वे सर झुकाते हैं मतलब के वज़न से
झुकना भी हो गया है मतलबी,कसम से ।
सिफारिश करना भी उनका जायज़ है
हमारी गुजारिश भी नाजायज़ है,कसम से।
@पाण्डेय धर्मेन्द्र शर्मा
वे सर झुकाते हैं मतलब के वज़न से
झुकना भी हो गया है मतलबी,कसम से ।
सिफारिश करना भी उनका जायज़ है
हमारी गुजारिश भी नाजायज़ है,कसम से।
@पाण्डेय धर्मेन्द्र शर्मा
#Life
सरल कुछ भी नहीं होता,सहज कुछ भी नहीं मिलता।
वही अब राज करता है,जो मेहनत रोज है करता।।
महल से राज नहीं मिलता,तिलक से ताज नहीं सजता।
किस्मत की लकीरों से,सिंहासन अब नहीं मिलता।
#LOVEGUITAR
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