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......... . ©Rajesh Arora

#शायरी  ......... .

©Rajesh Arora

शायरी शायरी दोस्ती शायरी लव शायरी हिंदी शायरी शायरी लव रोमांटिक

14 Love

White पल्लव की डायरी राष्ट्रवाद की जड़ो में, भय भूख और भ्रष्टाचार का जहर भरा जा रहा है विविधता वाला देश हमारा लेकिन इसकी अखण्डता को खण्ड खण्ड किया जा रहा है बड़ बोली हो गयी सियासत एक दुसरो की जाति और धर्मो के प्रति नफरत फैलाकर लूटने,चोरी करने और बेटी को भगाने का मंत्र फूंका जा रहा है तरक्की का नही बचा नेताओ में जज्बा जनता को बांटकर लोकतंत्र का नाटक खेला जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#happy_independence_day #कविता  White पल्लव की डायरी
राष्ट्रवाद की जड़ो में,
भय भूख और भ्रष्टाचार
का जहर भरा जा रहा है
विविधता वाला देश हमारा
लेकिन इसकी अखण्डता को
खण्ड खण्ड किया जा रहा है
बड़ बोली हो गयी सियासत
एक दुसरो की जाति और धर्मो के प्रति 
नफरत फैलाकर
लूटने,चोरी करने और बेटी को भगाने का
मंत्र फूंका जा रहा है
तरक्की का नही बचा नेताओ में जज्बा
जनता को बांटकर
लोकतंत्र का नाटक खेला जा रहा है
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#happy_independence_day तरक्की का नही बचा जज्बा नेताओं में

22 Love

#शायरी

शायरी वीडियो शायरी attitude शायरी दर्द शायरी शायरी लव

90 View

White जीवन में इतनी तरक्की करो कि सितारे भी कहे आप तो हमसे भी ज्यादा चमक रहे हो ©Dinesh Sharma Jind Haryana

#मोटिवेशनल  White जीवन में इतनी तरक्की करो कि सितारे भी कहे आप तो हमसे भी ज्यादा चमक रहे हो

©Dinesh Sharma Jind Haryana

# तरक्की

10 Love

*शीर्षक - तथाकथित मर्द जात* *( व्यंग )* औरत की गलती पर जो तुमको सताते ना समझ जो तुम्हारी ही कमियां गिनाते ना दो ध्यान इन पर , बनो तुम विचारक करो नाम सार्थक , ऐ ! महिला सुधारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* तुम्हारी नहीं , कोई इसमें खता है हैं नजरें ही चंचल ,ये सबको पता है बहक जाता मन , देख सुन्दरताई प्रभु ने ये नेमत , की तुमको अता है नजरें ही करवाती दुष्कृत्य विदारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* ये माथे की बिंदिया ये चूड़ी ये कंगन सुनाई दी कानों में पायल की छन छन तभी तो है मन से ये आवाज़ आई मैं आगोश में लूं तो हो तृप्त तन - मन तुच्छ भावना की, औरत ही कारक *तथाकथित मर्द जात तुम्हे , तरक्की मुबारक* नहीं है सलीका , रहने का इनको समझें नहीं खुद के आगे किसी को ना जाने ही , कैसा गुरूर है इनमें अबला से सबला बनाया है जिन को अच्छा किए बन , गुरूर का तारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* अश्लीलता की , हर हदें पार करतीं नहीं धीर मन में , ये औरत ही धर्ती स्वयं को बचाती , तुम्हे दोषी कह के पर्दे में , आखिर ये क्यूं नहीं रहतीं ? बनना पड़ा , तुमको इनका संहारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* कि सबसे बड़ी , खता इनकी ये है जो गर्भ में पाली , तुम्हें आज ये है हृदय से लगा करके सींचा तुम्हे क्यूं मसल दो इन्हें , सजा इनकी ये है डटे तुम रहो गर , तो बनेगा स्मारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक.....* *✍️ *अपर्णा त्रिपाठी "मासूम"* ✍️ ✍️ *महराजगंज ✍️**से ©मासूम

#कोट्स  *शीर्षक - तथाकथित मर्द जात*
     *( व्यंग )*

औरत की गलती पर जो तुमको सताते
ना समझ जो तुम्हारी ही कमियां गिनाते
ना दो ध्यान इन पर , बनो तुम विचारक
करो नाम सार्थक , ऐ ! महिला सुधारक
*तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक*

तुम्हारी नहीं , कोई इसमें खता है
हैं नजरें ही चंचल ,ये सबको पता है
बहक जाता मन , देख सुन्दरताई
प्रभु ने ये नेमत , की तुमको अता है

नजरें ही करवाती दुष्कृत्य विदारक
*तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक*

