मैं निरंतर उत्साह से चल पाता
हर मुश्किल का हल पाता
तो फिर चिंता का विषय हि न बनता
यदि मैं थोड़ा झुक जाता
अहंकार सारा मिट जाता
तो फिर चिंता का विषय हि न बनता
यदि मैं खुद को थोड़ा घिस जाता
घिस पिट के निखर जाता
तो फिर चिंता का विषय हि न बनता
यदि मैं सबसे ताल मेंल बनाता
सच में धरती पर स्वर्ग को पाता
तो फिर चिंता का विषय हि न बनता
यदि मैं बेतुकी बातो मे न आता
तो कभी पछतावा न होता
तो फिर चिंता का विषय हि न बनता
यदि निजी स्वार्थ से परे पाता
तो जिंदगी खुशियां से भर जाता
तो फिर चिंता का विषय हि न बनता
©Ashish anupam
#कविता
#प्यार
#लव
#AloneInCity pooja sharma Naresh Singh Thakur kiran kee kalam se Vimlesh Miledar Saroj Ashish Thakur Akela'