काश इस दिवाली ज्ञानी हैं तो अज्ञानी को ज्ञान दीजिये
गम्भीर समस्या का समाधान कीजिए
मिल जाये कुछ खुशी गरीब अनाथों को भी
इस दिवाली कुछ उन्हें भी दान दीजिये
Tum se ek shikayat hai वक़्त है ये तो खुद ही गुज़र जायेगा
ये भी सच है कि तू भी बिखर जायेगा
याद कर तू मुझे अश्रु भी बहाएगा
जो मेरा था तेरा हस्र हो जायेगा
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बेहिसाब मसरुफियत में भी तुम ख्याल में रहते हो
मेरे दिल की धड़कनों से बने जंजाल में रहते हो
हम वो भी जानते हैं जो तुम हमसे नहीं कहते हो
और तुम ये कहती हो क्यों बवाल करते फिरते हो
बेहिसाब मसरुफियत में भी तुम ख्याल में रहते हो
मेरे दिल की धड़कनों से बने जंजाल में रहते हो
हम वो भी जानते हैं जो तुम हमसे नहीं कहते हो
और तुम ये कहती हो क्यों बवाल करते फिरते हो
6 Love
अरे मोहब्बत तो उस दिन ही शर्मिंदा हो गयी थी
जब तू गैर की बाँहों में मुझसे झूठ बोल सो गयी थी
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