एक उदास बच्चे सा बैठे मेरे मन को बहलाया है उसने दिल्ल को छू जाने वाला एक गीत गुनगुनाया है उसने । मेरी अच्छाइयों पे मूझे यकीन करना शिखाया है उसने मेरी बुराइयो.
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