Anubhav Chaudhary

Anubhav Chaudhary Lives in Akbarpur, Uttar Pradesh, India

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ए मेरे वतन ,तेरे खातिर, मैं दुनिया छोड़ आया हूं। मेरे महबूब की, हर पल की यादों को ,महकता छोड़ आया हूं। मैं अपनी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूं। मैं अपनी मां की बाहों को, तड़पता छोड़ आया हूं। जहां दिन-रात खेला था,सालों साल खेला था। मैं उस गांव की मिट्टी को,सूना छोड़ आया हूं। महकती हर पल की यादें हैं, तड़पता जान है मेरा,, मगर महबूब से पहले, ये हिंदुस्तान है मेरा। Anubhav Chaudhary

#कविता #IndianArmy  ए मेरे वतन ,तेरे खातिर, मैं दुनिया छोड़ आया हूं।
 मेरे महबूब की, हर पल की यादों को ,महकता छोड़ आया हूं।
मैं अपनी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूं। 
मैं अपनी मां की बाहों को, तड़पता छोड़ आया हूं।
जहां दिन-रात खेला था,सालों साल खेला था।
मैं उस गांव की मिट्टी को,सूना छोड़ आया हूं।
महकती हर पल की यादें हैं, तड़पता जान है मेरा,,
मगर महबूब से पहले, ये हिंदुस्तान है मेरा।
Anubhav Chaudhary

#IndianArmy

40 Love

न गुस्ताख हम थे ,न गुस्ताख तुम ,न गुस्ताख था, ये सारा जमाना। दिल तो पहले से ही लगा चुके थे, तब कैसा ये अफसाना। Anubhav Chaudhary

#शायरी  न गुस्ताख हम थे ,न गुस्ताख तुम ,न गुस्ताख था, ये सारा जमाना।
दिल तो पहले से ही लगा चुके थे, तब कैसा ये अफसाना।
Anubhav Chaudhary

sayari

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मोहब्बत के बंदिश में, बेपनाह रहने मैं लगा हूं। तेरे होठों पर अल्फाज,बनकर रहने मैं लगा हूं। तेरे इश्क में तनहा,सा रहने मैं लगा हूं। poetry Anubhav Chaudhary

#कविता  मोहब्बत के बंदिश में, बेपनाह रहने मैं लगा हूं।
 तेरे होठों पर अल्फाज,बनकर रहने मैं लगा हूं।
 तेरे इश्क में तनहा,सा रहने मैं  लगा हूं। 
poetry Anubhav Chaudhary

मोहब्बत के बंदिश में, बेपनाह रहने मैं लगा हूं। तेरे होठों पर अल्फाज,बनकर रहने मैं लगा हूं। तेरे इश्क में तनहा,सा रहने मैं लगा हूं। poetry Anubhav Chaudhary

48 Love

कर भ्रष्टाचार तू ,हम बोलेंगे। तेरे हर राज,हम खोलेंगे। सालों से बंद,लगे तालों से होठों को हम खोलेंगे। हम बोलेंगे...2 हम अपने हक की बातों को, जंग लगे इन हाथों को, हम बोलेंगे ,हम खोलेंगे। तेरे हर राज ,हम खोलेंगे । हम बोलेंगे हम बोलेंगे। poetry Anubhav Chaudhary ham bolega

#कविता  कर भ्रष्टाचार तू ,हम बोलेंगे।
तेरे हर राज,हम खोलेंगे।
सालों से बंद,लगे तालों से होठों को हम खोलेंगे।
हम  बोलेंगे...2
हम अपने हक की बातों को,
जंग लगे इन हाथों को, 
 हम बोलेंगे ,हम खोलेंगे।
 तेरे हर राज ,हम खोलेंगे ।
 हम बोलेंगे हम  बोलेंगे।
poetry Anubhav Chaudhary 
ham bolega

Ham bolenga

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तुझे तो आज जीना है ,मुझे इतिहास जीना है। मुझे अकबर हुमायूं के, सभी किस्से को जीना है। मुझे झांसी की रानी, पृथ्वी का बलिदान जीना है। मुझे भगत चंद्रशेखर पर हुए,अत्याचार जीना है। मुझे इतिहास का हर वक्त ,एक साथ जीना है। हमें अपने शहीदों के,सभी जज्बात जीना है। मुझे तो तेरे होठों के, सभी अल्फाज जीना है। हमें अब साथ जीना है...2 मुझे तो चांद तारों के,सभी जज्बात जीना है। मुकद्दर का सिकंदर कोई भी बन गया लेकिन, हमें अपना प्यार जीना है...2 हमें अब साथ जीना हैं..2

 तुझे तो आज जीना है ,मुझे इतिहास जीना है।
 मुझे अकबर हुमायूं के, सभी किस्से को जीना है।
 मुझे झांसी की रानी, पृथ्वी का बलिदान जीना है।
 मुझे भगत चंद्रशेखर पर हुए,अत्याचार जीना है।
 मुझे इतिहास का हर वक्त ,एक साथ जीना है।
  हमें अपने शहीदों के,सभी जज्बात जीना है।
 मुझे तो तेरे होठों के, सभी अल्फाज जीना है।
 हमें अब साथ जीना है...2
 मुझे तो चांद तारों के,सभी जज्बात जीना है।
 मुकद्दर का सिकंदर कोई भी बन गया लेकिन, हमें अपना प्यार जीना है...2 
हमें अब साथ जीना हैं..2

जीना है। part2

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part 1जीना है। तुझे अब साथ जीना है, मुझे अब साथ जीना है। मगर मदमस्त दुनिया को, कोई इतना तो समझा दो। हमें अब साथ जीना है.... 2 जीने की तमन्ना,अब हमारे दिल में आई है। हमें दिन, रात जीना है, महीना, सालो- साल जीना है। जन्मो- जन्म तक साथ जीना है। हमें अब साथ जीना है, तेरे ही साथ जीना है ए मेरे दोस्त, मुझे अब तेरे साथ जीना है

#कविता  part 1जीना है।  
तुझे अब साथ जीना है, मुझे अब साथ जीना है। 
मगर मदमस्त दुनिया को, कोई इतना तो समझा दो। 
हमें अब साथ जीना है.... 2
जीने की तमन्ना,अब हमारे दिल में आई है। 
हमें दिन, रात जीना है, महीना, सालो- साल जीना है। 
जन्मो- जन्म तक साथ जीना है। 
हमें अब साथ जीना है, तेरे ही साथ जीना है 
ए मेरे दोस्त, मुझे अब तेरे साथ जीना है

जीना है।

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