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#कविता

बारिश पर कविता हिंदी कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता

72 View

तेज़ हवाओ से पर्वत हिलेगा नही सुंदर भूमी पर कमल खिलेगा नही एक जैसी शक्ल के मिलेंगे बहुत  कोई दर्पण के जैसा मिलेगा नही  पुनीत कुमार नैनपुर ©punit shrivas

#कविता #talaash  तेज़ हवाओ से पर्वत हिलेगा नही

सुंदर भूमी पर कमल खिलेगा नही

एक जैसी शक्ल के मिलेंगे बहुत 

कोई दर्पण के जैसा मिलेगा नही 


पुनीत कुमार नैनपुर

©punit shrivas

#talaash देशभक्ति कविता कविता कोश मराठी कविता कविता बारिश पर कविता

13 Love

मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh ©bina singh

#कविता #devdas  मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती 
अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती
अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती 
मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती
मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh

©bina singh

#devdas कविता ,कविता , प्रेम कविता कविता कोश

15 Love

तरक्की का मतलब क्या? चूल्हे पर जलती धीमी लौ, कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो। झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ, जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ। सालों के सफ़र में ये हाथ थके, ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे। इस घर की नींव में उनके पसीने, आज अकेले, बिन किसी साए के जीने। तरक्की का मतलब क्या हुआ? अगर माँ-बाप का सहारा ना बना। जिन्होंने हर मुश्किल सह ली, उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए। दुनिया आगे बढ़ती जाती, पर ये उम्र ठहर सी जाती। सफलता का क्या मतलब है अगर, उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर? ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द, ना झलके आँखों में कोई सर्द। तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे, जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे। ©Amrendra Kumar Thakur

#कविता #oldage  तरक्की का मतलब क्या?


चूल्हे पर जलती धीमी लौ,
कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो।
झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ,
जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ।

सालों के सफ़र में ये हाथ थके,
ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे।
इस घर की नींव में उनके पसीने,
आज अकेले, बिन किसी साए के जीने।

तरक्की का मतलब क्या हुआ?
अगर माँ-बाप का सहारा ना बना।
जिन्होंने हर मुश्किल सह ली,
उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए।

दुनिया आगे बढ़ती जाती,
पर ये उम्र ठहर सी जाती।
सफलता का क्या मतलब है अगर,
उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर?

ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द,
ना झलके आँखों में कोई सर्द।
तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे,
जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे।

©Amrendra Kumar Thakur

#oldage हिंदी कविता कविता कोश कविता हिंदी कविता

13 Love

जब नाव जल में छोड दी तूफान में ही मोड़ दी दे दी चुनौती सिंधु को फिर धार क्या मंझधार क्या कह मृत्यु को वरदान ही मरना लिया जब ठान ही जब आ गये रणभूमि में फिर जीत क्या फिर हार क्या जब छोड़ दी सुख की कामना आरंभ कर दी साधना सघर्ष पथ पर बढ़ चले फिर फूल क्या अंगार क्या संसार का पी, पी गरल जब कर लिया मन को सरल भगवान शंकर हो गए फिर राख क्या श्रंगार क्या . ©Arpit Mishra

 जब नाव जल में छोड दी 
तूफान में ही मोड़ दी 
दे दी चुनौती सिंधु को 
फिर धार क्या मंझधार क्या 

कह मृत्यु को वरदान ही 
मरना लिया जब ठान ही 
जब आ गये रणभूमि में 
फिर जीत क्या फिर हार क्या 

जब छोड़ दी सुख की कामना 
आरंभ कर दी साधना 
सघर्ष पथ पर बढ़ चले 
फिर फूल क्या अंगार क्या 

संसार का पी, पी गरल 
जब कर लिया मन को सरल 
भगवान शंकर हो गए 
फिर राख क्या श्रंगार क्या




.

