White जय जय तेरी माता प्यारी। महिमा तेरी सबसे न्या | हिंदी Poetry

"White जय जय तेरी माता प्यारी। महिमा तेरी सबसे न्यारी।। दशम दिवस को नमन तुझे है। जग में तुझसे प्रेम मुझे है।। रिपु जीतकर माँ जब आई। विजय पर्व तब सृष्टि मनाई।। विजया दशमी का सार यही। पापी की होती हार सही।। यही संदेश देती दशमी। नष्ट पाप की होती गर्मी।। सभी बड़ों को आज नमन है। घर यह जिनसे बना चमन है।। फूल प्रेम के जहाँ खिले हैं। नहीं किसी से यहाँ गिले हैं।। ©Bharat Bhushan pathak"

 White जय जय तेरी माता प्यारी।
महिमा तेरी सबसे न्यारी।।
दशम दिवस को नमन तुझे है।
 जग में तुझसे प्रेम मुझे है।।
 रिपु जीतकर माँ जब आई।
 विजय पर्व तब सृष्टि मनाई।।
 विजया दशमी का सार यही।
  पापी की होती हार सही।।
  यही संदेश देती दशमी।
  नष्ट पाप की होती गर्मी।।
 सभी बड़ों को आज नमन है।
  घर यह जिनसे बना चमन है।।
  फूल प्रेम के जहाँ खिले हैं।
  नहीं किसी से यहाँ गिले हैं।।

©Bharat Bhushan pathak

White जय जय तेरी माता प्यारी। महिमा तेरी सबसे न्यारी।। दशम दिवस को नमन तुझे है। जग में तुझसे प्रेम मुझे है।। रिपु जीतकर माँ जब आई। विजय पर्व तब सृष्टि मनाई।। विजया दशमी का सार यही। पापी की होती हार सही।। यही संदेश देती दशमी। नष्ट पाप की होती गर्मी।। सभी बड़ों को आज नमन है। घर यह जिनसे बना चमन है।। फूल प्रेम के जहाँ खिले हैं। नहीं किसी से यहाँ गिले हैं।। ©Bharat Bhushan pathak

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