Ramshlok Sharma Ashant

Ramshlok Sharma Ashant Lives in Patna, Bihar, India

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भले कितनी मुसीवत हो मगर धीरज नहीं खोना , किसी की राह में साथी कभी काँटे नहीं बोना , कभी कुछ अटपटा बोलूँ मुझे दो बात कह देना , यही है आरजू मेरी कभी नाराज मत होना ! अशान्त (पटना) ©Ramshlok Sharma Ashant

#Darknight  भले कितनी  मुसीवत हो
मगर  धीरज  नहीं खोना ,
किसी  की  राह में साथी
कभी   काँटे  नहीं  बोना ,
कभी कुछ अटपटा बोलूँ 
मुझे  दो  बात  कह  देना ,
यही    है    आरजू   मेरी 
कभी  नाराज  मत होना !

अशान्त (पटना)

©Ramshlok Sharma Ashant

कविता #Darknight

10 Love

सौ मन घृत तुम भले लगा दो टेढ़े हो जाते हैं , सड़ी लाश को कंधे पर रख बदबू फैलाते हैं , कुछ पप्पु , टीपू सा होते हैं मतिमंद भिखारी , कितने जूते मारो लेकिन नहीं सुधर पाते हैं ! अशान्त (पटना) ©Ramshlok Sharma Ashant

#zindagikerang  सौ मन घृत तुम भले लगा दो
टेढ़े  हो  जाते   हैं ,
सड़ी लाश को  कंधे  पर रख
बदबू   फैलाते   हैं ,
कुछ   पप्पु , टीपू   सा  होते
हैं मतिमंद भिखारी ,
कितने   जूते   मारो  लेकिन 
नहीं सुधर  पाते हैं !

अशान्त (पटना)

©Ramshlok Sharma Ashant

कविता #zindagikerang

9 Love

विज्ञ है इंसान वह तोता नहीं है , जो सजग है धैर्य वो खोता नहीं है , बेवफ़ाई तो सहन करते रहा हूँ , प्यार अब मुझसे सहन होता नहीं है ! अशान्त (पटना) ©Ramshlok Sharma Ashant

#alone  विज्ञ   है    इंसान   वह
तोता  नहीं है ,
जो  सजग  है  धैर्य  वो 
खोता नहीं है ,
बेवफ़ाई    तो     सहन
करते  रहा  हूँ ,
प्यार अब मुझसे सहन 
होता  नहीं  है !

अशान्त (पटना)

©Ramshlok Sharma Ashant

कविता #alone

10 Love

पुष्प - माल से जो मिलता सच्चा सम्मान नहीं है , अगर भरोसा है खुद पर तो यह अभिमान नहीं है , हर अंतर में महाज्ञान का निर्झर श्रोत मचलता , जो ग्रन्थों में लिखा हुआ वह सच्चा ज्ञान नहीं है ! अशान्त (पटना) ©Ramshlok Sharma Ashant

#alone  पुष्प - माल से  जो मिलता
सच्चा सम्मान नहीं है ,
अगर भरोसा है खुद पर तो
यह अभिमान नहीं है ,
हर  अंतर  में  महाज्ञान का
निर्झर  श्रोत मचलता ,
जो  ग्रन्थों  में  लिखा  हुआ
वह सच्चा ज्ञान नहीं है !

अशान्त (पटना)

©Ramshlok Sharma Ashant

कविता #alone

9 Love

कभी बंजर धरा पर भी कुसुम कुछ मुस्कुराते हैं , किए उपकार को कुछ लोग अक्सर भूल जाते हैं , कहीं जीवन - कहानी में अनेकों मोड़ मिलते हैं , कभी मन के समंदर में सितारे डूब जाते हैं ! अशान्त (पटना) ©Ramshlok Sharma Ashant

#WinterFog  कभी   बंजर   धरा  पर  भी
कुसुम कुछ मुस्कुराते हैं ,
किए उपकार को कुछ लोग
अक्सर  भूल   जाते  हैं ,
कहीं   जीवन - कहानी   में
अनेकों  मोड़  मिलते हैं ,
कभी   मन   के   समंदर  में 
सितारे   डूब  जाते   हैं !

अशान्त (पटना)

©Ramshlok Sharma Ashant

कविता #WinterFog

8 Love

गुलशन में हैं फूल खिले भँवरे करते मनमानी , और बगल में बहती नदिया कल-कल बहता पानी , आज बाग में लगता कोई नई कली मुस्काई , हवा बसंती की खुशबू तन पर है चूनर धानी ! अशान्त (पटना) ©Ramshlok Sharma Ashant

#Wish   गुलशन  में  हैं  फूल  खिले
भँवरे करते  मनमानी ,
और बगल में बहती नदिया
कल-कल बहता पानी ,
आज  बाग  में  लगता कोई
नई   कली    मुस्काई ,
हवा   बसंती    की   खुशबू
तन पर है चूनर धानी !

अशान्त (पटना)

©Ramshlok Sharma Ashant

कविता #Wish

10 Love

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