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New ग़ज़ल रेख़्ता हसरत जयपुरी Status, Photo, Video

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White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था मेरा अज़ीज़ मुझको गिफ्ट में आईना लाया था वो आसूं सिर्फ आसूं नहीं बाग़ी भी हो सकते थे पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था जिससे ज्यादातर नाराज़ ही रहता रहा ये दिल उसको ही अपने बुरे दिनों में अपने साथ पाया था वो मेरी जान से जिक्र की है कि वो मेरी होती जो मुझे उन दिनों बर्बाद ओ बेकार बताया था ©dharmendra kumar yadav

#शायरी  White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था 
मेरा  अज़ीज़  मुझको गिफ्ट में आईना लाया था

वो आसूं  सिर्फ  आसूं नहीं बाग़ी  भी हो  सकते थे
पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था

जिससे  ज्यादातर  नाराज़  ही  रहता  रहा ये दिल
उसको ही  अपने  बुरे दिनों में अपने साथ पाया था

वो  मेरी  जान  से  जिक्र  की  है कि  वो मेरी होती
जो मुझे  उन  दिनों  बर्बाद ओ  बेकार  बताया था

©dharmendra kumar yadav

ग़ज़ल

17 Love

#कविता #sad_shayari

#sad_shayari हसरत

90 View

#good_night #Quotes  White 
जीना हैं अकेले फिर भी लोगों के पीछे दुख के मेले हैं 
किसी के साथ होते हुए भी ना जाने क्यों हम अब भी अकेले हैं 
जलते हैं अकेले ही यादों के दरिया में भी बुझती नहीं वो आग  
तफ़्दिशे जलन भी झेले हैं
किसी के साथ होते हुए भी ना जाने क्यों मगर और भी अकेले हैं

नसीब का लिखा वो ही जाने तक़दीर का दिया हुआ
 दर्द_ए _नसीब हम ने भी झेले है 
अब इस के बाद न जाने नसीब में क्या है
 ना आओ साथ हमारे जिंदगी में हमारे बहुत झमेले हैं

ना याद आते अब वो लम्हे ना याद आते हो तुम कभी
 इस कदर मेरे सफ़र में ओ मुसाफ़िर 
कि अब  तन्हाई इस कदर मेरी यादों में घुल गई कि 
ना अब कोई मिलता ना अब कभी बिछड़ता 
शायद अब हम अपने आप से भी नहीं मिलते कि 
अब हम अपने ध्यान से उतरे हुए से आसुओं के रेले हैं

के ना अब कभी कहना मुझसे कि साथ चलने को 
तुम्हारे हम अपना सब कुछ छोड़ चलते हैं 
अब ना  मिलेंगे हम ना वो हमारी मोहब्बत 
मिलेंगे तो सिर्फ हम और हमारी तन्हाई जिसको दिया तुमने 
और हमने वो जख्म सदियों से झेले है 

फिर ये खेल ना खेलो हमारे साथ समझ जरा ज़ख्मी हु 
और टूटे हुए इस कदर की फ़िर ना जुड़ सकू दोबारा 

जो खेल लोगों ने सदियों से खेले हैं मत आजमा ए ज़ालिम
 कि आवाज़ तक नहीं आएगी मेरे दर्द कि हम 
अब अकेले बहुत अकेले हैं

©Sonuzwrites

#good_night ग़ज़ल ✍️

126 View

मत देना एक ग़ज़ल

423 View

रमशा सामिन अंसारी के चूत का मसाला था आरिफ़ अल्वी के अम्मी को तो यूं ही मसला था हिजड़े की पैदाइश रही आरिफ़ अल्वी कटी जूती से फटी चप्पल किसने मसला था ©Deep Bawara

#yourquote_randibajar #कहानी #शायरी #ग़ज़ल #कोट्स  रमशा सामिन अंसारी के चूत का मसाला था
आरिफ़ अल्वी के अम्मी को तो यूं ही मसला था

हिजड़े की पैदाइश रही आरिफ़ अल्वी
कटी जूती से फटी चप्पल किसने मसला था

©Deep Bawara

#ग़ज़ल :- #जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_ शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है । जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१ खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है । तुम्हारे लिए चाँद लाने की हसरत है ।।२ हटाकर मैं काँटे तेरे रास्ते के डगर साफ़ सुथरी दिखाने की हसरत है ।।३ करो खूब बेटी सदा नाम जग में । यही कीर्ति तुमको दिलाने की हसरत है ४ महादेव लाए घड़ी वह सुहानी । कि डोली तुम्हारी सजाने की हसरत है ५ कली बाग की तुम हमारी हो पहली । तुम्हें देख कर मुस्कुराने की हसरत है ।। ६ खुशी से मनाए प्रखर दिन तुम्हारा । खुशी आज पूरी जताने की हसरत है ७ १४/०८/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा #जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_ #शायरी #ग़ज़ल  #ग़ज़ल :-
#जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_
शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा

तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है ।
जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१
खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है ।
तुम्हारे लिए चाँद लाने की हसरत है ।।२
हटाकर मैं काँटे तेरे रास्ते के
डगर साफ़ सुथरी दिखाने की हसरत है ।।३
करो खूब बेटी सदा नाम जग में ।
यही कीर्ति तुमको दिलाने की हसरत है ४
महादेव लाए घड़ी वह सुहानी ।
कि डोली तुम्हारी सजाने की हसरत है ५
कली बाग की तुम हमारी हो पहली ।
तुम्हें देख कर मुस्कुराने की हसरत है ।। ६
खुशी से मनाए प्रखर दिन तुम्हारा ।
खुशी आज पूरी जताने की हसरत है ७
१४/०८/२०२३    - महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#ग़ज़ल :- #जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है । जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१ खिलों

