आज आईने मैं अपने ही अक्स को जिंदा पाया मैं थक कर | हिंदी कविता

"आज आईने मैं अपने ही अक्स को जिंदा पाया मैं थक कर बैठ गया था इसलिए बेज़ुबान हूँ ©Sahil"

 आज आईने मैं अपने ही अक्स को जिंदा पाया 

मैं थक कर बैठ गया था इसलिए बेज़ुबान हूँ

©Sahil

आज आईने मैं अपने ही अक्स को जिंदा पाया मैं थक कर बैठ गया था इसलिए बेज़ुबान हूँ ©Sahil

#aks

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