©Arpit Mishra

हरिवंश राय बच्चन

13 Love

 White हर इम्तेहान में रहे वो अव्वल
जिंदगी का रुख देख टूटा मनोबल
किताबी बातें काम न आईं 
फलसफा नहीं है ये जिंदगी असल
यहां ईमानदारी की नही कीमत कोई
सच्चाई एक अकेले कोने में रोई 
यहां किताबों का न होता अमल
यहां कर्मों का उल्टा मिलता फल ।।

©NC

#Sad_shayri #कविता हिंदी कविता कविता हिंदी कविता

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#कविता

बारिश पर कविता हिंदी कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता

72 View

तेज़ हवाओ से पर्वत हिलेगा नही सुंदर भूमी पर कमल खिलेगा नही एक जैसी शक्ल के मिलेंगे बहुत  कोई दर्पण के जैसा मिलेगा नही  पुनीत कुमार नैनपुर ©punit shrivas

#कविता #talaash  तेज़ हवाओ से पर्वत हिलेगा नही

सुंदर भूमी पर कमल खिलेगा नही

एक जैसी शक्ल के मिलेंगे बहुत 

कोई दर्पण के जैसा मिलेगा नही 


पुनीत कुमार नैनपुर

©punit shrivas

#talaash देशभक्ति कविता कविता कोश मराठी कविता कविता बारिश पर कविता

13 Love

मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh ©bina singh

#कविता #devdas  मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती 
अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती
अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती 
मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती
मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh

©bina singh

#devdas कविता ,कविता , प्रेम कविता कविता कोश

15 Love

तरक्की का मतलब क्या? चूल्हे पर जलती धीमी लौ, कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो। झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ, जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ। सालों के सफ़र में ये हाथ थके, ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे। इस घर की नींव में उनके पसीने, आज अकेले, बिन किसी साए के जीने। तरक्की का मतलब क्या हुआ? अगर माँ-बाप का सहारा ना बना। जिन्होंने हर मुश्किल सह ली, उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए। दुनिया आगे बढ़ती जाती, पर ये उम्र ठहर सी जाती। सफलता का क्या मतलब है अगर, उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर? ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द, ना झलके आँखों में कोई सर्द। तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे, जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे। ©Amrendra Kumar Thakur

#कविता #oldage  तरक्की का मतलब क्या?


चूल्हे पर जलती धीमी लौ,
कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो।
झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ,
जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ।

सालों के सफ़र में ये हाथ थके,
ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे।
इस घर की नींव में उनके पसीने,
आज अकेले, बिन किसी साए के जीने।

तरक्की का मतलब क्या हुआ?
अगर माँ-बाप का सहारा ना बना।
जिन्होंने हर मुश्किल सह ली,
उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए।

दुनिया आगे बढ़ती जाती,
पर ये उम्र ठहर सी जाती।
सफलता का क्या मतलब है अगर,
उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर?

ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द,
ना झलके आँखों में कोई सर्द।
तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे,
जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे।

©Amrendra Kumar Thakur

#oldage हिंदी कविता कविता कोश कविता हिंदी कविता

13 Love

जब नाव जल में छोड दी तूफान में ही मोड़ दी दे दी चुनौती सिंधु को फिर धार क्या मंझधार क्या कह मृत्यु को वरदान ही मरना लिया जब ठान ही जब आ गये रणभूमि में फिर जीत क्या फिर हार क्या जब छोड़ दी सुख की कामना आरंभ कर दी साधना सघर्ष पथ पर बढ़ चले फिर फूल क्या अंगार क्या संसार का पी, पी गरल जब कर लिया मन को सरल भगवान शंकर हो गए फिर राख क्या श्रंगार क्या . ©Arpit Mishra

 जब नाव जल में छोड दी 
तूफान में ही मोड़ दी 
दे दी चुनौती सिंधु को 
फिर धार क्या मंझधार क्या 

कह मृत्यु को वरदान ही 
मरना लिया जब ठान ही 
जब आ गये रणभूमि में 
फिर जीत क्या फिर हार क्या 

जब छोड़ दी सुख की कामना 
आरंभ कर दी साधना 
सघर्ष पथ पर बढ़ चले 
फिर फूल क्या अंगार क्या 

संसार का पी, पी गरल 
जब कर लिया मन को सरल 
भगवान शंकर हो गए 
फिर राख क्या श्रंगार क्या




.

©Arpit Mishra

हरिवंश राय बच्चन

13 Love

 White हर इम्तेहान में रहे वो अव्वल
जिंदगी का रुख देख टूटा मनोबल
किताबी बातें काम न आईं 
फलसफा नहीं है ये जिंदगी असल
यहां ईमानदारी की नही कीमत कोई
सच्चाई एक अकेले कोने में रोई 
यहां किताबों का न होता अमल
यहां कर्मों का उल्टा मिलता फल ।।

©NC

#Sad_shayri #कविता हिंदी कविता कविता हिंदी कविता

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