मंज़िले भी उसकी थी, रास्ते भी उसके ही थे.. लोग भी | हिंदी शायरी

"मंज़िले भी उसकी थी, रास्ते भी उसके ही थे.. लोग भी उसके थे, काफ़िला भी उसका था.. साथ साथ चलने की सोच भी उसकी थी, फ़िर रास्ते बदलनें का फैसला भी उसी का था.. आज क्यों अकेला हुँ दिल ये सवाल करता है, लोग तो उसके ही थें, क्या ख़ुदा भी उसका था... ©DHARAMJEET MAHTO"

 मंज़िले भी उसकी थी,
रास्ते भी उसके ही थे..

लोग भी उसके थे,
काफ़िला भी उसका था..

साथ साथ चलने की सोच भी उसकी थी,
फ़िर रास्ते बदलनें का फैसला भी उसी का था..

आज क्यों अकेला हुँ दिल ये सवाल करता है,
लोग तो उसके ही थें, क्या ख़ुदा भी उसका था...

©DHARAMJEET MAHTO

मंज़िले भी उसकी थी, रास्ते भी उसके ही थे.. लोग भी उसके थे, काफ़िला भी उसका था.. साथ साथ चलने की सोच भी उसकी थी, फ़िर रास्ते बदलनें का फैसला भी उसी का था.. आज क्यों अकेला हुँ दिल ये सवाल करता है, लोग तो उसके ही थें, क्या ख़ुदा भी उसका था... ©DHARAMJEET MAHTO

#leftalone Harlal Mahato chandra-the unique Iqbal Khan 786 Nikhilchauhan77 Karan Kalshare @Shalini choudhary @Deepak Chandra @homquotes @Nadha jaggi 𝙆𝙪𝙡𝙙𝙚𝙚𝙥 𝙘𝙝𝙖𝙩𝙪𝙧𝙫𝙚𝙙𝙞 (गुमनाम आशिक 😡♔)

People who shared love close

More like this

Trending Topic