गीत (सदाबहार)
मैं तुझ से प्यार करता हूँ,अपनी जान से ज्यादा...
मैं तुझ से प्यार करता हूँ,अपनी जान से ज्यादा...
मैं तुझे ख़्वाब में रखता हूँ,ज़रा करो मुझ पे भरोसा
कभी तेरी गलियां या घर के किनारे पे आता हूँ
छिप-छिप के तेरी खिड़की के किनारे पे आता हूँ
मैं तुझ से प्यार करता हूँ ,अपनी जान से ज्यादा...
मैं तुझ से प्यार करता हूँ अपनी जान से ज्यादा...
हर सावन महीनों में तेरे लिए सदा पूजा करता हूँ
कसम खाकर कहता हूँ,तुझे ना मैं दूजा करता हूँ
मैं तुझ से प्यार करता हूँ,अपनी जान से ज्यादा...
मैं तुझ से प्यार करता हूँ अपनी जान से ज्यादा...
तू मेरी रात के निदों में आती हो एक परी बनकर
तुझे मनाने के लिए करता हूँ तेरे घर की सफर
मैं तुझ से प्यार करता हूँ अपनी जान से ज्यादा...
मैं तुझ से प्यार करता हूँ ,अपनी जान से ज्यादा...
कोसी अंचल का पुत्र
अनुरंजन कुमार "अँचल"
अररिया,बिहार
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