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सुनो फलानी 😐🤣 मै तुम्हारे लिए व्रत रखूंगी ❤️ ऐसा कहकर 🙄Class जाकर 😂 समोचा कचौडी खाने वालियों याद रखना इस बार करवा चौथ #sunday को है🤣😂 सोचा बता दूं 🤧😂😂😂 ©s गोल्डी

#Sunday  सुनो फलानी 😐🤣

मै  तुम्हारे लिए  व्रत रखूंगी ❤️

 ऐसा कहकर 🙄Class जाकर 😂

 समोचा कचौडी खाने वालियों   याद रखना इस बार 

करवा चौथ #sunday को है🤣😂

सोचा बता दूं 🤧😂😂😂

©s गोल्डी

सुनो फलानी 😐🤣 मै तुम्हारे लिए व्रत रखूंगी ❤️ ऐसा कहकर 🙄ऑफिस जाकर 😂 समोचा कचौडी खाने वालियों याद रखना इस बार

14 Love

White अपना कहकरआप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकात हे, फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे हिसाब मांगती है अश्कों का गोरे गाल पर रोज़ फिर क्यु बरसते हो खुले आसमान में,चांद से मिलाकर आंखें, हुस्नकी नज़ाकत,फिर क्यूं चुराया करते हो बैताब इस दिलमे बहुत तमन्नाएं बसी है, उम्मीदों का बाजार खुला फिर क्यूं रखते हो खाक और मीट्टीमे, कुछ भी फर्क कहां है? फिक्र ज़िंदगीमे बेफिजूल ,फिर क्यूं करते हैं आसान कहां है ?फरमाएं इश्क़ मिज़ाज, हकीकी मैं हाल ए दिल फिर क्यूं मचलते हो ©Mohanbhai आनंद

#GoodMorning #Quotes  White अपना  कहकरआप,फिर ग़ैर समझते हो
गैराना ताल्लुकात हे, फिर क्यु उलझते हौ

बेहाल आखे हिसाब मांगती है अश्कों का
गोरे गाल पर रोज़ फिर क्यु बरसते हो 

खुले आसमान में,चांद से मिलाकर आंखें,
हुस्नकी नज़ाकत,फिर क्यूं चुराया करते हो

बैताब  इस दिलमे बहुत तमन्नाएं बसी है,
उम्मीदों का बाजार खुला फिर क्यूं रखते हो

खाक और मीट्टीमे, कुछ भी फर्क कहां है?
फिक्र ज़िंदगीमे बेफिजूल ,फिर क्यूं करते हैं 

आसान कहां है ?फरमाएं इश्क़ मिज़ाज,
हकीकी मैं हाल ए दिल फिर क्यूं मचलते हो

©Mohanbhai आनंद

#GoodMorning अपना कहकरआप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकातमे फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे हिसाब मांगती है अश्कों का गोरे गाल पर रोज़ फि

13 Love

White ‏‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎صرف ایک ہی شخص کو اجازت ہے بےادبی کی ورنہ... مجھے سخت نفرت ہے "تم" کہہ کر بلانے والوں سے... सिर्फ एक ही शख़्स को इजाज़त है बे-अदबी की वरना , मुझे सख़्त नफ़रत है, "तुम" कहकर बुलाने वालों से.... ©Arshu....

#SAD  White ‏‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎صرف ایک ہی شخص کو اجازت ہے بےادبی کی ورنہ...
مجھے سخت نفرت ہے "تم" کہہ کر بلانے والوں سے... 

सिर्फ एक ही शख़्स को इजाज़त है बे-अदबी की वरना ,
मुझे सख़्त नफ़रत है, "तुम" कहकर बुलाने वालों से....

©Arshu....

‏‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎صرف ایک ہی شخص کو اجازت ہے بےادبی کی ورنہ مجھے سخت نفرت ہے "تم" کہہ کر بلانے والوں سے सिर्फ एक ही शख़्स को इजाज़त है बे-अदबी की

15 Love

#कविता #adnaruka_styale #Sad_Status #adnaruka #Trading  White कहकर अलविदा वो मुझको, 
कहीं गुम हो गया |
नये रास्ते ढूंढ़ने निकला था ,
उन्ही रास्तों में कहीं गुम हो गया ||

©A.D. Naruka

#Sad_Status कहकर अलविदा वो मुझको, कहीं गुम हो गया | नये रास्ते ढूंढ़ने निकला था , उन्ही रास्तों में कहीं गुम हो गया || #adnaruka #adnaruka_

135 View

#शायरी #Thinking  White आसान ही थी जबतक नादान थी जिंदगी 

समझदारी ने मुश्किलें पैदा कर दी " मौत का सफर " कहकर .....!

