सौ मन घृत तुम भले लगा दो टेढ़े हो जाते हैं , सड़ी लाश को कंधे पर रख बदबू फैलाते हैं , कुछ पप्पु , टीपू सा होते हैं मतिमंद भिखारी , कितने जूते मारो लेकिन नहीं सुधर पाते हैं ! अशान्त (पटना) ©Ramshlok Sharma Ashant कविता #zindagikerang Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto