"बादल भी गरजते हैं बरसात भी होते हैं
ऑखें भी तरसती हैं जब तू नही आती हैं
दिल कैसे स॔भालू मैं काबु मे नही आती
तुम चैन से सोती हो हम रात भर रोते हैं
( ताहिर हुसैन दिल्ली भारत )"
बादल भी गरजते हैं बरसात भी होते हैं
ऑखें भी तरसती हैं जब तू नही आती हैं
दिल कैसे स॔भालू मैं काबु मे नही आती
तुम चैन से सोती हो हम रात भर रोते हैं
( ताहिर हुसैन दिल्ली भारत )