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चाय की गर्माहट सी हो तुम सर्दियों में खिल आई धूप सी हो तुम कहते हैं जिसे सुकून - ए - दिल वही लफ़्जों से परे सुकून हो तुम ©Author Munesh sharma 'Nirjhara'

#feelings #teatime #sukoon #sher  चाय की गर्माहट सी हो तुम
सर्दियों में खिल आई धूप सी हो तुम
कहते हैं जिसे सुकून - ए - दिल
वही लफ़्जों से परे सुकून हो तुम

©Author Munesh sharma 'Nirjhara'

Sher

117 View

जाने कौन कौन सी शिकायतों का शिकार हो गए जितना दिल को साफ रखा उतना बदनाम हो गए ©Zahid Akhtar

#shayri #sher  जाने कौन कौन सी 
शिकायतों का 
शिकार हो गए
जितना दिल को 
साफ रखा
उतना बदनाम हो गए

©Zahid Akhtar

#sher #shayri

11 Love

White आग पानी में वो लगाता है ख़ूँ पसीने से जो नहाता है जब अँधेरे से डर नहीं लगता तो चराग़ों को क्यूॅं जलाता है रौशनी की कमी नहीं है पर ये अँधेरा ही मुझको भाता है मैंने ग़म पे कहे हैं इतने शेर अब तो ग़म भी ग़ज़ल सुनाता है रोज़ तन्हाई मुस्कुराती है रोज़ दिल को कोई दुखाता है ©ABhishek Parashar

#ghazal #sher  White आग पानी में वो लगाता है
ख़ूँ पसीने से जो नहाता है

जब अँधेरे से डर नहीं लगता
तो चराग़ों को क्यूॅं जलाता है

रौशनी की कमी नहीं है पर
ये अँधेरा ही मुझको भाता है

मैंने ग़म पे कहे हैं इतने शेर
अब तो ग़म भी ग़ज़ल सुनाता है

रोज़ तन्हाई मुस्कुराती है
रोज़ दिल को कोई दुखाता है

©ABhishek Parashar

#ghazal #sher #Shayari poetry in hindi

13 Love

White ख़बर झूठी थी और अख़बार जाली थे कहानी के सभी किरदार जाली थे सर-ए-बाज़ार नफ़रत बिक रही थी और मोहब्बत से भरे बाज़ार जाली थे मैं कैसे दुश्मनों का सामना करता दिए जो दोस्त ने हथियार जाली थे यक़ीं होता नहीं इस बात पर लेकिन यक़ीं कर दोस्त मेरे यार जाली थे मैं अब जो कहता हूँ सच कहता हूँ यारो मिरे पहले के सब अशआर जाली थे सभी मर कर समझ जाएँगे इक दिन ये मोहब्बत दोस्ती घर-बार जाली थे ©ABhishek Parashar

#ghazal #sher  White ख़बर झूठी थी और अख़बार जाली थे
कहानी के सभी किरदार जाली थे

सर-ए-बाज़ार नफ़रत बिक रही थी और
मोहब्बत से भरे बाज़ार जाली थे

मैं कैसे दुश्मनों का सामना करता
दिए जो दोस्त ने हथियार जाली थे

यक़ीं होता नहीं इस बात पर लेकिन
यक़ीं कर दोस्त मेरे यार जाली थे

मैं अब जो कहता हूँ सच कहता हूँ यारो
मिरे पहले के सब अशआर जाली थे

सभी मर कर समझ जाएँगे इक दिन ये
मोहब्बत दोस्ती घर-बार जाली थे

©ABhishek Parashar

#ghazal #sher shayari on life

13 Love

#Motivational

sher

54 View

चाय की गर्माहट सी हो तुम सर्दियों में खिल आई धूप सी हो तुम कहते हैं जिसे सुकून - ए - दिल वही लफ़्जों से परे सुकून हो तुम ©Author Munesh sharma 'Nirjhara'

#feelings #teatime #sukoon #sher  चाय की गर्माहट सी हो तुम
सर्दियों में खिल आई धूप सी हो तुम
कहते हैं जिसे सुकून - ए - दिल
वही लफ़्जों से परे सुकून हो तुम

©Author Munesh sharma 'Nirjhara'

Sher

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जाने कौन कौन सी शिकायतों का शिकार हो गए जितना दिल को साफ रखा उतना बदनाम हो गए ©Zahid Akhtar

#shayri #sher  जाने कौन कौन सी 
शिकायतों का 
शिकार हो गए
जितना दिल को 
साफ रखा
उतना बदनाम हो गए

©Zahid Akhtar

#sher #shayri

11 Love

White आग पानी में वो लगाता है ख़ूँ पसीने से जो नहाता है जब अँधेरे से डर नहीं लगता तो चराग़ों को क्यूॅं जलाता है रौशनी की कमी नहीं है पर ये अँधेरा ही मुझको भाता है मैंने ग़म पे कहे हैं इतने शेर अब तो ग़म भी ग़ज़ल सुनाता है रोज़ तन्हाई मुस्कुराती है रोज़ दिल को कोई दुखाता है ©ABhishek Parashar

#ghazal #sher  White आग पानी में वो लगाता है
ख़ूँ पसीने से जो नहाता है

जब अँधेरे से डर नहीं लगता
तो चराग़ों को क्यूॅं जलाता है

रौशनी की कमी नहीं है पर
ये अँधेरा ही मुझको भाता है

मैंने ग़म पे कहे हैं इतने शेर
अब तो ग़म भी ग़ज़ल सुनाता है

रोज़ तन्हाई मुस्कुराती है
रोज़ दिल को कोई दुखाता है

©ABhishek Parashar

#ghazal #sher #Shayari poetry in hindi

13 Love

White ख़बर झूठी थी और अख़बार जाली थे कहानी के सभी किरदार जाली थे सर-ए-बाज़ार नफ़रत बिक रही थी और मोहब्बत से भरे बाज़ार जाली थे मैं कैसे दुश्मनों का सामना करता दिए जो दोस्त ने हथियार जाली थे यक़ीं होता नहीं इस बात पर लेकिन यक़ीं कर दोस्त मेरे यार जाली थे मैं अब जो कहता हूँ सच कहता हूँ यारो मिरे पहले के सब अशआर जाली थे सभी मर कर समझ जाएँगे इक दिन ये मोहब्बत दोस्ती घर-बार जाली थे ©ABhishek Parashar

#ghazal #sher  White ख़बर झूठी थी और अख़बार जाली थे
कहानी के सभी किरदार जाली थे

सर-ए-बाज़ार नफ़रत बिक रही थी और
मोहब्बत से भरे बाज़ार जाली थे

मैं कैसे दुश्मनों का सामना करता
दिए जो दोस्त ने हथियार जाली थे

यक़ीं होता नहीं इस बात पर लेकिन
यक़ीं कर दोस्त मेरे यार जाली थे

मैं अब जो कहता हूँ सच कहता हूँ यारो
मिरे पहले के सब अशआर जाली थे

सभी मर कर समझ जाएँगे इक दिन ये
मोहब्बत दोस्ती घर-बार जाली थे

©ABhishek Parashar

#ghazal #sher shayari on life

13 Love

#Motivational

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