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New कविता दलाल पहलवान Status, Photo, Video

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तरक्की का मतलब क्या? चूल्हे पर जलती धीमी लौ, कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो। झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ, जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ। सालों के सफ़र में ये हाथ थके, ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे। इस घर की नींव में उनके पसीने, आज अकेले, बिन किसी साए के जीने। तरक्की का मतलब क्या हुआ? अगर माँ-बाप का सहारा ना बना। जिन्होंने हर मुश्किल सह ली, उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए। दुनिया आगे बढ़ती जाती, पर ये उम्र ठहर सी जाती। सफलता का क्या मतलब है अगर, उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर? ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द, ना झलके आँखों में कोई सर्द। तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे, जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे। ©Amrendra Kumar Thakur

#कविता #oldage  तरक्की का मतलब क्या?


चूल्हे पर जलती धीमी लौ,
कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो।
झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ,
जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ।

सालों के सफ़र में ये हाथ थके,
ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे।
इस घर की नींव में उनके पसीने,
आज अकेले, बिन किसी साए के जीने।

तरक्की का मतलब क्या हुआ?
अगर माँ-बाप का सहारा ना बना।
जिन्होंने हर मुश्किल सह ली,
उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए।

दुनिया आगे बढ़ती जाती,
पर ये उम्र ठहर सी जाती।
सफलता का क्या मतलब है अगर,
उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर?

ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द,
ना झलके आँखों में कोई सर्द।
तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे,
जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे।

©Amrendra Kumar Thakur

#oldage हिंदी कविता कविता कोश कविता हिंदी कविता

13 Love

 White हर इम्तेहान में रहे वो अव्वल
जिंदगी का रुख देख टूटा मनोबल
किताबी बातें काम न आईं 
फलसफा नहीं है ये जिंदगी असल
यहां ईमानदारी की नही कीमत कोई
सच्चाई एक अकेले कोने में रोई 
यहां किताबों का न होता अमल
यहां कर्मों का उल्टा मिलता फल ।।

©NC

#Sad_shayri #कविता हिंदी कविता कविता हिंदी कविता

171 View

#कविता #sad_shayari

#sad_shayari प्रेम कविता प्यार पर कविता हिंदी कविता कविता हिंदी कविता

108 View

White किसी से दो पल का आत्मीय संवाद, हृदय के बोझ को कितना कम कर देता है।" मैं सोचता हूँ, नदियाँ समंदर की ओर क्यों भागती है, हवाएँ क्यों बेचैन और गतिमान है, ये धरती, ग्रह, नक्षत्र, सबके-सब घूमते क्यों हैं? चंद्रमा अनंत काल से यात्रा पर क्यों है, और ये समंदर उद्वेलित और दग्ध क्यों रहता है? क्या ये भी हमारी तरह आत्मीय संवाद के लिए किसी की तलाश में है? ©Vikram Kumar Anujaya

#कविता #moon_day  White किसी से दो पल का आत्मीय संवाद,
हृदय के बोझ को कितना कम कर देता है।"
मैं सोचता हूँ, 
नदियाँ समंदर की ओर क्यों भागती है,
हवाएँ क्यों बेचैन और गतिमान है,
ये धरती, ग्रह, नक्षत्र,
सबके-सब घूमते क्यों हैं?
चंद्रमा अनंत काल से यात्रा पर क्यों है,
और ये समंदर उद्वेलित और दग्ध क्यों रहता है?
क्या ये भी हमारी तरह आत्मीय संवाद
के लिए किसी की तलाश में है?

©Vikram Kumar Anujaya

#moon_day कविता कोश हिंदी कविता कविता प्रेम कविता हिंदी कविता

16 Love

#पापा उंगली पकड़कर चलना सिखाया, कंधे पर बैठा कर शहर है घुमाया,  आप को पाकर लगता है ऐसा,  आपके रूप में प्रभु को है पाया| आप ही तो मेरी जिंदगी हो, ओ मेरे पापा,  पापा पापा मेरे पापा, Mere Papa. Papa mere papa.. धूप में मेरी छाया बने हो,  मुसीबत में बने मेरा सहारा,  आपका जो मिला मुझे साथ,  निखिल फिर कभी नहीं हारा  आप ही तो मेरी जिंदगी हो, ओ मेरे पापा, पापा पापा मेरे पापा, Mere Papa.  Papa mere papa..  हर सपनों को मेरे पूरा है किया, जो चाहिए था बिन मांगे हैं दिया, आई जो मुझ पर कभी कोई आंच, उसको आप ने अपने सर है लिया| आप ही तो मेरी जिंदगी हो, ओ मेरे पापा, पापा पापा मेरे पापा, Mere Papa.  Papa mere papa.. ©शर्मा निखिल

#कविता #पापा #foryoupapa  #पापा 

उंगली पकड़कर चलना सिखाया,
कंधे पर बैठा कर शहर है घुमाया, 
आप को पाकर लगता है ऐसा, 
आपके रूप में प्रभु को है पाया|

आप ही तो मेरी जिंदगी हो,
ओ मेरे पापा, 
पापा पापा मेरे पापा,
Mere Papa.
Papa mere papa..

