White तू तू मै मै
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कजरी-काय,, तुम्हाई समझ में नइ आ रइ का गुल्लु..
गुल्लु-काय का हो गओ कजरी..
कजरी-कल हमने खड़की से देखो हतो..
तुम छत पे खड़े वा मुरहउ खे मुटुर मुटुर घूर रये थे..!
बताओ सच है कि नाय..
गुल्लु-अर्रे ना रे कजरी वो तो...
कजरी- (चटाक्क्क.. 👋) हमें का सुरई को समझ रओ तैं..!
अच्छे अच्छों की नियत डोल जात है पराई चुड़ैलन देख खे..
फिर तुम्हाई तो लार टपकी पड़त है..
गुल्लु-काय मार दइ हमें..लग गई ने हमें जोर से..
कजरी-अबे तो एकइ पड़ो है जादा उड़े तो बकला नीछ लेहें..
लुहारन आयें हम..हाथ नइ हथोड़ा समझिये जा खे...एक बात कान खोल खे सुन लेओ..!
हम.. मतलब हम..! कोनउ और ने तो.. तुम्हारे दिल में घुसे.. और ने दिमाग़ में..
बरना घंटा बजा देहें हम...
गुल्लु-अरी तैं तो मेरी सुनइ नइ रई आय और बकबक करी जा रइ है..!
कजरी-बकबक और हम.. सुन ले कान खोल के हम फिन से कहे देत हैं गुल्लु.
.हमनें फ़ैसला कर लइ.....
तुम हमाये खसम बन हो मतलब बन हो...चाहे तुम्हारो मन मिले या न मिले और..????
कोई दूसरी अगर हमाये बीच में कूदो, जैसे बा कलमुही..तो दैरी खे घसीटी बुआ के कुआँ में
फेंक आ हों.राम धई..
गुल्लु-इत्तो चाहत हो हमें..
कजरी-ठठरी के..हम तो चाहत हैं खूबई मनो काय रे जो कैसो प्यार है तुम्हाओ.. जब हमने कह दइ
कि हमें तुम्हाओ तोहफ़ा कबूल है..! कबूल है..!कबूल..! तो काय मर रये ओहे घूर रये थे...
गुल्लु-मनो तुमने तो कल भी हमें जड़ दओ थो...
अबे लौ दगदगा रओ गाल.. लाल सुरख हो गओ...जो देखियो..!
कजरी-हाँ तो बई के बाद तो हमें समझ आई कि तुम्हई सही रेहो हमाये लय..
देखो हम साफ साफ आखिरी बार कहे दे रये..
अब अगर हमने तुम्हें बा मुरहउ खे घूरत देखो तो जान लइयो
बा भी ने बच है हम से और तुमहाओ तो हम कचूमर निकाल देहें..और सुनो
कल से एक करिया सो मुरहा आ है हमाओ खत लेखे
ओहे रोज दो रुपिया दे दइयो..बिस्कुट खान खे, अब से वोइच हमारो मोबाल रह है,,
ओही के तुम भी अपनों मोबाल कर लईओ और हमें ओइ मुरहा के हाथ खत भेज दइए..
अब से बरहमेस तुम्हाई..
कजरी...
©अज्ञात
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