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#आराध्य_श्री_महाकाल #भगतसिंह_का_दीवाना
उत्कर्ष राजपूत
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Thursday, 14 December | 01:58 am
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रिश्तो में झुकना कोई अजीब बात नहीं सूरज भी तो ढल जाता है चांद के लिए ©Utkarsh
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न किया वरण, न किया हरण... फिर क्यों ऐसा नामकरण... छिप के चंदा मिले सूरज से... जगत कहे इसे सूर्यग्रहण... #pic_credit- 😁
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"ये मुसीबत के दिन जब गुज़र जाएंगे, तो फिर एक मुलाकात रखेंगे चाय पर!"
शाम ढले हर #पंछी को #घर जाना पड़ता है कौन शौक से #मरता है बस #मर जाना पड़ता है #अलविदा_इरफ़ान_खान❤️ 😢😢
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