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#तरुकीदुराशा #कवितावाचिका #संस्कृत #विचार #wellwisher_taru

स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक तरु की दुराशा विधा निजी विचार भाव वास्तविक भवन्तः जानन्ति यत् भवन्तः दोषैः परिपूर्णाः स

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White {Bolo Ji Radhey Radhey} खूबसूरत चेहरा भी बूढ़ा हो जाता है, ताकतवर जिस्म एक दिन ढल जाता है!! पद और ओहदा भी एक दिन समाप्त हो जाते है, लेकिन एक अच्छा इंसान हमेशा अच्छा इंसान ही रहता है, हर व्यक्ति को एक सच्चा व अच्छा इंसान बनने की कोशिश करते रहना चाहिए!! जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #happy_diwali  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
खूबसूरत चेहरा भी बूढ़ा हो जाता 
है, ताकतवर जिस्म एक दिन ढल 
जाता है!! पद और ओहदा भी 
एक दिन समाप्त हो जाते है, लेकिन 
एक अच्छा इंसान हमेशा अच्छा 
इंसान ही रहता है, हर व्यक्ति को 
एक सच्चा व अच्छा इंसान बनने 
की कोशिश करते रहना चाहिए!! 
जय श्री राधेकृष्ण जी।।

©N S Yadav GoldMine

#happy_diwali {Bolo Ji Radhey Radhey} खूबसूरत चेहरा भी बूढ़ा हो जाता है, ताकतवर जिस्म एक दिन ढल जाता है!! पद और ओहदा भी एक दिन समाप्त हो

16 Love

.. चरण छूने योग्य हैं वो नारियाँ जिन्होंने संबंध समाप्त होने के बाद भी अपने प्रेमी के राज़ को स्वयं तक ही सीमित रखा.....!! ©s गोल्डी

#मेरीग़ज़ल  ..                              चरण छूने योग्य हैं 
                                वो नारियाँ जिन्होंने 
                                संबंध समाप्त होने के 
                                बाद भी अपने प्रेमी के 
                                राज़ को स्वयं तक ही 
                                सीमित रखा.....!!

©s गोल्डी

.. चरण छूने योग्य हैं वो नारियाँ जिन्होंने सं

12 Love

White 🙏हे प्रभु आत्मा दिव्य प्रकाश हैं वह कभी नहीं समाप्त होता हैं परंतु शरीर की एक निश्चित अवधि हैं जिसे समाप्त होना अनिवार्य होता हैं इस पृथ्वी ,सृष्टि ,धरती,🌎🌍 का यही नियम हैं कालचक्र अपना प्रभाव दिखाता हैं जन्म से मृत्यु का सफर चलता जाता हैं प्राणी, इंसान, मनुष्य, को जो शरीर प्राप्त होता हैं वह समय के अनुसार समाप्त होता हैं 🙏 ©person

#Bhakti #Shiva  White 🙏हे प्रभु आत्मा दिव्य प्रकाश हैं वह कभी नहीं समाप्त होता हैं 
परंतु शरीर की एक निश्चित अवधि हैं 
जिसे समाप्त होना अनिवार्य होता हैं 
इस पृथ्वी ,सृष्टि ,धरती,🌎🌍 का यही नियम हैं 
कालचक्र अपना प्रभाव दिखाता हैं 
जन्म से मृत्यु का सफर चलता जाता हैं 
प्राणी, इंसान, मनुष्य, को जो शरीर प्राप्त होता हैं 
वह समय के अनुसार समाप्त होता हैं 🙏

©person

#Shiva 🙏🙏🙏🙏‌ 🙏हे प्रभु आत्मा दिव्य प्रकाश हैं वह कभी नहीं समाप्त होता हैं परंतु शरीर की एक निश्चित अवधि हैं जिसे समाप्त होना अनिवार्य होत

