वर तो साक्ष्य क्या ? जिस मानव शरीर को हीन और अपवित्र बताते उसी लिंग की अराधना में लीन रहना बताते जो हमें सवाल करने से रोकता हो,हमारे विवेक को मारता हो,अंधभक्ति के नाम पर हमारे हित छीन लेता हो,ईश्वर के नाम पर हमारा शोषण करता हो ,जात पात और धर्म के नाम पर हमे आपस मे बाटता हो क्या कोई ईश्वर इतना भेदभाव सह सकता है अगर नही तो है कंहा ईश्वर ? ऐसे तमाम सवाल करने वाले सामाजिक न्याय के प्रेणता, बुद्धिजीवी,समानता के जननायक ,नास्तिकों के जनक ई.वी.पेरियार जयंती पर कोटि कोटि प्रणाम 🙏 ©Arun kr.

#पेरियारजयंती #विचार  जानो तो मानो है वास्तविकता क्या
अपना अतीत अच्छा उदाहरण होगा
कंहा था ईश्वर जब बहुसंख्यक समाज
जानवर से बदत्तर जीवन जीने को मोहताज था
जिनके छाया भर से देवी -देवता और ब्राह्मण अपवित्र हो जाता था
शुद्र और वैश्य ब्राह्मणों के कोरे खाता था
क्या देवी देवता और ईश्वर को ये सब नजर नही आता था
नाइ का काम काम
ब्राह्मण का काम धर्म कैसे
जो जबरन थोपे हो अज्ञानता पर
लोगो मे भय और अंधविश्वास का जयकारा लगाकर
है अगर ईश्वर तो साक्ष्य क्या ?
जिस मानव शरीर को हीन और अपवित्र बताते
उसी लिंग की अराधना में लीन रहना बताते
जो हमें सवाल करने से रोकता हो,हमारे विवेक को मारता हो,अंधभक्ति के नाम पर हमारे हित छीन लेता हो,ईश्वर के नाम पर हमारा शोषण करता हो ,जात पात और धर्म के नाम पर हमे आपस मे बाटता हो
क्या कोई ईश्वर इतना भेदभाव सह सकता है
अगर नही  तो है कंहा ईश्वर ?
ऐसे तमाम सवाल करने वाले सामाजिक न्याय के प्रेणता, बुद्धिजीवी,समानता  के जननायक ,नास्तिकों के जनक  ई.वी.पेरियार जयंती पर कोटि कोटि प्रणाम 🙏

©Arun kr.
Trending Topic