काग़ज़ हो तो फाड़ दूँ, धागा हो तो काट दूँ
दुनिया हो तो छोड़ दूँ, दिल कैसे तोड़ दूँ
इस वादे पे मुझको अब
जीना भी अब मरना भी
ये याद रखना कि ये भी वो भी इश्क़ था
ये भी इश्क़ है ।
शिवाय..✍️✍️
मां का प्यार है क्या कोई पूछे मुझे
मेरे गीत भी तेरे आवाज भी तेरी
तेरे बिना कुछ नहीं ज़िन्दगी में मेरी
बेफिक्र हुआ दिल पाके जिसे
मां का प्यार है क्या ....
गमों के बदल क्यूं छाए उमड़ के
बरसे गरज़ कर हो गई जल थल
खरोंचती है क्यूँ मुझ को हवा रह रह कर
निचोड़ती हूँ दिल घबराती हूँ डर कर
कतरा - कतरा मेरा तेरे मिलन को तरसे
मौसम भी मुझसे पूछे तू है ढूंढे किसे
मां का प्यार है क्या....
तेरी उंगली थाम चलना सीखा था मैंने
मेरा ये जीवन है तेरी पूजा के लिए
बुझ गए फिर क्यूं तेरी ममंता के दिए
अब लगा लो मुझको गले तुम मां
लो छुपा प्यार से अंचल तले तुम मां
मेरे रब ने दिया था तुझको मुझे
मां का प्यार है क्या कोई पूछे मुझे
शिवाय....✍️✍️
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