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#अबोध_मन//“फरीदा” #गुस्ताख़फरीदा
https://www.yourquote.in/farida_ayyaz
जला दिया है प्रेम दीया पलको की बाड़ के पीछे ठहरा हुआ जो अंधेरों का शहर था.. जिनमें आन बसे थे इक रोज़ तुम बिना इजाज़त.. जानते हो.. लिपट रोया था वो शहर तमस की बाँहों में जब तुमने उसे छोड़ा था.. बिना कोई वजह दिए..गलत है न जो आपको आबाद करे.. उसे यूँ उजाड़ देना.. ख़ैर..वक्त था बीत गया..आज वो शहर फिर जगमग है.. स्थापित किया है मन मंदिर से उठा कर ’प्रेम दीया’.! ©अबोध_मन//फरीदा
अबोध_मन//फरीदा
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©अबोध_मन//फरीदा
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वो जिसने रंगो का शौक़ पीछे छोड़ दिया सुना है किसी मनचले ने था उसे तोड़ दिया। ©अबोध_मन//फरीदा
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“ज़िंदगी" फिसलती जाती रेत सी, मैं वहीं का वहीं किसी सैराब सा। ज़िंदगी महकी हुई सी, खिल रहा हूँ मैं भी अब गुलाब सा। . ©अबोध_मन//फरीदा
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मोहब्बत दर्द भी है...मोहब्बत है दवा भी रब ही जाने किसके हिस्से में क्या रखा है.! ... ©अबोध_मन//फरीदा
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