©gaTTubaba

#Thinking आसान ही थी जबतक नादान थी जिंदगी समझदारी ने मुश्किलें पैदा कर दी " मौत का सफर " कहकर .....!

180 View

विधा   कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याधि न आती एक , कष्ट सारे हर लेते ।। भवसागर की राह , दिखाते कहकर बच्चा । कर लेते तुम काश , प्रेम इस जग से सच्चा ।। राधा-राधा नाम का , कर ले बन्दे जाप । मिट जाये तेरे सभी , जीवन के संताप ।। जीवन के संताप , हरे सब राधा माई । यह है दृढ़ विश्वास , न झोली खाली आई ।। सही लगन से नाम , जाप जिसने है साधा । उसके ही दुख दूर  , करे माँ मेरी राधा ।। राधा रानी खेलती , थाम कृष्ण का हाथ । सखी सहेली जीव सब , खेलें उनके साथ ।। खेलें उनके साथ ,  निकट यमुना के तट पर । आया जो आनंद ,  सुनायें सखियां कहकर ।। उन दोनो के बीच , न आये कोई बाधा । सखी कृष्ण के साथ , खेलती देखो राधा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  विधा   कुण्डलिया :-
सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ ।
हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।।
रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते ।
व्याधि न आती एक , कष्ट सारे हर लेते ।।
भवसागर की राह , दिखाते कहकर बच्चा ।
कर लेते तुम काश , प्रेम इस जग से सच्चा ।।

राधा-राधा नाम का , कर ले बन्दे जाप ।
मिट जाये तेरे सभी , जीवन के संताप ।।
जीवन के संताप , हरे सब राधा माई ।
यह है दृढ़ विश्वास , न झोली खाली आई ।।
सही लगन से नाम , जाप जिसने है साधा ।
उसके ही दुख दूर  , करे माँ मेरी राधा ।।

राधा रानी खेलती , थाम कृष्ण का हाथ ।
सखी सहेली जीव सब , खेलें उनके साथ ।।
खेलें उनके साथ ,  निकट यमुना के तट पर ।
आया जो आनंद ,  सुनायें सखियां कहकर ।।
उन दोनो के बीच , न आये कोई बाधा ।
सखी कृष्ण के साथ , खेलती देखो राधा ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विधा   कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याध

13 Love

सुनो फलानी 😐🤣 मै तुम्हारे लिए व्रत रखूंगी ❤️ ऐसा कहकर 🙄Class जाकर 😂 समोचा कचौडी खाने वालियों याद रखना इस बार करवा चौथ #sunday को है🤣😂 सोचा बता दूं 🤧😂😂😂 ©s गोल्डी

#Sunday  सुनो फलानी 😐🤣

मै  तुम्हारे लिए  व्रत रखूंगी ❤️

 ऐसा कहकर 🙄Class जाकर 😂

 समोचा कचौडी खाने वालियों   याद रखना इस बार 

करवा चौथ #sunday को है🤣😂

सोचा बता दूं 🤧😂😂😂

©s गोल्डी

सुनो फलानी 😐🤣 मै तुम्हारे लिए व्रत रखूंगी ❤️ ऐसा कहकर 🙄ऑफिस जाकर 😂 समोचा कचौडी खाने वालियों याद रखना इस बार

14 Love

White अपना कहकरआप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकात हे, फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे हिसाब मांगती है अश्कों का गोरे गाल पर रोज़ फिर क्यु बरसते हो खुले आसमान में,चांद से मिलाकर आंखें, हुस्नकी नज़ाकत,फिर क्यूं चुराया करते हो बैताब इस दिलमे बहुत तमन्नाएं बसी है, उम्मीदों का बाजार खुला फिर क्यूं रखते हो खाक और मीट्टीमे, कुछ भी फर्क कहां है? फिक्र ज़िंदगीमे बेफिजूल ,फिर क्यूं करते हैं आसान कहां है ?फरमाएं इश्क़ मिज़ाज, हकीकी मैं हाल ए दिल फिर क्यूं मचलते हो ©Mohanbhai आनंद

#GoodMorning #Quotes  White अपना  कहकरआप,फिर ग़ैर समझते हो
गैराना ताल्लुकात हे, फिर क्यु उलझते हौ

बेहाल आखे हिसाब मांगती है अश्कों का
गोरे गाल पर रोज़ फिर क्यु बरसते हो 

खुले आसमान में,चांद से मिलाकर आंखें,
हुस्नकी नज़ाकत,फिर क्यूं चुराया करते हो

बैताब  इस दिलमे बहुत तमन्नाएं बसी है,
उम्मीदों का बाजार खुला फिर क्यूं रखते हो

खाक और मीट्टीमे, कुछ भी फर्क कहां है?
फिक्र ज़िंदगीमे बेफिजूल ,फिर क्यूं करते हैं 

