सिंह

सिंह Lives in Patna, Bihar, India

बस यूहीं

  • Latest
  • Popular
  • Video

मेरी बातों में भी मुझे तुम चाहिए, तन्हां रातों में भी मुझे तुम चाहिए, ख्वाबों में तो हो ही तुम मेरे पर मेरे बाहों में भी मुझे तुम चाहिए। ©सिंह

#meltingdown  मेरी बातों में भी मुझे तुम चाहिए,
तन्हां रातों में भी मुझे तुम चाहिए,
ख्वाबों में तो हो ही तुम मेरे
पर मेरे बाहों में भी मुझे तुम चाहिए।

©सिंह

कि #meltingdown

8 Love

टूट कर बिखरने ही वाला था मैं की तुम वापस आये जिंदगी में, यकीं मानो अब मुझे बिखरने में सहुलियत होगा । ©सिंह

#सिंह #SunSet  टूट कर बिखरने ही वाला था मैं की तुम वापस आये जिंदगी में,
यकीं मानो अब मुझे बिखरने में सहुलियत होगा ।

©सिंह

कुछ ऐसा करो कि सारे गिले-शिकवे किनारे हो जाएं, तुम हमारे हो जाओ हम तुम्हारे हो जाएं। ©सिंह

#Ocean  कुछ ऐसा करो कि सारे गिले-शिकवे किनारे हो जाएं,
तुम हमारे हो जाओ हम तुम्हारे हो जाएं।

©सिंह

प्यार #Ocean

7 Love

साथ:- साथ चाहिए बस तुम्हारा बाकि किसी चीज की ख्वाहिश नहीं, ख्वाहिश है सिर्फ तुम्हारे साथ कि इसके सिवा किसी की जरूरत नहीं, लिख दी मैंने तो जिंदगी अपनी तुम्हारे नाम अब इससे ज्यादा क्या करूँ मैं, हर रोज तुम्हें खोने से डर से घुट-घुट कर क्यों मरूं मैं, कितना लड़ूं खुद से तेरे खातिर अब लड़ा नहीं जाता, बना लो न अब मुझे अपना तुम्हारे बेगैर रहा नहीं जाता। ©सिंह

#सिंह #meltingdown  साथ:-

साथ चाहिए बस तुम्हारा बाकि किसी चीज की ख्वाहिश नहीं,
ख्वाहिश है सिर्फ तुम्हारे साथ कि इसके सिवा किसी की जरूरत नहीं,
लिख दी मैंने तो जिंदगी अपनी तुम्हारे नाम अब इससे ज्यादा क्या करूँ मैं,
हर रोज तुम्हें खोने से डर से घुट-घुट कर क्यों मरूं मैं,
कितना लड़ूं खुद से तेरे खातिर अब लड़ा नहीं जाता,
बना लो न अब मुझे अपना तुम्हारे बेगैर रहा नहीं जाता।

©सिंह

सोचा तुझे चाहा तुझे माना तुझे समझा तुझे मेरा इतना चाहना, मानना,समझना रास न आया तुझे। ©सिंह

#सिंह #meltingdown  सोचा तुझे चाहा तुझे माना तुझे समझा तुझे
मेरा इतना चाहना, मानना,समझना रास न आया तुझे।

©सिंह

हाँ गलती मेरी थी जो चाहा तुझे #सिंह #meltingdown

8 Love

#FourLinePoetry आज मन है कुछ कहने को हिम्मत नही अब मुझमें कुछ भी सहने को यकीन मानिए मैं भी बेघर हूँ जनाब अब कोई आशियाँ नहीं हमारे रहने को ©सिंह

#fourlinepoetry #सिंह  #FourLinePoetry आज मन है कुछ कहने को
हिम्मत नही अब मुझमें कुछ भी सहने को
यकीन मानिए मैं भी बेघर हूँ जनाब
अब कोई आशियाँ नहीं हमारे रहने को

©सिंह
Trending Topic