बादल भी गरजते हैं बरसात भी होते हैं
ऑखें भी तरसती हैं जब तू नही आती हैं
दिल कैसे स॔भालू मैं काबु मे नही आती
तुम चैन से सोती हो हम रात भर रोते हैं
( ताहिर हुसैन दिल्ली भारत )
बादल भी गरजते हैं बरसात भी होते हैं
ऑखें भी तरसती हैं जब तू नही आती हैं
दिल कैसे स॔भालू मैं काबु मे नही आती
तुम चैन से सोती हो हम रात भर रोते हैं
( ताहिर हुसैन दिल्ली भारत )
5 Love
तेरे खातिर शहर छोड़े अपने लोग को छोड़ा
तेरे खातिर समाज और दोस्त को छोड़ा
तेरे खातिर मैं अपनी जिन्दगी की हर खूशयां छोड़ा
और तू कहती है कि आप हमें भूल जाओ
ये सूरज की किरणों की तरह मैं तेरे साथ रहूंगा
( ताहिर हुसैन दिल्ली भारत )
तेरे खातिर शहर छोड़े अपने लोग को छोड़ा
तेरे खातिर समाज और दोस्त को छोड़ा
तेरे खातिर मैं अपनी जिन्दगी की हर खूशयां छोड़ा
और तू कहती है कि आप हमें भूल जाओ
ये सूरज की किरणों की तरह मैं तेरे साथ रहूंगा
( ताहिर हुसैन दिल्ली भारत )
3 Love
कहते हो हम सब ऐक हें
तो फिर झगड़ा कैसा
वक्त आने पर एक दुसरे को खून करने को तैयार हो जाते हो
क्या हम सब एक की बात सच है
या धोका है
भारत मे चार धर्म की गिनती होती है जबकि इन्दिरा गांधी के पती फिरोज खान ( पारसी थे
( ताहीर हुसैन दिल्ली भारत )
13/11/ 2019
कहते हो हम सब ऐक हें
तो फिर झगड़ा कैसा
वक्त आने पर एक दुसरे को खून करने को तैयार हो जाते हो
क्या हम सब एक की बात सच है
या धोका है
भारत मे चार धर्म की गिनती होती है जबकि इन्दिरा गांधी के पती फिरोज खान ( पारसी थे
( ताहीर हुसैन दिल्ली भारत )
13/11/ 2019
4 Love
दर्द और दवा दिल में जो दर्द है उसे दवा की क्या जरूरत है
जख्म होने भी तो दो फिर दवा दे देना कभी
( ताहिर हुसैन दिल्ली भारत )
12/11 /2019
दर्द और दवा दिल में जो दर्द है उसे दवा की क्या जरूरत है
जख्म होने भी तो दो फिर दवा दे देना कभी
( ताहिर हुसैन दिल्ली भारत )
12/11 /2019
8 Love
लोग हंसते हें मेरी दीवानगी पे
मैं तो रोता हूं उनकी नादानगी पे
उनकी बातों मे वक्त बरबाद क्यों हम करें
लोग हंसते हें तो हंसने दो दीवानगी पे
उनके हंसने का सबब पूछता हूं
क्यों वो हंसते हें मेरी दीवानगी पे
प्यासी है ये नज़र प्यासा है ऐक जाम
प्यासी है ज़िन्दगी प्यासा है ये भी शाम
यकीन अगर नही है
आजाओ ऐक बार
आकर तुम चले जाना
ना रोकुंगा बार बार
( ताहिर हुसैन दिल्ली भारत )
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