11 Love

गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर, खून बेचकर उसे चुकाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ.... सरकारें करती मनमानी ,  पीने का भी छीने पानी । कैसे जीते हैं हम निर्धन ,  कैसे तुमको व्यथा सुनाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... मैं ही एक नहीं हूँ निर्धन ,  आटा दाल न होता ईर्धन । जन-जन का मैं हाल सुनाऊँ ,  आओ चल कर तुम्हें दिखाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... शिक्षा भी व्यापार हुई है ,  महँगी सब्जी दाल हुई है आमद हो गई है आज चव्न्नी,  कैसे घर का खर्च चलाऊँ । आजादी का दिवस मनाऊँ... सभी स्वस्थ सेवाएं महँगी , जीवन की घटनाएं महँगी । आती मौत न जीवन को, फंदा अपने गले लगाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... ज्यादा हुआ दूध उत्पादन, बिन पशु के आ जाता आँगन । किसको दर्पण आज दिखाऊँ  दिल कहता शामिल हो जाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ..... आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ ।
कर्ज बैंक का सर के ऊपर, खून बेचकर उसे चुकाऊँ ।।
आजादी का दिवस मनाऊँ....

सरकारें करती मनमानी , 
पीने का भी छीने पानी ।
कैसे जीते हैं हम निर्धन ,
 कैसे तुमको व्यथा सुनाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

मैं ही एक नहीं हूँ निर्धन , 
आटा दाल न होता ईर्धन ।
जन-जन का मैं हाल सुनाऊँ , 
आओ चल कर तुम्हें दिखाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

शिक्षा भी व्यापार हुई है , 
महँगी सब्जी दाल हुई है
आमद हो गई है आज चव्न्नी, 
कैसे घर का खर्च चलाऊँ । आजादी का दिवस मनाऊँ...

सभी स्वस्थ सेवाएं महँगी ,
जीवन की घटनाएं महँगी ।
आती मौत न जीवन को,
फंदा अपने गले लगाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

ज्यादा हुआ दूध उत्पादन,
बिन पशु के आ जाता आँगन ।
किसको दर्पण आज दिखाऊँ 
दिल कहता शामिल हो जाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ.....
आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ ।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ ,  भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर,

14 Love

#तरुकीदुराशा #कवितावाचिका #संस्कृत #विचार #wellwisher_taru

स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक तरु की दुराशा विधा निजी विचार भाव वास्तविक भवन्तः जानन्ति यत् भवन्तः दोषैः परिपूर्णाः स

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White {Bolo Ji Radhey Radhey} खूबसूरत चेहरा भी बूढ़ा हो जाता है, ताकतवर जिस्म एक दिन ढल जाता है!! पद और ओहदा भी एक दिन समाप्त हो जाते है, लेकिन एक अच्छा इंसान हमेशा अच्छा इंसान ही रहता है, हर व्यक्ति को एक सच्चा व अच्छा इंसान बनने की कोशिश करते रहना चाहिए!! जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #happy_diwali  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
खूबसूरत चेहरा भी बूढ़ा हो जाता 
है, ताकतवर जिस्म एक दिन ढल 
जाता है!! पद और ओहदा भी 
एक दिन समाप्त हो जाते है, लेकिन 
एक अच्छा इंसान हमेशा अच्छा 
इंसान ही रहता है, हर व्यक्ति को 
एक सच्चा व अच्छा इंसान बनने 
की कोशिश करते रहना चाहिए!! 
जय श्री राधेकृष्ण जी।।

©N S Yadav GoldMine

#happy_diwali {Bolo Ji Radhey Radhey} खूबसूरत चेहरा भी बूढ़ा हो जाता है, ताकतवर जिस्म एक दिन ढल जाता है!! पद और ओहदा भी एक दिन समाप्त हो

16 Love

.. चरण छूने योग्य हैं वो नारियाँ जिन्होंने संबंध समाप्त होने के बाद भी अपने प्रेमी के राज़ को स्वयं तक ही सीमित रखा.....!! ©s गोल्डी

#मेरीग़ज़ल  ..                              चरण छूने योग्य हैं 
                                वो नारियाँ जिन्होंने 
                                संबंध समाप्त होने के 
                                बाद भी अपने प्रेमी के 
                                राज़ को स्वयं तक ही 
                                सीमित रखा.....!!

