tags

New पैगाम ए कर्बला Status, Photo, Video

Find the latest Status about पैगाम ए कर्बला from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about पैगाम ए कर्बला.

  • Latest
  • Popular
  • Video

White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  White मन तो बावरा है
अटकता है कभी तो
भटकता है कभी.. 
विरक्त है कभी तो
आसक्त है कभी...
धूप है प्रेम की
तो छाह यादों की कभी!!

डूबता उतरता सा
मचलता, भटकता सा कभी,
कितने रंग समेटे खुद में
हो रहा बदरंग कभी

रे मन..
कैसे पाऊँ थाह तेरी
है तू आस कभी तो
तू है निर्लिप्त कभी

©हिमांशु Kulshreshtha

ए दिल..

19 Love

#कविता  













पद्म श्री स्व. गोपालदास नीरज की कविता

देश के नाम एक पैगाम गोपालदास नीरज जी की कविता।

99 View

#मोहब्बत #शायरी #तन्हा #पैगाम #हसीन #sad_shayari  White रिश्ते तो रिश्ते हैं, इनको कोई नाम न दो।
एहसास ए मोहब्बत का,कोई पैगाम तो दो।।
किस तरह तन्हा खड़े हैं हम राहों में ।
आकर मेरी मोहब्बत को,अंजाम तो दो।।
तेरे बिना मर जायेंगे, इश्क़ में रुस्वा होकर।
आकर मेरे जीवन को,एक हसीं शाम तो दो।।

©Shubham Bhardwaj
#शायरी

ए जिंदगी

162 View

संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो.... कौन गाये करूण कथाएं , तुम तो यौवन सी थिरकती हो काशी में  मणिकर्णिका... क्या तुम उसके जैसी लगती हो  खिला ग़ुलाब चंपा चमेली, मादकता सी लगती हो अधरों पर मीठी मुस्कान,  खिली पंखुड़ियों जैसी लगती हो वीरों के पथ कोमल शोभा सुसज्जित हो, खुद मरने को तत्पर रहती हो  संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती है पल्लव के ये बहुत प्यारे, तुम तो प्रेमिका सी लगती हो.....    जाए के ये धनी माटी, सोना सपूत उपजाती हो तपती मरती विमुक्त जनों से, फिर भी हरियाली से भरी हुई रहती हो  वो श्रंगार बारिशें का , उसमें तो ज्यादा ही जंचती हो जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी तुम लगती हो..... गांवों के किसान तेरे , जैसे पहली मुहब्बत सी लगती हो वो दूर से तुझे निहारें , तुम तो मृगतृष्णा सी क्यों लगती हो छीन क्यों तुम लेती हो , तनय सुख क्यों नहीं जीने देती हो तेरे मिट्टी में मैं मिल जावा, उस पागल से क्यों कहलाती हो न मिले तुझे दिल ए बारिशें, रक्तों की तुम केवल प्यासी हो अगर दिल तेरा भर जाएं तो एक दफा तुम सावन बुलाना रिमझिम रिमझिम बारिश बरसें यौवन की विरह तुम पा जाना संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो........ ©Dev Rishi

#कविता #दिल  संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं 
पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो....
कौन गाये करूण कथाएं , तुम तो यौवन सी थिरकती हो
काशी में  मणिकर्णिका... क्या तुम उसके जैसी लगती हो  


खिला ग़ुलाब चंपा चमेली, 
मादकता सी लगती हो 
अधरों पर मीठी मुस्कान,  
खिली पंखुड़ियों जैसी लगती हो 

वीरों के पथ कोमल शोभा सुसज्जित हो, 
  खुद मरने को तत्पर रहती हो  
संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती है 
पल्लव के ये बहुत प्यारे, तुम तो प्रेमिका सी लगती हो.....



   जाए के ये धनी माटी, सोना सपूत उपजाती हो 
तपती मरती विमुक्त जनों से, फिर भी हरियाली से भरी हुई रहती हो  
वो श्रंगार बारिशें का , उसमें तो ज्यादा ही जंचती हो 
जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी  तुम लगती हो.....


  गांवों के किसान तेरे  , जैसे पहली मुहब्बत सी लगती हो 
वो दूर से तुझे निहारें , तुम तो मृगतृष्णा सी क्यों लगती हो 
 छीन क्यों तुम लेती हो  , तनय सुख क्यों नहीं जीने देती हो  
 तेरे मिट्टी में मैं मिल जावा, उस पागल से क्यों कहलाती हो  

 न मिले तुझे दिल ए बारिशें, रक्तों की तुम केवल प्यासी हो   
अगर दिल तेरा भर जाएं तो  एक दफा तुम सावन बुलाना
रिमझिम रिमझिम बारिश बरसें  यौवन की विरह  तुम पा जाना
संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं 
पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो........

©Dev Rishi

#दिल ए बारिशें

13 Love

ऐ ज़मीं ए करबला, ज़रा बढ़कर इस्तकबाल तो कर! काफ़िला ए नवासा ए रसूल, बढ़ रहा है तुझ तरफ..! मुकबिल है शब ए आशूरा अब तो। हाले आले रसूल अब क्या ही होगा...!! ✍️✍️मुर्तजा ’मोहसिन’ ©Murtaza Ali

#कर्बला #SAD  ऐ ज़मीं ए करबला, ज़रा बढ़कर इस्तकबाल तो कर!
काफ़िला ए नवासा ए रसूल, बढ़ रहा है तुझ तरफ..!
मुकबिल है शब ए आशूरा अब तो।
 हाले आले रसूल अब क्या ही होगा...!!

