"खौफ दिल में लिए वो स्कूल जाती है,
बन्दिशों में वो बख़्त की सिमट जाती है।
ना जाने कितनी ख्वाहिशें उसकी दफ़न हैं मगर
सुना है कि आज तो जशन - ए - आजादी है।।"
खौफ दिल में लिए वो स्कूल जाती है,
बन्दिशों में वो बख़्त की सिमट जाती है।
ना जाने कितनी ख्वाहिशें उसकी दफ़न हैं मगर
सुना है कि आज तो जशन - ए - आजादी है।।