©s गोल्डी

.. चरण छूने योग्य हैं वो नारियाँ जिन्होंने सं

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White 🙏हे प्रभु आत्मा दिव्य प्रकाश हैं वह कभी नहीं समाप्त होता हैं परंतु शरीर की एक निश्चित अवधि हैं जिसे समाप्त होना अनिवार्य होता हैं इस पृथ्वी ,सृष्टि ,धरती,🌎🌍 का यही नियम हैं कालचक्र अपना प्रभाव दिखाता हैं जन्म से मृत्यु का सफर चलता जाता हैं प्राणी, इंसान, मनुष्य, को जो शरीर प्राप्त होता हैं वह समय के अनुसार समाप्त होता हैं 🙏 ©person

#Bhakti #Shiva  White 🙏हे प्रभु आत्मा दिव्य प्रकाश हैं वह कभी नहीं समाप्त होता हैं 
परंतु शरीर की एक निश्चित अवधि हैं 
जिसे समाप्त होना अनिवार्य होता हैं 
इस पृथ्वी ,सृष्टि ,धरती,🌎🌍 का यही नियम हैं 
कालचक्र अपना प्रभाव दिखाता हैं 
जन्म से मृत्यु का सफर चलता जाता हैं 
प्राणी, इंसान, मनुष्य, को जो शरीर प्राप्त होता हैं 
वह समय के अनुसार समाप्त होता हैं 🙏

©person

#Shiva 🙏🙏🙏🙏‌ 🙏हे प्रभु आत्मा दिव्य प्रकाश हैं वह कभी नहीं समाप्त होता हैं परंतु शरीर की एक निश्चित अवधि हैं जिसे समाप्त होना अनिवार्य होत

11 Love

गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर, खून बेचकर उसे चुकाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ.... सरकारें करती मनमानी ,  पीने का भी छीने पानी । कैसे जीते हैं हम निर्धन ,  कैसे तुमको व्यथा सुनाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... मैं ही एक नहीं हूँ निर्धन ,  आटा दाल न होता ईर्धन । जन-जन का मैं हाल सुनाऊँ ,  आओ चल कर तुम्हें दिखाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... शिक्षा भी व्यापार हुई है ,  महँगी सब्जी दाल हुई है आमद हो गई है आज चव्न्नी,  कैसे घर का खर्च चलाऊँ । आजादी का दिवस मनाऊँ... सभी स्वस्थ सेवाएं महँगी , जीवन की घटनाएं महँगी । आती मौत न जीवन को, फंदा अपने गले लगाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... ज्यादा हुआ दूध उत्पादन, बिन पशु के आ जाता आँगन । किसको दर्पण आज दिखाऊँ  दिल कहता शामिल हो जाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ..... आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ ।
कर्ज बैंक का सर के ऊपर, खून बेचकर उसे चुकाऊँ ।।
आजादी का दिवस मनाऊँ....

सरकारें करती मनमानी , 
पीने का भी छीने पानी ।
कैसे जीते हैं हम निर्धन ,
 कैसे तुमको व्यथा सुनाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

मैं ही एक नहीं हूँ निर्धन , 
आटा दाल न होता ईर्धन ।
जन-जन का मैं हाल सुनाऊँ , 
आओ चल कर तुम्हें दिखाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

शिक्षा भी व्यापार हुई है , 
महँगी सब्जी दाल हुई है
आमद हो गई है आज चव्न्नी, 
कैसे घर का खर्च चलाऊँ । आजादी का दिवस मनाऊँ...

सभी स्वस्थ सेवाएं महँगी ,
जीवन की घटनाएं महँगी ।
आती मौत न जीवन को,
फंदा अपने गले लगाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

ज्यादा हुआ दूध उत्पादन,
बिन पशु के आ जाता आँगन ।
किसको दर्पण आज दिखाऊँ 
दिल कहता शामिल हो जाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ.....
आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ ।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ ,  भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर,

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