✍️✍️मुर्तजा ’मोहसिन’

©Murtaza Ali

White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  White मन तो बावरा है
अटकता है कभी तो
भटकता है कभी.. 
विरक्त है कभी तो
आसक्त है कभी...
धूप है प्रेम की
तो छाह यादों की कभी!!

डूबता उतरता सा
मचलता, भटकता सा कभी,
कितने रंग समेटे खुद में
हो रहा बदरंग कभी

रे मन..
कैसे पाऊँ थाह तेरी
है तू आस कभी तो
तू है निर्लिप्त कभी

©हिमांशु Kulshreshtha

ए दिल..

19 Love

#कविता  













पद्म श्री स्व. गोपालदास नीरज की कविता

देश के नाम एक पैगाम गोपालदास नीरज जी की कविता।

99 View

#मोहब्बत #शायरी #तन्हा #पैगाम #हसीन #sad_shayari  White रिश्ते तो रिश्ते हैं, इनको कोई नाम न दो।
एहसास ए मोहब्बत का,कोई पैगाम तो दो।।
किस तरह तन्हा खड़े हैं हम राहों में ।
आकर मेरी मोहब्बत को,अंजाम तो दो।।
तेरे बिना मर जायेंगे, इश्क़ में रुस्वा होकर।
आकर मेरे जीवन को,एक हसीं शाम तो दो।।

©Shubham Bhardwaj
#शायरी

ए जिंदगी

162 View

संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो.... कौन गाये करूण कथाएं , तुम तो यौवन सी थिरकती हो काशी में  मणिकर्णिका... क्या तुम उसके जैसी लगती हो  खिला ग़ुलाब चंपा चमेली, मादकता सी लगती हो अधरों पर मीठी मुस्कान,  खिली पंखुड़ियों जैसी लगती हो वीरों के पथ कोमल शोभा सुसज्जित हो, खुद मरने को तत्पर रहती हो  संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती है पल्लव के ये बहुत प्यारे, तुम तो प्रेमिका सी लगती हो.....    जाए के ये धनी माटी, सोना सपूत उपजाती हो तपती मरती विमुक्त जनों से, फिर भी हरियाली से भरी हुई रहती हो  वो श्रंगार बारिशें का , उसमें तो ज्यादा ही जंचती हो जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी तुम लगती हो..... गांवों के किसान तेरे , जैसे पहली मुहब्बत सी लगती हो वो दूर से तुझे निहारें , तुम तो मृगतृष्णा सी क्यों लगती हो छीन क्यों तुम लेती हो , तनय सुख क्यों नहीं जीने देती हो तेरे मिट्टी में मैं मिल जावा, उस पागल से क्यों कहलाती हो न मिले तुझे दिल ए बारिशें, रक्तों की तुम केवल प्यासी हो अगर दिल तेरा भर जाएं तो एक दफा तुम सावन बुलाना रिमझिम रिमझिम बारिश बरसें यौवन की विरह तुम पा जाना संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो........ ©Dev Rishi

#कविता #दिल  संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं 
पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो....
कौन गाये करूण कथाएं , तुम तो यौवन सी थिरकती हो
काशी में  मणिकर्णिका... क्या तुम उसके जैसी लगती हो  


खिला ग़ुलाब चंपा चमेली, 
मादकता सी लगती हो 
अधरों पर मीठी मुस्कान,  
खिली पंखुड़ियों जैसी लगती हो 

वीरों के पथ कोमल शोभा सुसज्जित हो, 
  खुद मरने को तत्पर रहती हो  
संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती है 
पल्लव के ये बहुत प्यारे, तुम तो प्रेमिका सी लगती हो.....



   जाए के ये धनी माटी, सोना सपूत उपजाती हो 
तपती मरती विमुक्त जनों से, फिर भी हरियाली से भरी हुई रहती हो  
वो श्रंगार बारिशें का , उसमें तो ज्यादा ही जंचती हो 
जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी  तुम लगती हो.....


  गांवों के किसान तेरे  , जैसे पहली मुहब्बत सी लगती हो 
वो दूर से तुझे निहारें , तुम तो मृगतृष्णा सी क्यों लगती हो 
 छीन क्यों तुम लेती हो  , तनय सुख क्यों नहीं जीने देती हो  
 तेरे मिट्टी में मैं मिल जावा, उस पागल से क्यों कहलाती हो  

 न मिले तुझे दिल ए बारिशें, रक्तों की तुम केवल प्यासी हो   
अगर दिल तेरा भर जाएं तो  एक दफा तुम सावन बुलाना
रिमझिम रिमझिम बारिश बरसें  यौवन की विरह  तुम पा जाना
संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं 
पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो........

©Dev Rishi

#दिल ए बारिशें

13 Love

ऐ ज़मीं ए करबला, ज़रा बढ़कर इस्तकबाल तो कर! काफ़िला ए नवासा ए रसूल, बढ़ रहा है तुझ तरफ..! मुकबिल है शब ए आशूरा अब तो। हाले आले रसूल अब क्या ही होगा...!! ✍️✍️मुर्तजा ’मोहसिन’ ©Murtaza Ali

#कर्बला #SAD  ऐ ज़मीं ए करबला, ज़रा बढ़कर इस्तकबाल तो कर!
काफ़िला ए नवासा ए रसूल, बढ़ रहा है तुझ तरफ..!
मुकबिल है शब ए आशूरा अब तो।
 हाले आले रसूल अब क्या ही होगा...!!

✍️✍️मुर्तजा ’मोहसिन’

©Murtaza Ali
Trending Topic