tags

New अँधेरा Status, Photo, Video

Find the latest Status about अँधेरा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about अँधेरा.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#नोजोटोराइटर्स #नोजोटोहिंदी #अँधेरामेरा #रौशनीमें #विचार #love_shayari  White इस रौशनी में समाया है जो अँधेरा,
बस वही है सिर्फ़ मेरा।

©Pushpa Sharma "कृtt¥"
#अँधेरा #कविता #वादा #love_shayari  White इन अंधेरों में,
अन्जान रास्तों पर।
आज भी चल रहा हूँ,
तेरे किये हुये वादों पर।

©Anand Prakash Nautiyal tnautiyal

ग़ज़ल :- नाम तेरा सदा गुनगुनाता रहा । मन ही मन सोचकर मुस्कराता रहा ।। जब कभी ख्वाब में आप आये मेरे । रात फिर सारी  घूँघट उठाता रहा ।। क्या हुआ मुश्किलों से जो रोटी मिली । प्रेम से तो निवाला खिलाता रहा ।। बद नज़र है जमाने की सारी नज़र । हाथ से उसकी सूरत छुपाता रहा । शब न आयी कभी ज़िंदगी में मेरे । नूर उसका अँधेरा मिटाता रहा ।। देख लो आज भी उसका कोमल हृदय  । मन को मेरे मयूरा बनाता रहा ।। छेड़ती होंगी सखियाँ ये कहकर उसे । नैन कैसे प्रखर कल लडाता रहा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
नाम तेरा सदा गुनगुनाता रहा ।
मन ही मन सोचकर मुस्कराता रहा ।।

जब कभी ख्वाब में आप आये मेरे ।
रात फिर सारी  घूँघट उठाता रहा ।।

क्या हुआ मुश्किलों से जो रोटी मिली ।
प्रेम से तो निवाला खिलाता रहा ।।

बद नज़र है जमाने की सारी नज़र ।
हाथ से उसकी सूरत छुपाता रहा ।

शब न आयी कभी ज़िंदगी में मेरे ।
नूर उसका अँधेरा मिटाता रहा ।।

देख लो आज भी उसका कोमल हृदय  ।
मन को मेरे मयूरा बनाता रहा ।।

छेड़ती होंगी सखियाँ ये कहकर उसे ।
नैन कैसे प्रखर कल लडाता रहा ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- नाम तेरा सदा गुनगुनाता रहा । मन ही मन सोचकर मुस्कराता रहा ।। जब कभी ख्वाब में आप आये मेरे । रात फिर सारी  घूँघट उठाता रहा ।। क्या ह

12 Love

#नोजोटोराइटर्स #नोजोटोहिंदी #अँधेरामेरा #रौशनीमें #विचार #love_shayari  White इस रौशनी में समाया है जो अँधेरा,
बस वही है सिर्फ़ मेरा।

©Pushpa Sharma "कृtt¥"
#अँधेरा #कविता #वादा #love_shayari  White इन अंधेरों में,
अन्जान रास्तों पर।
आज भी चल रहा हूँ,
तेरे किये हुये वादों पर।

©Anand Prakash Nautiyal tnautiyal

ग़ज़ल :- नाम तेरा सदा गुनगुनाता रहा । मन ही मन सोचकर मुस्कराता रहा ।। जब कभी ख्वाब में आप आये मेरे । रात फिर सारी  घूँघट उठाता रहा ।। क्या हुआ मुश्किलों से जो रोटी मिली । प्रेम से तो निवाला खिलाता रहा ।। बद नज़र है जमाने की सारी नज़र । हाथ से उसकी सूरत छुपाता रहा । शब न आयी कभी ज़िंदगी में मेरे । नूर उसका अँधेरा मिटाता रहा ।। देख लो आज भी उसका कोमल हृदय  । मन को मेरे मयूरा बनाता रहा ।। छेड़ती होंगी सखियाँ ये कहकर उसे । नैन कैसे प्रखर कल लडाता रहा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
नाम तेरा सदा गुनगुनाता रहा ।
मन ही मन सोचकर मुस्कराता रहा ।।

जब कभी ख्वाब में आप आये मेरे ।
रात फिर सारी  घूँघट उठाता रहा ।।

क्या हुआ मुश्किलों से जो रोटी मिली ।
प्रेम से तो निवाला खिलाता रहा ।।

बद नज़र है जमाने की सारी नज़र ।
हाथ से उसकी सूरत छुपाता रहा ।

शब न आयी कभी ज़िंदगी में मेरे ।
नूर उसका अँधेरा मिटाता रहा ।।

देख लो आज भी उसका कोमल हृदय  ।
मन को मेरे मयूरा बनाता रहा ।।

छेड़ती होंगी सखियाँ ये कहकर उसे ।
नैन कैसे प्रखर कल लडाता रहा ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- नाम तेरा सदा गुनगुनाता रहा । मन ही मन सोचकर मुस्कराता रहा ।। जब कभी ख्वाब में आप आये मेरे । रात फिर सारी  घूँघट उठाता रहा ।। क्या ह

12 Love

Trending Topic