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New हरिवंश राय बच्चन की कविता मधुशाला Status, Photo, Video

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कौन है देत सहारा धक्का देने के लिए, सभी यहाँ तैयार दुनियादारी के हुए, बहुते लोग शिकार बहुते लोग शिकार, कौन है देत सहारा सको नहीं पहचान, कौन है मीत हमारा कहते गिरिधर राय-मिले न जुबाँका पक्का मददगार दो - एक, बाकी देत हैं धक्का डॉ.गिरिधर राय ©Giridhar Rai

#कविता #good_night  कौन है देत सहारा
धक्का  देने  के   लिए,  सभी   यहाँ  तैयार
दुनियादारी  के   हुए,  बहुते  लोग  शिकार
बहुते  लोग  शिकार,  कौन  है  देत सहारा
सको  नहीं   पहचान,  कौन  है मीत हमारा
कहते गिरिधर राय-मिले न जुबाँका पक्का
मददगार  दो - एक,  बाकी  देत  हैं  धक्का
डॉ.गिरिधर राय

©Giridhar Rai

#good_night गिरधर राय की कुण्डलिया

11 Love

White मुहब्बत, आशिकी और इबादत होती यदि मुझे तुम्हारी आंखों में उतर जाने की इजाजत होती... ©Neetesh kumar

#कविता #Sad_Status  White मुहब्बत, आशिकी और इबादत होती


यदि 


मुझे तुम्हारी आंखों में उतर जाने 
की इजाजत होती...

©Neetesh kumar

#Sad_Status कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता

9 Love

#कविता

कविता Islam प्रेम कविता कुमार विश्वास की कविता देशभक्ति कविता

81 View

#कविता

viral हिंदी दिवस पर कविता कविता कोश कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता

108 View

जब नाव जल में छोड दी तूफान में ही मोड़ दी दे दी चुनौती सिंधु को फिर धार क्या मंझधार क्या कह मृत्यु को वरदान ही मरना लिया जब ठान ही जब आ गये रणभूमि में फिर जीत क्या फिर हार क्या जब छोड़ दी सुख की कामना आरंभ कर दी साधना सघर्ष पथ पर बढ़ चले फिर फूल क्या अंगार क्या संसार का पी, पी गरल जब कर लिया मन को सरल भगवान शंकर हो गए फिर राख क्या श्रंगार क्या . ©Arpit Mishra

 जब नाव जल में छोड दी 
तूफान में ही मोड़ दी 
दे दी चुनौती सिंधु को 
फिर धार क्या मंझधार क्या 

कह मृत्यु को वरदान ही 
मरना लिया जब ठान ही 
जब आ गये रणभूमि में 
फिर जीत क्या फिर हार क्या 

जब छोड़ दी सुख की कामना 
आरंभ कर दी साधना 
सघर्ष पथ पर बढ़ चले 
फिर फूल क्या अंगार क्या 

संसार का पी, पी गरल 
जब कर लिया मन को सरल 
भगवान शंकर हो गए 
फिर राख क्या श्रंगार क्या




.

©Arpit Mishra

हरिवंश राय बच्चन

13 Love

शोभा हूॅं मैं घर आंगन की, क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं। बार बार तुम खींच रहे जो, अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं। पावन सुत्र के मोती धुमिल अब, समस्त यह गांठ ही रह जाएगी। एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी। ©Ritika Vijay Shrivastava

#कविता #swiftbird  शोभा हूॅं मैं घर आंगन की,
क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं।
बार बार तुम खींच रहे जो,
अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं।
पावन सुत्र के मोती धुमिल अब,
समस्त यह गांठ ही रह जाएगी।
एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी।

©Ritika Vijay Shrivastava

#swiftbird कविता हिंदी कविता हिंदी कविता कुमार विश्वास की कविता कविता कोश

15 Love

कौन है देत सहारा धक्का देने के लिए, सभी यहाँ तैयार दुनियादारी के हुए, बहुते लोग शिकार बहुते लोग शिकार, कौन है देत सहारा सको नहीं पहचान, कौन है मीत हमारा कहते गिरिधर राय-मिले न जुबाँका पक्का मददगार दो - एक, बाकी देत हैं धक्का डॉ.गिरिधर राय ©Giridhar Rai

#कविता #good_night  कौन है देत सहारा
धक्का  देने  के   लिए,  सभी   यहाँ  तैयार
दुनियादारी  के   हुए,  बहुते  लोग  शिकार
बहुते  लोग  शिकार,  कौन  है  देत सहारा
सको  नहीं   पहचान,  कौन  है मीत हमारा
कहते गिरिधर राय-मिले न जुबाँका पक्का
मददगार  दो - एक,  बाकी  देत  हैं  धक्का
डॉ.गिरिधर राय

©Giridhar Rai

#good_night गिरधर राय की कुण्डलिया

11 Love

White मुहब्बत, आशिकी और इबादत होती यदि मुझे तुम्हारी आंखों में उतर जाने की इजाजत होती... ©Neetesh kumar

#कविता #Sad_Status  White मुहब्बत, आशिकी और इबादत होती


यदि 


मुझे तुम्हारी आंखों में उतर जाने 
की इजाजत होती...

©Neetesh kumar

#Sad_Status कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता

9 Love

#कविता

कविता Islam प्रेम कविता कुमार विश्वास की कविता देशभक्ति कविता

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#कविता

viral हिंदी दिवस पर कविता कविता कोश कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता

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जब नाव जल में छोड दी तूफान में ही मोड़ दी दे दी चुनौती सिंधु को फिर धार क्या मंझधार क्या कह मृत्यु को वरदान ही मरना लिया जब ठान ही जब आ गये रणभूमि में फिर जीत क्या फिर हार क्या जब छोड़ दी सुख की कामना आरंभ कर दी साधना सघर्ष पथ पर बढ़ चले फिर फूल क्या अंगार क्या संसार का पी, पी गरल जब कर लिया मन को सरल भगवान शंकर हो गए फिर राख क्या श्रंगार क्या . ©Arpit Mishra

 जब नाव जल में छोड दी 
तूफान में ही मोड़ दी 
दे दी चुनौती सिंधु को 
फिर धार क्या मंझधार क्या 

कह मृत्यु को वरदान ही 
मरना लिया जब ठान ही 
जब आ गये रणभूमि में 
फिर जीत क्या फिर हार क्या 

जब छोड़ दी सुख की कामना 
आरंभ कर दी साधना 
सघर्ष पथ पर बढ़ चले 
फिर फूल क्या अंगार क्या 

संसार का पी, पी गरल 
जब कर लिया मन को सरल 
भगवान शंकर हो गए 
फिर राख क्या श्रंगार क्या




.

©Arpit Mishra

हरिवंश राय बच्चन

13 Love

शोभा हूॅं मैं घर आंगन की, क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं। बार बार तुम खींच रहे जो, अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं। पावन सुत्र के मोती धुमिल अब, समस्त यह गांठ ही रह जाएगी। एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी। ©Ritika Vijay Shrivastava

#कविता #swiftbird  शोभा हूॅं मैं घर आंगन की,
क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं।
बार बार तुम खींच रहे जो,
अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं।
पावन सुत्र के मोती धुमिल अब,
समस्त यह गांठ ही रह जाएगी।
एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी।

©Ritika Vijay Shrivastava

#swiftbird कविता हिंदी कविता हिंदी कविता कुमार विश्वास की कविता कविता कोश

15 Love

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