मोहब्बत के बंदिश में, बेपनाह रहने मैं लगा हूं। ते | हिंदी कविता

"मोहब्बत के बंदिश में, बेपनाह रहने मैं लगा हूं। तेरे होठों पर अल्फाज,बनकर रहने मैं लगा हूं। तेरे इश्क में तनहा,सा रहने मैं लगा हूं। poetry Anubhav Chaudhary"

 मोहब्बत के बंदिश में, बेपनाह रहने मैं लगा हूं।
 तेरे होठों पर अल्फाज,बनकर रहने मैं लगा हूं।
 तेरे इश्क में तनहा,सा रहने मैं  लगा हूं। 
poetry Anubhav Chaudhary

मोहब्बत के बंदिश में, बेपनाह रहने मैं लगा हूं। तेरे होठों पर अल्फाज,बनकर रहने मैं लगा हूं। तेरे इश्क में तनहा,सा रहने मैं लगा हूं। poetry Anubhav Chaudhary

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