tags

New falador diary 07 Status, Photo, Video

Find the latest Status about falador diary 07 from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about falador diary 07.

  • Latest
  • Popular
  • Video

White जो तुम मुझको मिलते तो मैं इतराती जो मैं तुमको मिलती तो तुम भी इतराते यही वजह है की हम एक दूसरे को नही मिले । ©Writer

#06nov2024 #SAD  White जो तुम मुझको मिलते तो मैं इतराती 
जो मैं तुमको मिलती तो तुम भी इतराते 
यही वजह है की हम एक दूसरे को नही मिले ।

©Writer

🥀🍁🥀 #06nov2024 #07:59am

30 Love

छोड़ो ना ये सफेद बालों की फ़िक्र ,,,,कोई तो है... जो तुम्हारे चेहरे की तिल पर मरता है । छोड़ो ना ये बढ़ते हुए वज़न की फ़िक्र ,,,,कोई तो है .. जो सिर्फ़ तुम्हारे खूबसूरत दिल पे मरता है। छोड़ो ना ये गालों की सिलवटों की फ़िक्र ,,,,,कोई तो है... जो सिर्फ़ तुम्हारी प्यारी सी मुस्कान पे मरता है। तुम वही करो जिससे तुम्हें खुशी मिले ,,,,, कोई तो है जो सिर्फ़ तुम्हारी खुशी पर मरता है। ©Tarique Usmani

#wishes #diary  छोड़ो ना
ये सफेद बालों की फ़िक्र ,,,,कोई तो है... जो तुम्हारे 
चेहरे की तिल पर मरता है ।
छोड़ो ना
ये बढ़ते हुए वज़न की फ़िक्र ,,,,कोई तो है .. जो सिर्फ़ तुम्हारे खूबसूरत दिल पे मरता है।
छोड़ो ना
ये गालों की सिलवटों की फ़िक्र ,,,,,कोई तो है... 
जो सिर्फ़ तुम्हारी प्यारी सी मुस्कान पे मरता है।
तुम वही करो जिससे तुम्हें खुशी मिले ,,,,, कोई तो है
जो सिर्फ़ तुम्हारी खुशी पर मरता है।

©Tarique Usmani

#diary

20 Love

White घर की छत और बचपन, वो यादों का आसमान, जहाँ उड़ते थे सपने, जैसे पतंगों के रंगीन सामान। छत पर बैठकर देखना, सूरज का ढलता रंग, वो छोटी-छोटी बातें, जो दिल को करतीं तंग। बारिश की बूँदों में, छत पर नाचते पांव, माँ की पुकारें भी तब, सुनाई नहीं देतीं, मानो खो जाएँ। रात में तारे गिनना, और चाँद से बातें करना, उस छत पर बैठकर, दुनिया को भूल जाना। छत पर खेलते खेल, वो हँसी और शोर, बचपन की वो छत ही थी, जो करती थी दिल को चोर। आज भी जब छत पर जाऊँ, वही अहसास जगता है, बचपन का वो मासूमपन, फिर से दिल में बसता है। ©"सीमा"अमन सिंह

#banarasi_Chhora  White घर की छत और बचपन, वो यादों का आसमान,
जहाँ उड़ते थे सपने, जैसे पतंगों के रंगीन सामान।

छत पर बैठकर देखना, सूरज का ढलता रंग,
वो छोटी-छोटी बातें, जो दिल को करतीं तंग।

बारिश की बूँदों में, छत पर नाचते पांव,
माँ की पुकारें भी तब, सुनाई नहीं देतीं, मानो खो जाएँ।

रात में तारे गिनना, और चाँद से बातें करना,
उस छत पर बैठकर, दुनिया को भूल जाना।

छत पर खेलते खेल, वो हँसी और शोर,
बचपन की वो छत ही थी, जो करती थी दिल को चोर।

आज भी जब छत पर जाऊँ, वही अहसास जगता है,
बचपन का वो मासूमपन, फिर से दिल में बसता है।

©"सीमा"अमन सिंह

#banarasi_Chhora Date:- 07/10/2024

25 Love

प्रेम में तो सिर्फ़ हवस वालो को सफलता मिलती है, जो सच में सच्चा प्यार करते है, साला वो तो शायरिया लिखते रह जाते हैं। ©sweetu

#diary #SAD  प्रेम में तो सिर्फ़ हवस वालो को सफलता मिलती है,
जो सच में सच्चा प्यार करते है, साला वो तो शायरिया लिखते रह जाते हैं।