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White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था मेरा अज़ीज़ मुझको गिफ्ट में आईना लाया था वो आसूं सिर्फ आसूं नहीं बाग़ी भी हो सकते थे पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था जिससे ज्यादातर नाराज़ ही रहता रहा ये दिल उसको ही अपने बुरे दिनों में अपने साथ पाया था वो मेरी जान से जिक्र की है कि वो मेरी होती जो मुझे उन दिनों बर्बाद ओ बेकार बताया था ©dharmendra kumar yadav

#शायरी  White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था 
मेरा  अज़ीज़  मुझको गिफ्ट में आईना लाया था

वो आसूं  सिर्फ  आसूं नहीं बाग़ी  भी हो  सकते थे
पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था

जिससे  ज्यादातर  नाराज़  ही  रहता  रहा ये दिल
उसको ही  अपने  बुरे दिनों में अपने साथ पाया था

वो  मेरी  जान  से  जिक्र  की  है कि  वो मेरी होती
जो मुझे  उन  दिनों  बर्बाद ओ  बेकार  बताया था

©dharmendra kumar yadav

ग़ज़ल

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#कविता #sad_shayari

#sad_shayari हसरत

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#good_night #Quotes  White 
जीना हैं अकेले फिर भी लोगों के पीछे दुख के मेले हैं 
किसी के साथ होते हुए भी ना जाने क्यों हम अब भी अकेले हैं 
जलते हैं अकेले ही यादों के दरिया में भी बुझती नहीं वो आग  
तफ़्दिशे जलन भी झेले हैं
किसी के साथ होते हुए भी ना जाने क्यों मगर और भी अकेले हैं

नसीब का लिखा वो ही जाने तक़दीर का दिया हुआ
 दर्द_ए _नसीब हम ने भी झेले है 
अब इस के बाद न जाने नसीब में क्या है
 ना आओ साथ हमारे जिंदगी में हमारे बहुत झमेले हैं

ना याद आते अब वो लम्हे ना याद आते हो तुम कभी
 इस कदर मेरे सफ़र में ओ मुसाफ़िर 
कि अब  तन्हाई इस कदर मेरी यादों में घुल गई कि 
ना अब कोई मिलता ना अब कभी बिछड़ता 
शायद अब हम अपने आप से भी नहीं मिलते कि 
अब हम अपने ध्यान से उतरे हुए से आसुओं के रेले हैं

के ना अब कभी कहना मुझसे कि साथ चलने को 
तुम्हारे हम अपना सब कुछ छोड़ चलते हैं 
अब ना  मिलेंगे हम ना वो हमारी मोहब्बत 
मिलेंगे तो सिर्फ हम और हमारी तन्हाई जिसको दिया तुमने 
और हमने वो जख्म सदियों से झेले है 

फिर ये खेल ना खेलो हमारे साथ समझ जरा ज़ख्मी हु 
और टूटे हुए इस कदर की फ़िर ना जुड़ सकू दोबारा 

जो खेल लोगों ने सदियों से खेले हैं मत आजमा ए ज़ालिम
 कि आवाज़ तक नहीं आएगी मेरे दर्द कि हम 
अब अकेले बहुत अकेले हैं

©Sonuzwrites

#good_night ग़ज़ल ✍️

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मत देना एक ग़ज़ल

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रमशा सामिन अंसारी के चूत का मसाला था आरिफ़ अल्वी के अम्मी को तो यूं ही मसला था हिजड़े की पैदाइश रही आरिफ़ अल्वी कटी जूती से फटी चप्पल किसने मसला था ©Deep Bawara

#yourquote_randibajar #कहानी #शायरी #ग़ज़ल #कोट्स  रमशा सामिन अंसारी के चूत का मसाला था
आरिफ़ अल्वी के अम्मी को तो यूं ही मसला था

हिजड़े की पैदाइश रही आरिफ़ अल्वी
कटी जूती से फटी चप्पल किसने मसला था

©Deep Bawara

#ग़ज़ल :- #जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_ शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है । जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१ खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है । तुम्हारे लिए चाँद लाने की हसरत है ।।२ हटाकर मैं काँटे तेरे रास्ते के डगर साफ़ सुथरी दिखाने की हसरत है ।।३ करो खूब बेटी सदा नाम जग में । यही कीर्ति तुमको दिलाने की हसरत है ४ महादेव लाए घड़ी वह सुहानी । कि डोली तुम्हारी सजाने की हसरत है ५ कली बाग की तुम हमारी हो पहली । तुम्हें देख कर मुस्कुराने की हसरत है ।। ६ खुशी से मनाए प्रखर दिन तुम्हारा । खुशी आज पूरी जताने की हसरत है ७ १४/०८/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा #जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_ #शायरी #ग़ज़ल  #ग़ज़ल :-
#जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_
शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा

तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है ।
जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१
खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है ।
तुम्हारे लिए चाँद लाने की हसरत है ।।२
हटाकर मैं काँटे तेरे रास्ते के
डगर साफ़ सुथरी दिखाने की हसरत है ।।३
करो खूब बेटी सदा नाम जग में ।
यही कीर्ति तुमको दिलाने की हसरत है ४
महादेव लाए घड़ी वह सुहानी ।
कि डोली तुम्हारी सजाने की हसरत है ५
कली बाग की तुम हमारी हो पहली ।
तुम्हें देख कर मुस्कुराने की हसरत है ।। ६
खुशी से मनाए प्रखर दिन तुम्हारा ।
खुशी आज पूरी जताने की हसरत है ७
१४/०८/२०२३    - महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#ग़ज़ल :- #जन्मदिन_की_बहुत_बहुत_बधाई_एंव_शुभकामनाएं_कीर्ति_बेटा तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है । जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१ खिलों

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