"एक उदास बच्चे सा बैठे मेरे मन को बहलाया है उसने
दिल्ल को छू जाने वाला एक गीत गुनगुनाया है उसने ।
मेरी अच्छाइयों पे मूझे यकीन करना शिखाया है उसने
मेरी बुराइयों से मुझको बचाया है उसने ।
जब गम के साये ने घेरा , मुझे हसाया है उसने
मेरे दर्द को अपना समाज मरहम लगाया है उसने ।
अपने भरोसे को मुझपर रख , जिम्मेदारी का सबक सिखाया हौ उसने ।
मेरा दोस्त है वो,
मेरा यार है वो,
चाहें कुछ भी कहे वो मज़ाक में,
मेरा प्यार है वो ।"