tags

New सामाजिक सरोकार Status, Photo, Video

Find the latest Status about सामाजिक सरोकार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about सामाजिक सरोकार.

  • Latest
  • Popular
  • Video

जिनकी जिंदगी में सब उनके अनुरूप चला, वो नास्तिक कहलाए। "मै" बड़ा है उनके लिए। जो संघर्ष के बावजूद तमाम ना हासिल कर पाए वो आस्तिक कहलाए। दोष रोपण के लिए ईश्वर को तलाश लिया। ओर दोनों ही लगभग निरर्थक हैं or मूल से दूर हैं। ©बाबा ब्राऊनबियर्ड

 जिनकी जिंदगी में सब उनके अनुरूप चला,
वो नास्तिक कहलाए।
"मै" बड़ा है उनके लिए।

जो संघर्ष  के बावजूद तमाम ना हासिल कर पाए
वो आस्तिक कहलाए।
दोष रोपण के लिए ईश्वर को तलाश लिया।

ओर दोनों ही लगभग निरर्थक हैं or मूल से दूर हैं।

©बाबा ब्राऊनबियर्ड

ज्यादा चक्र म मत पड़ो, सामाजिक नियम और मानविक नियम बिल्कुल अलग हैं। 🙏

24 Love

#वीडियो

विदाई समारोह को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि अनुशासित और सकारात्मक सोच रखने वाली अधिकारी के तौर पर रम्या आर को याद रखा

126 View

#बलात्कार #सामाजिक #मुद्दा #वीडियो #अदनासा #हिंदी  बलात्कार का कलंक समाज पर 😔
#जीन_लगें_हैं_अब #nojotohindipoetry #nojotohindi  जीने लगें हैं अब

सारे गमों को पीछे छोड़,
देखो जीने लगे हैं अब।
लोगों की फ़िक्रों को छोड़,
देखो बढ़ने लगे हैं अब।

नज़रअंदाज़ किया उनको,
जिसने भी कांँटे बोए हैं।
क्या कहें अब हम उनको,
वे खुद ही कर्मों पर रोए हैं।

उन्हें उनके हाल पर छोड़,
सपने बुनने लगे हैं अब।
उन सपनों को अपने जोड़,
देखो जीने लगे हैं अब।

क्यों करनी है उनकी चिंता,
उनसे क्या सरोकार है अब।
नकाब के पीछे है जो चेहरा,
उन पर कहाँ एतबार है अब।

आशाओं को जो हटाया,
देखो जीने लगे हैं अब।
स्वयं को फिर सुदृढ़ पाया,
और संवरने लगे हैं अब।
.....................................
देवेश दीक्षित
स्वरचित एवं मौलिक

©Devesh Dixit

#जीन_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, द

261 View

#जीने_लगें_हैं_अब #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  जीने लगें हैं अब

सारे गमों को पीछे छोड़,
देखो जीने लगे हैं अब।
लोगों की फ़िक्रों को छोड़,
देखो बढ़ने लगे हैं अब।

नज़रअंदाज़ किया उनको,
जिसने भी कांँटे बोए हैं।
क्या कहें अब हम उनको,
वे खुद ही कर्मों पर रोए हैं।

उन्हें उनके हाल पर छोड़,
सपने बुनने लगे हैं अब।
उन सपनों को अपने जोड़,
देखो जीने लगे हैं अब।

क्यों करनी है उनकी चिंता,
उनसे क्या सरोकार है अब।
नकाब के पीछे है जो चेहरा,
उन पर कहाँ एतबार है अब।

आशाओं को जो हटाया,
देखो जीने लगे हैं अब।
स्वयं को फिर सुदृढ़ पाया,
और संवरने लगे हैं अब।
.....................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#जीने_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़,

207 View

जिनकी जिंदगी में सब उनके अनुरूप चला, वो नास्तिक कहलाए। "मै" बड़ा है उनके लिए। जो संघर्ष के बावजूद तमाम ना हासिल कर पाए वो आस्तिक कहलाए। दोष रोपण के लिए ईश्वर को तलाश लिया। ओर दोनों ही लगभग निरर्थक हैं or मूल से दूर हैं। ©बाबा ब्राऊनबियर्ड

 जिनकी जिंदगी में सब उनके अनुरूप चला,
वो नास्तिक कहलाए।
"मै" बड़ा है उनके लिए।

जो संघर्ष  के बावजूद तमाम ना हासिल कर पाए
वो आस्तिक कहलाए।
दोष रोपण के लिए ईश्वर को तलाश लिया।

ओर दोनों ही लगभग निरर्थक हैं or मूल से दूर हैं।

©बाबा ब्राऊनबियर्ड

ज्यादा चक्र म मत पड़ो, सामाजिक नियम और मानविक नियम बिल्कुल अलग हैं। 🙏

24 Love

#वीडियो

विदाई समारोह को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि अनुशासित और सकारात्मक सोच रखने वाली अधिकारी के तौर पर रम्या आर को याद रखा

126 View

#बलात्कार #सामाजिक #मुद्दा #वीडियो #अदनासा #हिंदी  बलात्कार का कलंक समाज पर 😔
#जीन_लगें_हैं_अब #nojotohindipoetry #nojotohindi  जीने लगें हैं अब

सारे गमों को पीछे छोड़,
देखो जीने लगे हैं अब।
लोगों की फ़िक्रों को छोड़,
देखो बढ़ने लगे हैं अब।

नज़रअंदाज़ किया उनको,
जिसने भी कांँटे बोए हैं।
क्या कहें अब हम उनको,
वे खुद ही कर्मों पर रोए हैं।

उन्हें उनके हाल पर छोड़,
सपने बुनने लगे हैं अब।
उन सपनों को अपने जोड़,
देखो जीने लगे हैं अब।

क्यों करनी है उनकी चिंता,
उनसे क्या सरोकार है अब।
नकाब के पीछे है जो चेहरा,
उन पर कहाँ एतबार है अब।

आशाओं को जो हटाया,
देखो जीने लगे हैं अब।
स्वयं को फिर सुदृढ़ पाया,
और संवरने लगे हैं अब।
.....................................
देवेश दीक्षित
स्वरचित एवं मौलिक

©Devesh Dixit

#जीन_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, द

261 View

#जीने_लगें_हैं_अब #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  जीने लगें हैं अब

सारे गमों को पीछे छोड़,
देखो जीने लगे हैं अब।
लोगों की फ़िक्रों को छोड़,
देखो बढ़ने लगे हैं अब।

नज़रअंदाज़ किया उनको,
जिसने भी कांँटे बोए हैं।
क्या कहें अब हम उनको,
वे खुद ही कर्मों पर रोए हैं।

उन्हें उनके हाल पर छोड़,
सपने बुनने लगे हैं अब।
उन सपनों को अपने जोड़,
देखो जीने लगे हैं अब।

क्यों करनी है उनकी चिंता,
उनसे क्या सरोकार है अब।
नकाब के पीछे है जो चेहरा,
उन पर कहाँ एतबार है अब।

आशाओं को जो हटाया,
देखो जीने लगे हैं अब।
स्वयं को फिर सुदृढ़ पाया,
और संवरने लगे हैं अब।
.....................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#जीने_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़,

207 View

Trending Topic