©sweetu

#diary

9 Love

Dear Diary Pichle kayi saalo se humari zindagi mein kya chal raha hai, kya ho raha hai, kuch hume pata hi nahi chalta, bs subaah se shaam hoti hai, ghar ke kaam, mobile, tv, namaaz, quraan, sajde bs phir naya din, aur aisa karte - karte kayi saal ho gaye hai, hume toh pata hi nahi zindagi mein kuch paana bhi chahte hai ya nahi, past ki baaton se hi nahi nikal paate, apni nadaniyon se, pata nahi zindagi mein kuch banenge bhi ya nahi, bs Overthinking, anxiety yeh sab laga rehta hai zindagi mein aisa lagta hai, khush hote hai , din bhar logon se baatien, bhai - behan se jhagdaa hota rehta hai, par phir jab raaton ko neend nahi aati, zindagi ki talkh baatein yaad aati hai, aane waale kal ki fikar sataane lagti hai, allah par yakeen hai pata nahi kyun yeh dimaag nahi sunta humari. 2/10/24 ⏰11:37 p. m. (ubaida khatoon S S) ✍️ ©Ubaida khatoon Siddiqui

#विचार #Ubaidakhatoon #ubaidawrites #diary  Dear Diary Pichle kayi saalo se humari zindagi mein kya chal raha hai,
 kya ho raha hai, 
kuch hume pata hi nahi chalta, 
bs subaah se shaam hoti hai, 
ghar ke kaam, mobile, tv, namaaz, quraan, 
sajde bs phir naya din,
 aur aisa karte - karte kayi saal ho gaye hai, 
hume toh pata hi nahi zindagi mein
 kuch paana bhi chahte hai ya nahi, 
past ki baaton se hi nahi nikal paate, 
apni nadaniyon se, 
pata nahi zindagi mein kuch banenge bhi ya nahi, 
bs Overthinking, anxiety yeh sab laga rehta hai 
zindagi mein aisa lagta hai, 
khush hote hai , din bhar logon se baatien, 
bhai - behan se jhagdaa hota rehta hai, 
par phir jab raaton ko neend nahi aati, 
zindagi ki talkh baatein yaad aati hai, 
aane waale kal ki fikar sataane lagti hai, 
allah par yakeen  hai 
pata nahi kyun yeh dimaag nahi sunta humari. 
2/10/24
⏰11:37 p. m. 
(ubaida khatoon S S) ✍️

©Ubaida khatoon Siddiqui

कौन यहाँ दिल बहलाने को लिखता है, दिल बहलता नहीं इसलिए तो लिखना पड़ता है। ©Dcprashant

#विचार #diary  कौन यहाँ दिल बहलाने को लिखता है,
दिल बहलता नहीं इसलिए तो लिखना पड़ता है।

©Dcprashant

#diary

9 Love

White जो तुम मुझको मिलते तो मैं इतराती जो मैं तुमको मिलती तो तुम भी इतराते यही वजह है की हम एक दूसरे को नही मिले । ©Writer

#06nov2024 #SAD  White जो तुम मुझको मिलते तो मैं इतराती 
जो मैं तुमको मिलती तो तुम भी इतराते 
यही वजह है की हम एक दूसरे को नही मिले ।

©Writer

🥀🍁🥀 #06nov2024 #07:59am

30 Love

छोड़ो ना ये सफेद बालों की फ़िक्र ,,,,कोई तो है... जो तुम्हारे चेहरे की तिल पर मरता है । छोड़ो ना ये बढ़ते हुए वज़न की फ़िक्र ,,,,कोई तो है .. जो सिर्फ़ तुम्हारे खूबसूरत दिल पे मरता है। छोड़ो ना ये गालों की सिलवटों की फ़िक्र ,,,,,कोई तो है... जो सिर्फ़ तुम्हारी प्यारी सी मुस्कान पे मरता है। तुम वही करो जिससे तुम्हें खुशी मिले ,,,,, कोई तो है जो सिर्फ़ तुम्हारी खुशी पर मरता है। ©Tarique Usmani

#wishes #diary  छोड़ो ना
ये सफेद बालों की फ़िक्र ,,,,कोई तो है... जो तुम्हारे 
चेहरे की तिल पर मरता है ।
छोड़ो ना
ये बढ़ते हुए वज़न की फ़िक्र ,,,,कोई तो है .. जो सिर्फ़ तुम्हारे खूबसूरत दिल पे मरता है।
छोड़ो ना
ये गालों की सिलवटों की फ़िक्र ,,,,,कोई तो है... 
जो सिर्फ़ तुम्हारी प्यारी सी मुस्कान पे मरता है।
तुम वही करो जिससे तुम्हें खुशी मिले ,,,,, कोई तो है
जो सिर्फ़ तुम्हारी खुशी पर मरता है।

