हुई मतल़बी है आज दुनिया, कोई किसी का सग़ा नहीं है...
हैं तब तक बहुत भरोसा, जब तक लहू ने लकीरें ना खीचा
हुए हैं लोग अपनों से आहत़, है किसका दिल जो फट़ा नहीं है
हुई मतल़बी है आज दुनिया, कोई किसी का सग़ा नहीं है...
नहीं किसी का है अब भरोसा, कि कर दे कोई कहाँ पे धोखा
बड़े वो होकर है पत्नी से पूछा, माँ-पिता की यहाँ जगह नहीं है
हुई मतल़बी है आज दुनिया, कोई किसी का सग़ा नहीं है...
©Anushi Ka Pitara
#विचारधारा