Madhumayi

Madhumayi

मैं...एक अध्यापिका..उससे पहले एक स्त्री..उससे पहले एक प्यारी सी बेटी की मां..जैसे चित्रकार ब्रश से रंगों को छूकर कैनवास पर संसार और जीवन के समस्त पहलुओं को साकार कर देता है; वैसे ही शब्दों के माध्यम से इस जगत और इसके परे अनंत ब्रह्मांड के हर अणु को छूना चाहती हूं.. मैं कविताओं में जीना चाहती हूं.... "आज ज्वाला से बरसता क्यों मधुर घनसार सुरभित.. सुन रही हूँ एक ही झनकार जीवन में , प्रलय में.. कौन तुम मेरे हृदय में???? Birthday - 15 January

  • Latest
  • Popular
  • Video