©Tarique Usmani

#diary

20 Love

White घर की छत और बचपन, वो यादों का आसमान, जहाँ उड़ते थे सपने, जैसे पतंगों के रंगीन सामान। छत पर बैठकर देखना, सूरज का ढलता रंग, वो छोटी-छोटी बातें, जो दिल को करतीं तंग। बारिश की बूँदों में, छत पर नाचते पांव, माँ की पुकारें भी तब, सुनाई नहीं देतीं, मानो खो जाएँ। रात में तारे गिनना, और चाँद से बातें करना, उस छत पर बैठकर, दुनिया को भूल जाना। छत पर खेलते खेल, वो हँसी और शोर, बचपन की वो छत ही थी, जो करती थी दिल को चोर। आज भी जब छत पर जाऊँ, वही अहसास जगता है, बचपन का वो मासूमपन, फिर से दिल में बसता है। ©"सीमा"अमन सिंह

#banarasi_Chhora  White घर की छत और बचपन, वो यादों का आसमान,
जहाँ उड़ते थे सपने, जैसे पतंगों के रंगीन सामान।

छत पर बैठकर देखना, सूरज का ढलता रंग,
वो छोटी-छोटी बातें, जो दिल को करतीं तंग।

बारिश की बूँदों में, छत पर नाचते पांव,
माँ की पुकारें भी तब, सुनाई नहीं देतीं, मानो खो जाएँ।

रात में तारे गिनना, और चाँद से बातें करना,
उस छत पर बैठकर, दुनिया को भूल जाना।

छत पर खेलते खेल, वो हँसी और शोर,
बचपन की वो छत ही थी, जो करती थी दिल को चोर।

आज भी जब छत पर जाऊँ, वही अहसास जगता है,
बचपन का वो मासूमपन, फिर से दिल में बसता है।

©"सीमा"अमन सिंह

#banarasi_Chhora Date:- 07/10/2024

25 Love

प्रेम में तो सिर्फ़ हवस वालो को सफलता मिलती है, जो सच में सच्चा प्यार करते है, साला वो तो शायरिया लिखते रह जाते हैं। ©sweetu

#diary #SAD  प्रेम में तो सिर्फ़ हवस वालो को सफलता मिलती है,
जो सच में सच्चा प्यार करते है, साला वो तो शायरिया लिखते रह जाते हैं।

©sweetu

#diary

9 Love

Dear Diary Pichle kayi saalo se humari zindagi mein kya chal raha hai, kya ho raha hai, kuch hume pata hi nahi chalta, bs subaah se shaam hoti hai, ghar ke kaam, mobile, tv, namaaz, quraan, sajde bs phir naya din, aur aisa karte - karte kayi saal ho gaye hai, hume toh pata hi nahi zindagi mein kuch paana bhi chahte hai ya nahi, past ki baaton se hi nahi nikal paate, apni nadaniyon se, pata nahi zindagi mein kuch banenge bhi ya nahi, bs Overthinking, anxiety yeh sab laga rehta hai zindagi mein aisa lagta hai, khush hote hai , din bhar logon se baatien, bhai - behan se jhagdaa hota rehta hai, par phir jab raaton ko neend nahi aati, zindagi ki talkh baatein yaad aati hai, aane waale kal ki fikar sataane lagti hai, allah par yakeen hai pata nahi kyun yeh dimaag nahi sunta humari. 2/10/24 ⏰11:37 p. m. (ubaida khatoon S S) ✍️ ©Ubaida khatoon Siddiqui

#विचार #Ubaidakhatoon #ubaidawrites #diary  Dear Diary Pichle kayi saalo se humari zindagi mein kya chal raha hai,
 kya ho raha hai, 
kuch hume pata hi nahi chalta, 
bs subaah se shaam hoti hai, 
ghar ke kaam, mobile, tv, namaaz, quraan, 
sajde bs phir naya din,
 aur aisa karte - karte kayi saal ho gaye hai, 
hume toh pata hi nahi zindagi mein
 kuch paana bhi chahte hai ya nahi, 
past ki baaton se hi nahi nikal paate, 
apni nadaniyon se, 
pata nahi zindagi mein kuch banenge bhi ya nahi, 
bs Overthinking, anxiety yeh sab laga rehta hai 
zindagi mein aisa lagta hai, 
khush hote hai , din bhar logon se baatien, 
bhai - behan se jhagdaa hota rehta hai, 
par phir jab raaton ko neend nahi aati, 
zindagi ki talkh baatein yaad aati hai, 
aane waale kal ki fikar sataane lagti hai, 
allah par yakeen  hai 
pata nahi kyun yeh dimaag nahi sunta humari. 
2/10/24
⏰11:37 p. m. 
(ubaida khatoon S S) ✍️

©Ubaida khatoon Siddiqui

कौन यहाँ दिल बहलाने को लिखता है, दिल बहलता नहीं इसलिए तो लिखना पड़ता है। ©Dcprashant

#विचार #diary  कौन यहाँ दिल बहलाने को लिखता है,
दिल बहलता नहीं इसलिए तो लिखना पड़ता है।

©Dcprashant

#diary

9 Love

Trending Topic