आसान कहां है ?फरमाएं इश्क़ मिज़ाज,
हकीकी मैं हाल ए दिल फिर क्यूं मचलते हो

©Mohanbhai आनंद

#GoodMorning अपना कहकरआप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकातमे फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे हिसाब मांगती है अश्कों का गोरे गाल पर रोज़ फि

13 Love

White ‏‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎صرف ایک ہی شخص کو اجازت ہے بےادبی کی ورنہ... مجھے سخت نفرت ہے "تم" کہہ کر بلانے والوں سے... सिर्फ एक ही शख़्स को इजाज़त है बे-अदबी की वरना , मुझे सख़्त नफ़रत है, "तुम" कहकर बुलाने वालों से.... ©Arshu....

#SAD  White ‏‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎صرف ایک ہی شخص کو اجازت ہے بےادبی کی ورنہ...
مجھے سخت نفرت ہے "تم" کہہ کر بلانے والوں سے... 

सिर्फ एक ही शख़्स को इजाज़त है बे-अदबी की वरना ,
मुझे सख़्त नफ़रत है, "तुम" कहकर बुलाने वालों से....

©Arshu....

‏‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎صرف ایک ہی شخص کو اجازت ہے بےادبی کی ورنہ مجھے سخت نفرت ہے "تم" کہہ کر بلانے والوں سے सिर्फ एक ही शख़्स को इजाज़त है बे-अदबी की

15 Love

#कविता #adnaruka_styale #Sad_Status #adnaruka #Trading  White कहकर अलविदा वो मुझको, 
कहीं गुम हो गया |
नये रास्ते ढूंढ़ने निकला था ,
उन्ही रास्तों में कहीं गुम हो गया ||

©A.D. Naruka

#Sad_Status कहकर अलविदा वो मुझको, कहीं गुम हो गया | नये रास्ते ढूंढ़ने निकला था , उन्ही रास्तों में कहीं गुम हो गया || #adnaruka #adnaruka_

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#शायरी #Thinking  White आसान ही थी जबतक नादान थी जिंदगी 

समझदारी ने मुश्किलें पैदा कर दी " मौत का सफर " कहकर .....!

©gaTTubaba

#Thinking आसान ही थी जबतक नादान थी जिंदगी समझदारी ने मुश्किलें पैदा कर दी " मौत का सफर " कहकर .....!

180 View

विधा   कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याधि न आती एक , कष्ट सारे हर लेते ।। भवसागर की राह , दिखाते कहकर बच्चा । कर लेते तुम काश , प्रेम इस जग से सच्चा ।। राधा-राधा नाम का , कर ले बन्दे जाप । मिट जाये तेरे सभी , जीवन के संताप ।। जीवन के संताप , हरे सब राधा माई । यह है दृढ़ विश्वास , न झोली खाली आई ।। सही लगन से नाम , जाप जिसने है साधा । उसके ही दुख दूर  , करे माँ मेरी राधा ।। राधा रानी खेलती , थाम कृष्ण का हाथ । सखी सहेली जीव सब , खेलें उनके साथ ।। खेलें उनके साथ ,  निकट यमुना के तट पर । आया जो आनंद ,  सुनायें सखियां कहकर ।। उन दोनो के बीच , न आये कोई बाधा । सखी कृष्ण के साथ , खेलती देखो राधा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  विधा   कुण्डलिया :-
सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ ।
हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।।
रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते ।
व्याधि न आती एक , कष्ट सारे हर लेते ।।
भवसागर की राह , दिखाते कहकर बच्चा ।
कर लेते तुम काश , प्रेम इस जग से सच्चा ।।

राधा-राधा नाम का , कर ले बन्दे जाप ।
मिट जाये तेरे सभी , जीवन के संताप ।।
जीवन के संताप , हरे सब राधा माई ।
यह है दृढ़ विश्वास , न झोली खाली आई ।।
सही लगन से नाम , जाप जिसने है साधा ।
उसके ही दुख दूर  , करे माँ मेरी राधा ।।

राधा रानी खेलती , थाम कृष्ण का हाथ ।
सखी सहेली जीव सब , खेलें उनके साथ ।।
खेलें उनके साथ ,  निकट यमुना के तट पर ।
आया जो आनंद ,  सुनायें सखियां कहकर ।।
उन दोनो के बीच , न आये कोई बाधा ।
सखी कृष्ण के साथ , खेलती देखो राधा ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विधा   कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याध

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