ये माथे की बिंदिया ये चूड़ी ये कंगन
सुनाई दी कानों में पायल की छन छन
तभी तो है मन से ये आवाज़ आई
मैं आगोश में लूं तो हो तृप्त तन - मन

तुच्छ भावना की, औरत ही कारक
*तथाकथित मर्द जात तुम्हे , तरक्की मुबारक*

नहीं  है  सलीका , रहने  का  इनको
समझें नहीं खुद के आगे किसी को
ना  जाने ही , कैसा  गुरूर  है  इनमें
अबला से सबला बनाया है जिन को

अच्छा किए बन , गुरूर का तारक
*तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक*

अश्लीलता की , हर हदें पार करतीं
नहीं धीर मन में , ये औरत ही धर्ती 
स्वयं को बचाती , तुम्हे दोषी कह के
पर्दे में , आखिर ये क्यूं नहीं रहतीं ?

बनना पड़ा , तुमको इनका संहारक
*तथाकथित मर्द जात ,  तुम्हे तरक्की मुबारक*

कि सबसे बड़ी , खता इनकी ये है
जो गर्भ में पाली , तुम्हें आज ये है
हृदय से लगा करके सींचा तुम्हे क्यूं
मसल  दो  इन्हें , सजा इनकी ये है

डटे तुम रहो गर , तो बनेगा स्मारक
*तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक.....*

 *✍️ *अपर्णा त्रिपाठी "मासूम"* ✍️
          ✍️ *महराजगंज ✍️**से

©मासूम

तथाकथित मर्द जात तुम्हें तरक्की मुबारक#outofsight गोल्डन कोट्स इन हिंदी

13 Love

तेरे ऑनलाइन इश्क़ ने कंही का ना छोड़ा शायर था मैं तूने बना दिया इंटरनेट पर घोड़ा दो साल का था तेरा टाइमपास इश्क़ मुझसे अब बोलती है तु ना डाल मेरी राहों में रोड़ा... ©Sangam Pipe Line Wala

#शायरी  तेरे ऑनलाइन इश्क़ ने कंही का ना छोड़ा
शायर था मैं तूने बना दिया इंटरनेट पर घोड़ा
दो साल का था तेरा टाइमपास इश्क़ मुझसे
अब बोलती है तु ना डाल मेरी राहों में रोड़ा...

©Sangam Pipe Line Wala

शायरी attitude शायरी शायरी लव शेरो शायरी शायरी वीडियो

19 Love

......... . ©Rajesh Arora

#शायरी  ......... .

©Rajesh Arora

शायरी शायरी दोस्ती शायरी लव शायरी हिंदी शायरी शायरी लव रोमांटिक

14 Love

White पल्लव की डायरी राष्ट्रवाद की जड़ो में, भय भूख और भ्रष्टाचार का जहर भरा जा रहा है विविधता वाला देश हमारा लेकिन इसकी अखण्डता को खण्ड खण्ड किया जा रहा है बड़ बोली हो गयी सियासत एक दुसरो की जाति और धर्मो के प्रति नफरत फैलाकर लूटने,चोरी करने और बेटी को भगाने का मंत्र फूंका जा रहा है तरक्की का नही बचा नेताओ में जज्बा जनता को बांटकर लोकतंत्र का नाटक खेला जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#happy_independence_day #कविता  White पल्लव की डायरी
राष्ट्रवाद की जड़ो में,
भय भूख और भ्रष्टाचार
का जहर भरा जा रहा है
विविधता वाला देश हमारा
लेकिन इसकी अखण्डता को
खण्ड खण्ड किया जा रहा है
बड़ बोली हो गयी सियासत
एक दुसरो की जाति और धर्मो के प्रति 
नफरत फैलाकर
लूटने,चोरी करने और बेटी को भगाने का
मंत्र फूंका जा रहा है
तरक्की का नही बचा नेताओ में जज्बा
जनता को बांटकर
लोकतंत्र का नाटक खेला जा रहा है
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#happy_independence_day तरक्की का नही बचा जज्बा नेताओं में

22 Love

#शायरी

शायरी वीडियो शायरी attitude शायरी दर्द शायरी शायरी लव

90 View

White जीवन में इतनी तरक्की करो कि सितारे भी कहे आप तो हमसे भी ज्यादा चमक रहे हो ©Dinesh Sharma Jind Haryana

#मोटिवेशनल  White जीवन में इतनी तरक्की करो कि सितारे भी कहे आप तो हमसे भी ज्यादा चमक रहे हो

