सैनीबाबू

सैनीबाबू Lives in Jorhat, Assam, India

A common people of uncommon Country.

  • Latest
  • Popular
  • Video

poetry in lovers love poetry for her love poetry in hindi sad poetry

2,322 View

2,232 View

#Bhakti

126 View

White आक्षेप तुम फूल बनी पर ना महकी, भँवरा बन मैं जलता रहता। उड़ता फिरता पगला मन सा विरहा मनमें ढ़लता रहता। तुमने कबहुँ अपना समझा, सँग में रह क्या हम भी मरते? हमने तुमको सपना समझा, जलता हिय लेकर क्या करते? पगला मन था पगली बतियाँ, गुजरी कितनी दुखती रतियाँ। विरहा मन की झरती पतियाँ, बहती रहती दुख की नदियां। खुद से खुद को कहते रहते , जल से नयना बहते रहते। हम क्यों इतना सहते रहते, कुछ तो तुम भी हमको कहते। #सैनिबाबू ©सैनीबाबू

#सैनिबाबू #Sad_shayri  White 
आक्षेप

तुम फूल बनी पर ना महकी,
भँवरा बन मैं जलता रहता।
उड़ता फिरता पगला मन सा
विरहा मनमें ढ़लता रहता।

तुमने कबहुँ अपना समझा,
सँग में रह क्या हम भी मरते?
हमने तुमको सपना समझा,
जलता हिय लेकर क्या करते?

पगला मन था पगली बतियाँ,
गुजरी कितनी दुखती रतियाँ।
विरहा मन की झरती पतियाँ,
बहती रहती दुख की नदियां।

खुद से खुद को कहते रहते ,
जल से नयना बहते रहते।
हम क्यों इतना सहते रहते,
कुछ तो तुम भी हमको कहते।

#सैनिबाबू

©सैनीबाबू

#Sad_shayri

17 Love

#lonely_quotes  White 
गीतिका छंद
2122 2122 2122 212
हार तेरी हो भले ही खैल आना  चाहिये।
वक़्त को भी तो कभी यूं आजमाना चाहिये।
भूल बातें जीत की तू हार को भी प्यार दे, 
रोक ले जो वो तुझे तो मान जाना चाहिए।
दुश्मनों का है भरोसा दोस्त को तू जान ले,
पीठ में जो मार दे तो जान जाना चाहिये।
साथ तो देते सभी आसान राहों में मगर,
कंटको में भी उसे तो साथ आना चाहिये।
छोड़ दे जो हाथ तेरा तोड़ कर दिल बीच मे,
साथ ऐसा हो अगर पहचान पाना चाहिये।
यार सैनी साथ में है कौन इस संसार में,
खोल दरवाजे दिलों के, मुस्कुराना चाहिये। 
सैनीबाबू

©सैनीबाबू

#lonely_quotes

108 View

अब विपक्ष के टांग अड़ाने का मौसम आया। ये भाई भाई को लड़ाने का मौसम आया। न्यायपालिका,समाज,छोटे बच्चे आ गए जद में- अब अपने समाज को सड़ाने का मौसम आया। ©सैनीबाबू

 अब विपक्ष के टांग अड़ाने का मौसम आया।
ये भाई भाई को लड़ाने का मौसम आया। 
न्यायपालिका,समाज,छोटे बच्चे आ गए जद में-
अब अपने समाज को सड़ाने का मौसम आया।

©सैनीबाबू

अब विपक्ष के टांग अड़ाने का मौसम आया। ये भाई भाई को लड़ाने का मौसम आया। न्यायपालिका,समाज,छोटे बच्चे आ गए जद में- अब अपने समाज को सड़ाने का मौसम आया। ©सैनीबाबू

16 Love

Trending Topic