tags

New अनुराग कश्यप Status, Photo, Video

Find the latest Status about अनुराग कश्यप from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about अनुराग कश्यप.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#काव्यसौंदर्य #अनुराग #आसक्ति #प्रेम #yourquote  हो ना अजस्र तमस्विनी तुम आज 
निर्भीक अपनी अक्षुण्ण लहक पर

संदल सी महमहाती छूती हवा-गुज़र 
मस्ताती, तुम्हारी रगों को तृप्त करती

आमोद से दरख़्तों की सनसनाती पत्तियाँ 
मानो पास बुलाकर तुमसे अनुनय चाहती

वो एक वृहत कोई शून्य स्थान नहीं, मेघवर्णी 
तुम्हारे बेशक़ीमती नवरतो का झिलमिल बसेरा

महताब वो उस जहान का खूब दमकता हाँ, 
हो तुम भी एक चाँद सा सौरम्य चेहरा

©Viraaj Sisodiya

मेरा मन सम्मोह की चादर ओढ़े, चितवन लगाए मानो जैसे उसकी लज्जा की आसक्ति से बंधा हो बस इतना ही सामर्थ्य रहा हम दोनों की अनुरक्ति का मेरी दीदा और उसकी हया के वात्सल्य की शक्ति का बोधगम्यता के अथाह अवधारण की तुष्टि, तुम तुम नहीं मेरे काव्य सौंदर्य की कृतित्वता का एक प्रवीण मर्म हो तुम्हीं में दत्तचित्त होकर शब्दों का अलंकरण करता हूं मेरी रचना विदित होती, हमारी आपसी तकरीर हुई हो ©Viraaj Sisodiya

#काव्यसौंदर्य #अनुराग #आसक्ति #प्रेम #yourquote  मेरा मन सम्मोह की चादर ओढ़े, चितवन लगाए मानो जैसे उसकी लज्जा की आसक्ति से बंधा हो

बस इतना ही सामर्थ्य रहा हम दोनों की अनुरक्ति का मेरी दीदा और उसकी हया के वात्सल्य की शक्ति का

बोधगम्यता के अथाह अवधारण की तुष्टि, तुम तुम नहीं मेरे काव्य सौंदर्य की कृतित्वता का एक प्रवीण मर्म हो

तुम्हीं में दत्तचित्त होकर शब्दों का अलंकरण करता हूं मेरी रचना विदित होती, हमारी आपसी तकरीर हुई हो

©Viraaj Sisodiya
#काव्यसौंदर्य #अनुराग #आसक्ति #प्रेम #yourquote  हो ना अजस्र तमस्विनी तुम आज 
निर्भीक अपनी अक्षुण्ण लहक पर

संदल सी महमहाती छूती हवा-गुज़र 
मस्ताती, तुम्हारी रगों को तृप्त करती

आमोद से दरख़्तों की सनसनाती पत्तियाँ 
मानो पास बुलाकर तुमसे अनुनय चाहती

वो एक वृहत कोई शून्य स्थान नहीं, मेघवर्णी 
तुम्हारे बेशक़ीमती नवरतो का झिलमिल बसेरा

महताब वो उस जहान का खूब दमकता हाँ, 
हो तुम भी एक चाँद सा सौरम्य चेहरा

©Viraaj Sisodiya

मेरा मन सम्मोह की चादर ओढ़े, चितवन लगाए मानो जैसे उसकी लज्जा की आसक्ति से बंधा हो बस इतना ही सामर्थ्य रहा हम दोनों की अनुरक्ति का मेरी दीदा और उसकी हया के वात्सल्य की शक्ति का बोधगम्यता के अथाह अवधारण की तुष्टि, तुम तुम नहीं मेरे काव्य सौंदर्य की कृतित्वता का एक प्रवीण मर्म हो तुम्हीं में दत्तचित्त होकर शब्दों का अलंकरण करता हूं मेरी रचना विदित होती, हमारी आपसी तकरीर हुई हो ©Viraaj Sisodiya

#काव्यसौंदर्य #अनुराग #आसक्ति #प्रेम #yourquote  मेरा मन सम्मोह की चादर ओढ़े, चितवन लगाए मानो जैसे उसकी लज्जा की आसक्ति से बंधा हो

बस इतना ही सामर्थ्य रहा हम दोनों की अनुरक्ति का मेरी दीदा और उसकी हया के वात्सल्य की शक्ति का

बोधगम्यता के अथाह अवधारण की तुष्टि, तुम तुम नहीं मेरे काव्य सौंदर्य की कृतित्वता का एक प्रवीण मर्म हो

तुम्हीं में दत्तचित्त होकर शब्दों का अलंकरण करता हूं मेरी रचना विदित होती, हमारी आपसी तकरीर हुई हो

©Viraaj Sisodiya
Trending Topic