White मेरे और मेरे इस आत्मा के जन्म का
अंततः मुझे अर्थ मिल गया है।
हर क्षण, हर दिन, हर बार उसने
स्वर्ग से परे कृष्ण चरण की ओर बढ़ाया है।
सुनी है प्रेमी के बांसुरी की धुन,
देखी है उन अमर आंखों की सुंदरता।
जाना है जबसे परमानंद के आश्चर्य को,
उसका संगीत अब और क़रीब है आता।
जीवन एक अजीब सी खुशी से कांप रहा है,
अपने स्वामी से एक होने की आशा।
इस एक क्षण के लिए युगों ने जीवन जिया है,
मिलना है उससे, जो है हृदय में हमेशा।
अंततः दुनिया मुझमें धड़क रही है,
सम्पूर्ण, कृष्ण की हो जाऊंगी मैं!
प्रकृति, एक विराम है विस्तृत,
कुछ यूं हरिधाम लौट आऊंगी मैं!
©Anagha Ukaskar
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