©Dinesh Sharma Jind Haryana

# तरक्की

10 Love

*शीर्षक - तथाकथित मर्द जात* *( व्यंग )* औरत की गलती पर जो तुमको सताते ना समझ जो तुम्हारी ही कमियां गिनाते ना दो ध्यान इन पर , बनो तुम विचारक करो नाम सार्थक , ऐ ! महिला सुधारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* तुम्हारी नहीं , कोई इसमें खता है हैं नजरें ही चंचल ,ये सबको पता है बहक जाता मन , देख सुन्दरताई प्रभु ने ये नेमत , की तुमको अता है नजरें ही करवाती दुष्कृत्य विदारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* ये माथे की बिंदिया ये चूड़ी ये कंगन सुनाई दी कानों में पायल की छन छन तभी तो है मन से ये आवाज़ आई मैं आगोश में लूं तो हो तृप्त तन - मन तुच्छ भावना की, औरत ही कारक *तथाकथित मर्द जात तुम्हे , तरक्की मुबारक* नहीं है सलीका , रहने का इनको समझें नहीं खुद के आगे किसी को ना जाने ही , कैसा गुरूर है इनमें अबला से सबला बनाया है जिन को अच्छा किए बन , गुरूर का तारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* अश्लीलता की , हर हदें पार करतीं नहीं धीर मन में , ये औरत ही धर्ती स्वयं को बचाती , तुम्हे दोषी कह के पर्दे में , आखिर ये क्यूं नहीं रहतीं ? बनना पड़ा , तुमको इनका संहारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* कि सबसे बड़ी , खता इनकी ये है जो गर्भ में पाली , तुम्हें आज ये है हृदय से लगा करके सींचा तुम्हे क्यूं मसल दो इन्हें , सजा इनकी ये है डटे तुम रहो गर , तो बनेगा स्मारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक.....* *✍️ *अपर्णा त्रिपाठी "मासूम"* ✍️ ✍️ *महराजगंज ✍️**से ©मासूम

#कोट्स  *शीर्षक - तथाकथित मर्द जात*
     *( व्यंग )*

औरत की गलती पर जो तुमको सताते
ना समझ जो तुम्हारी ही कमियां गिनाते
ना दो ध्यान इन पर , बनो तुम विचारक
करो नाम सार्थक , ऐ ! महिला सुधारक
*तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक*

तुम्हारी नहीं , कोई इसमें खता है
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बहक जाता मन , देख सुन्दरताई
प्रभु ने ये नेमत , की तुमको अता है

नजरें ही करवाती दुष्कृत्य विदारक
*तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक*

ये माथे की बिंदिया ये चूड़ी ये कंगन
सुनाई दी कानों में पायल की छन छन
तभी तो है मन से ये आवाज़ आई
मैं आगोश में लूं तो हो तृप्त तन - मन

तुच्छ भावना की, औरत ही कारक
*तथाकथित मर्द जात तुम्हे , तरक्की मुबारक*

नहीं  है  सलीका , रहने  का  इनको
समझें नहीं खुद के आगे किसी को
ना  जाने ही , कैसा  गुरूर  है  इनमें
अबला से सबला बनाया है जिन को

अच्छा किए बन , गुरूर का तारक
*तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक*

अश्लीलता की , हर हदें पार करतीं
नहीं धीर मन में , ये औरत ही धर्ती 
स्वयं को बचाती , तुम्हे दोषी कह के
पर्दे में , आखिर ये क्यूं नहीं रहतीं ?

बनना पड़ा , तुमको इनका संहारक
*तथाकथित मर्द जात ,  तुम्हे तरक्की मुबारक*

कि सबसे बड़ी , खता इनकी ये है
जो गर्भ में पाली , तुम्हें आज ये है
हृदय से लगा करके सींचा तुम्हे क्यूं
मसल  दो  इन्हें , सजा इनकी ये है

डटे तुम रहो गर , तो बनेगा स्मारक
*तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक.....*

 *✍️ *अपर्णा त्रिपाठी "मासूम"* ✍️
          ✍️ *महराजगंज ✍️**से

©मासूम

तथाकथित मर्द जात तुम्हें तरक्की मुबारक#outofsight गोल्डन कोट्स इन हिंदी

13 Love

तेरे ऑनलाइन इश्क़ ने कंही का ना छोड़ा शायर था मैं तूने बना दिया इंटरनेट पर घोड़ा दो साल का था तेरा टाइमपास इश्क़ मुझसे अब बोलती है तु ना डाल मेरी राहों में रोड़ा... ©Sangam Pipe Line Wala

#शायरी  तेरे ऑनलाइन इश्क़ ने कंही का ना छोड़ा
शायर था मैं तूने बना दिया इंटरनेट पर घोड़ा
दो साल का था तेरा टाइमपास इश्क़ मुझसे
अब बोलती है तु ना डाल मेरी राहों में रोड़ा...

©Sangam Pipe Line Wala

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