आज मिलन हो रहा है सखी
नयन संग नयन का ,
बुझा लेने दो जो धधक रहा
शोला बिरह अगन का ।।
साक्ष बन रहे ये धरती आकाश
प्रेम के मिलन का ,
वर्षों से किया इंतजार सखी इस
सोलहवे सावन का ।।
चलती ये ठंडी हवायें भी चाहतीं
हो मिलन योवन का ,
मत रोक सखी लेने दे आनंद प्रिय
संग आलिंगन का ।।
©Kumar.vikash18
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