Kumar.vikash18

Kumar.vikash18 Lives in Jabalpur, Madhya Pradesh, India

लिखने का शौक रखता हूँ ! लिखता हूँ ❤ से कुछ अपने लिए ! कुछ लोगों के लिए !

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वो औरों की खुशी , मेरे गम बन गये हैं । हमदम थे जो , कल तक मेरे । वो आज , सितमगर बन गये हैं । बुझा कर मेरे दिल से , चाहत का दिया । अब घर किसी और का , रोशन करने गये हैं ।। ©Kumar.vikash18

#शायरी #stairs  वो औरों की खुशी ,

मेरे गम बन गये हैं ।

हमदम थे जो ,

कल तक मेरे ।

वो आज ,

सितमगर बन गये हैं ।

बुझा कर

मेरे दिल से ,

चाहत का दिया ।

अब घर किसी और का ,

रोशन करने गये हैं ।।

©Kumar.vikash18

#stairs

11 Love

इश्क में नजरों की रज़ा नहीं होती , मोहब्बत में कोई वजह नहीं होती । जाने कब कौन ख़्वाबों में आने लगे , ये बात आँखों को भी पता नहीं होती ।। ©Kumar.vikash18

#शायरी #Mirzapur2Meme  इश्क में नजरों  की

रज़ा  नहीं होती ,

मोहब्बत में  कोई

वजह  नहीं होती ।

जाने कब कौन

ख़्वाबों में आने लगे ,

ये बात आँखों को भी

पता नहीं होती ।।

©Kumar.vikash18

एक बार ही सही इन हवाओं का रुख बदल जाये , उड़े जो तेरे बदन से ओढ़नी मेरा कफ़न संवर जाये । ये जिन्दगी जो मेरी न गुजरी तेरी ज़ुल्फ़ों की छाँव में , तेरे इत्र की खुशबू से मेरी कब्र का मंज़र बदल जाये ।। ©Kumar.vikash18

#शायरी #Eid  एक बार ही सही इन हवाओं का
रुख बदल जाये ,

उड़े जो तेरे बदन से ओढ़नी मेरा
कफ़न संवर जाये ।

ये जिन्दगी जो मेरी न गुजरी तेरी
ज़ुल्फ़ों की छाँव में ,

तेरे इत्र की खुशबू से मेरी कब्र का
मंज़र बदल जाये ।।

©Kumar.vikash18

#Eid-e-milad

8 Love

आज मिलन हो रहा है सखी नयन संग नयन का , बुझा लेने दो जो धधक रहा शोला बिरह अगन का ।। साक्ष बन रहे ये धरती आकाश प्रेम के मिलन का , वर्षों से किया इंतजार सखी इस सोलहवे सावन का ।। चलती ये ठंडी हवायें भी चाहतीं हो मिलन योवन का , मत रोक सखी लेने दे आनंद प्रिय संग आलिंगन का ।। ©Kumar.vikash18

#कविता #Drops  आज मिलन हो रहा है सखी
नयन संग नयन का ,

बुझा लेने दो जो धधक रहा
शोला बिरह अगन का ।।


साक्ष बन रहे ये धरती आकाश
प्रेम के मिलन का ,

वर्षों से किया इंतजार सखी इस
सोलहवे सावन का ।।


चलती ये ठंडी हवायें भी चाहतीं
हो मिलन योवन का ,

मत रोक सखी लेने दे आनंद प्रिय
संग आलिंगन का ।।

©Kumar.vikash18

#Drops

14 Love

हाँ मुझे तलब है तुम्हारी , ये रूह तुम्हे पुकारती है ।। देखो तुम जब भी आना , बस जिस्म साथ मत लाना ।। ©Kumar.vikash18

#कविता #Drops  हाँ मुझे
तलब है
तुम्हारी ,

ये रूह
तुम्हे
पुकारती है ।।

देखो तुम
जब भी
आना ,

बस जिस्म
साथ मत
लाना ।।

©Kumar.vikash18

#Drops

12 Love

नया जमाना पुराने जमाने से अलग नहीं है , क्यों कि इंसान के मनों में रावण अब भी वही है ।। पापाचार और दुरचार से काँप रही ये धरा है , हाँ दुष्टों को पता है अब वह त्रेता के राम नहीं हैं ।। कहने को आजाद है नारी सशक्तिकरण की चहुँ ओर हुँकार है , फिर क्यों द्रोपदी दुशासन के हाँथों से अब भी रिहा नहीं हैं ।। ©Kumar.vikash18

#कविता #Drops  नया जमाना पुराने जमाने से अलग नहीं
है ,
क्यों कि इंसान के मनों में रावण अब भी
वही है ।।
पापाचार और दुरचार से काँप रही ये
धरा है ,
हाँ दुष्टों को पता है अब वह त्रेता के राम
नहीं हैं ।।
कहने को आजाद है नारी सशक्तिकरण
की चहुँ ओर हुँकार है ,
फिर क्यों द्रोपदी दुशासन के हाँथों से
अब भी रिहा नहीं हैं ।।

©Kumar.vikash18

#Drops

13 Love

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