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New the felling of the banyan tree poem summary Status, Photo, Video

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अंत का भी अंत होता है कुछ भी कहां अनंत होता है पतझड़ भी एक घटना है 12 महीने कहां बसंत होता है ©Mishra Agency

#कोट्स #tree  अंत का भी अंत होता है कुछ भी कहां
 अनंत होता है पतझड़ भी एक घटना है 
12 महीने कहां बसंत होता है

©Mishra Agency

#tree

14 Love

White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal

#Sad_Status  White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना,
राहों में खो जाने से पहले,
ख़ुद को जानना ज़रूरी है,
तब जाकर कोई सही रास्ता लगे।

हर ख्वाब का पीछा करते हुए,
सपनों में खो जाते हैं हम,
लेकिन जब वो टूटते हैं,
तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम।

अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम,
पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है।
जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है,
बाकी सब तो बस एक छलावा होता है।

अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है,
क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ?
जब तक ये सवाल हल नहीं होगा,
ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा।

©Ajita Bansal

#Sad_Status poem of the day

17 Love

#वीडियो

tree

135 View

#Videos

Tree ropana

99 View

#felling

#felling

117 View

#Thinking  White वो रास्ते भी क्या रास्ते थे,
जो हमें मंज़िल तक ले जाते थे।
कभी धूप में, कभी छाँव में,
हम चलते रहे, सफ़र के साथ।

हर मोड़ पर, हर इक ठहराव में,
मिले हमसे कुछ किस्से नए।
कभी हँसाए, कभी रुलाए,
वो रास्ते भी हमें सिखाते गए।

कभी ठोकरें खाईं, कभी गिरकर उठे,
मंज़िल की ओर बढ़ते गए।
वो रास्ते हमें समझाते रहे,
कि संघर्ष ही है असली जीत का रास्ता।

©Ajita Bansal

#Thinking poem of the day

207 View

अंत का भी अंत होता है कुछ भी कहां अनंत होता है पतझड़ भी एक घटना है 12 महीने कहां बसंत होता है ©Mishra Agency

#कोट्स #tree  अंत का भी अंत होता है कुछ भी कहां
 अनंत होता है पतझड़ भी एक घटना है 
12 महीने कहां बसंत होता है

©Mishra Agency

#tree

14 Love

White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal

#Sad_Status  White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना,
राहों में खो जाने से पहले,
ख़ुद को जानना ज़रूरी है,
तब जाकर कोई सही रास्ता लगे।

हर ख्वाब का पीछा करते हुए,
सपनों में खो जाते हैं हम,
लेकिन जब वो टूटते हैं,
तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम।

अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम,
पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है।
जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है,
बाकी सब तो बस एक छलावा होता है।

अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है,
क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ?
जब तक ये सवाल हल नहीं होगा,
ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा।

©Ajita Bansal

#Sad_Status poem of the day

17 Love

#वीडियो

tree

135 View

#Videos

Tree ropana

99 View

#felling

#felling

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#Thinking  White वो रास्ते भी क्या रास्ते थे,
जो हमें मंज़िल तक ले जाते थे।
कभी धूप में, कभी छाँव में,
हम चलते रहे, सफ़र के साथ।

हर मोड़ पर, हर इक ठहराव में,
मिले हमसे कुछ किस्से नए।
कभी हँसाए, कभी रुलाए,
वो रास्ते भी हमें सिखाते गए।

कभी ठोकरें खाईं, कभी गिरकर उठे,
मंज़िल की ओर बढ़ते गए।
वो रास्ते हमें समझाते रहे,
कि संघर्ष ही है असली जीत का रास्ता।

©Ajita Bansal

#Thinking poem of the day

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