तुम चली गई पर..
तुम्हारी बातें रह गई
तुम बचकानी सी झगड़ती मुझसे ,
मैं तुझसे रूठी ही रह गई
मिलने को मैं आती तुझसे ,
इसे पहले तू ही दूर चली गई
अब कौन लाड करेगा मुझे ,
दादी मां तुम हो कहां चली गई
बचपन सुनी कहानी तुझसे ,
फिर से सुन्नी है मुझे
इस दुनिया में बस तेरी अब यादे रह गई
दादी मां तुम कौन सी दुनिया में चली गई
तुम तो चली गई मगर..
तुम्हारी बातें रह गई
©Pràgáti Gusåiñ
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