धूप में मेरी छाया बने हो, 
मुसीबत में बने मेरा सहारा, 
आपका जो मिला मुझे साथ, 
निखिल फिर कभी नहीं हारा 

आप ही तो मेरी जिंदगी हो,
ओ मेरे पापा,
पापा पापा मेरे पापा,
Mere Papa. 
Papa mere papa.. 

हर सपनों को मेरे पूरा है किया,
जो चाहिए था बिन मांगे हैं दिया,
आई जो मुझ पर कभी कोई आंच,
उसको आप ने अपने सर है लिया|

आप ही तो मेरी जिंदगी हो,
ओ मेरे पापा,
पापा पापा मेरे पापा,
Mere Papa. 
Papa mere papa..

©शर्मा निखिल

#foryoupapa हिंदी कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविता कोश

13 Love

पैर पड़कर गधा बना पहलवान कर पत्नी को आगे पैर पड़कर गधा बना पहलवान अब वह समझ रहा है खुद को भगवान वह मर्द नहीं वह तो है नामर्द जैसा जो अपनी पत्नी से करवाता है सिफारिश और पत्नी की सिफारिश से बना है वह पहलवान जिनके पैर पकड़ कर बना वह पहलवान अब उन्हीं के गले की बना रहा फांसी के फंदे बाली सा वह घर में छुप कर बैठा है और बाहर पत्नी से खुद की सिफारिश करवाता है एकबार बना दो मेरे पति को ही पहलवान मैं करवा दूंगी सबको मालामाल ©DR. LAVKESH GANDHI

 पैर पड़कर गधा बना पहलवान 

कर पत्नी को आगे 
पैर पड़कर गधा बना पहलवान
अब वह समझ रहा है खुद को भगवान 
वह मर्द नहीं वह तो है नामर्द जैसा 
जो अपनी पत्नी से करवाता है सिफारिश 
और पत्नी की सिफारिश से बना है वह पहलवान 
जिनके पैर पकड़ कर बना वह पहलवान 
अब उन्हीं के गले की बना रहा फांसी के फंदे 
बाली सा वह घर में छुप कर बैठा है 
और बाहर पत्नी से खुद की सिफारिश करवाता है 
एकबार बना दो मेरे पति को ही पहलवान 
मैं करवा दूंगी सबको मालामाल

©DR. LAVKESH GANDHI

#aaina # #गधा बना पहलवान# #गधा_भी_एक_प्राणी_है #

16 Love

तरक्की का मतलब क्या? चूल्हे पर जलती धीमी लौ, कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो। झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ, जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ। सालों के सफ़र में ये हाथ थके, ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे। इस घर की नींव में उनके पसीने, आज अकेले, बिन किसी साए के जीने। तरक्की का मतलब क्या हुआ? अगर माँ-बाप का सहारा ना बना। जिन्होंने हर मुश्किल सह ली, उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए। दुनिया आगे बढ़ती जाती, पर ये उम्र ठहर सी जाती। सफलता का क्या मतलब है अगर, उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर? ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द, ना झलके आँखों में कोई सर्द। तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे, जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे। ©Amrendra Kumar Thakur

#कविता #oldage  तरक्की का मतलब क्या?


चूल्हे पर जलती धीमी लौ,
कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो।
झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ,
जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ।

सालों के सफ़र में ये हाथ थके,
ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे।
इस घर की नींव में उनके पसीने,
आज अकेले, बिन किसी साए के जीने।

तरक्की का मतलब क्या हुआ?
अगर माँ-बाप का सहारा ना बना।
जिन्होंने हर मुश्किल सह ली,
उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए।

दुनिया आगे बढ़ती जाती,
पर ये उम्र ठहर सी जाती।
सफलता का क्या मतलब है अगर,
उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर?

ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द,
ना झलके आँखों में कोई सर्द।
तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे,
जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे।

©Amrendra Kumar Thakur

#oldage हिंदी कविता कविता कोश कविता हिंदी कविता

13 Love

 White हर इम्तेहान में रहे वो अव्वल
जिंदगी का रुख देख टूटा मनोबल
किताबी बातें काम न आईं 
फलसफा नहीं है ये जिंदगी असल
यहां ईमानदारी की नही कीमत कोई
सच्चाई एक अकेले कोने में रोई 
यहां किताबों का न होता अमल
यहां कर्मों का उल्टा मिलता फल ।।

©NC

#Sad_shayri #कविता हिंदी कविता कविता हिंदी कविता

171 View

#कविता #sad_shayari

#sad_shayari प्रेम कविता प्यार पर कविता हिंदी कविता कविता हिंदी कविता

108 View

White किसी से दो पल का आत्मीय संवाद, हृदय के बोझ को कितना कम कर देता है।" मैं सोचता हूँ, नदियाँ समंदर की ओर क्यों भागती है, हवाएँ क्यों बेचैन और गतिमान है, ये धरती, ग्रह, नक्षत्र, सबके-सब घूमते क्यों हैं? चंद्रमा अनंत काल से यात्रा पर क्यों है, और ये समंदर उद्वेलित और दग्ध क्यों रहता है? क्या ये भी हमारी तरह आत्मीय संवाद के लिए किसी की तलाश में है? ©Vikram Kumar Anujaya

#कविता #moon_day  White किसी से दो पल का आत्मीय संवाद,
हृदय के बोझ को कितना कम कर देता है।"
मैं सोचता हूँ, 
नदियाँ समंदर की ओर क्यों भागती है,
हवाएँ क्यों बेचैन और गतिमान है,
ये धरती, ग्रह, नक्षत्र,
सबके-सब घूमते क्यों हैं?
चंद्रमा अनंत काल से यात्रा पर क्यों है,
और ये समंदर उद्वेलित और दग्ध क्यों रहता है?
क्या ये भी हमारी तरह आत्मीय संवाद
के लिए किसी की तलाश में है?

©Vikram Kumar Anujaya

#moon_day कविता कोश हिंदी कविता कविता प्रेम कविता हिंदी कविता

16 Love

#पापा उंगली पकड़कर चलना सिखाया, कंधे पर बैठा कर शहर है घुमाया,  आप को पाकर लगता है ऐसा,  आपके रूप में प्रभु को है पाया| आप ही तो मेरी जिंदगी हो, ओ मेरे पापा,  पापा पापा मेरे पापा, Mere Papa. Papa mere papa.. धूप में मेरी छाया बने हो,  मुसीबत में बने मेरा सहारा,  आपका जो मिला मुझे साथ,  निखिल फिर कभी नहीं हारा  आप ही तो मेरी जिंदगी हो, ओ मेरे पापा, पापा पापा मेरे पापा, Mere Papa.  Papa mere papa..  हर सपनों को मेरे पूरा है किया, जो चाहिए था बिन मांगे हैं दिया, आई जो मुझ पर कभी कोई आंच, उसको आप ने अपने सर है लिया| आप ही तो मेरी जिंदगी हो, ओ मेरे पापा, पापा पापा मेरे पापा, Mere Papa.  Papa mere papa.. ©शर्मा निखिल

#कविता #पापा #foryoupapa  #पापा 

उंगली पकड़कर चलना सिखाया,
कंधे पर बैठा कर शहर है घुमाया, 
आप को पाकर लगता है ऐसा, 
आपके रूप में प्रभु को है पाया|

आप ही तो मेरी जिंदगी हो,
ओ मेरे पापा, 
पापा पापा मेरे पापा,
Mere Papa.
Papa mere papa..

धूप में मेरी छाया बने हो, 
मुसीबत में बने मेरा सहारा, 
आपका जो मिला मुझे साथ, 
निखिल फिर कभी नहीं हारा 

आप ही तो मेरी जिंदगी हो,
ओ मेरे पापा,
पापा पापा मेरे पापा,
Mere Papa. 
Papa mere papa.. 

हर सपनों को मेरे पूरा है किया,
जो चाहिए था बिन मांगे हैं दिया,
आई जो मुझ पर कभी कोई आंच,
उसको आप ने अपने सर है लिया|

आप ही तो मेरी जिंदगी हो,
ओ मेरे पापा,
पापा पापा मेरे पापा,
Mere Papa. 
Papa mere papa..

©शर्मा निखिल

#foryoupapa हिंदी कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविता कोश

13 Love

पैर पड़कर गधा बना पहलवान कर पत्नी को आगे पैर पड़कर गधा बना पहलवान अब वह समझ रहा है खुद को भगवान वह मर्द नहीं वह तो है नामर्द जैसा जो अपनी पत्नी से करवाता है सिफारिश और पत्नी की सिफारिश से बना है वह पहलवान जिनके पैर पकड़ कर बना वह पहलवान अब उन्हीं के गले की बना रहा फांसी के फंदे बाली सा वह घर में छुप कर बैठा है और बाहर पत्नी से खुद की सिफारिश करवाता है एकबार बना दो मेरे पति को ही पहलवान मैं करवा दूंगी सबको मालामाल ©DR. LAVKESH GANDHI

 पैर पड़कर गधा बना पहलवान 

कर पत्नी को आगे 
पैर पड़कर गधा बना पहलवान
अब वह समझ रहा है खुद को भगवान 
वह मर्द नहीं वह तो है नामर्द जैसा 
जो अपनी पत्नी से करवाता है सिफारिश 
और पत्नी की सिफारिश से बना है वह पहलवान 
जिनके पैर पकड़ कर बना वह पहलवान 
अब उन्हीं के गले की बना रहा फांसी के फंदे 
बाली सा वह घर में छुप कर बैठा है 
और बाहर पत्नी से खुद की सिफारिश करवाता है 
एकबार बना दो मेरे पति को ही पहलवान 
मैं करवा दूंगी सबको मालामाल

©DR. LAVKESH GANDHI

#aaina # #गधा बना पहलवान# #गधा_भी_एक_प्राणी_है #

16 Love

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